रविवार, 12 जनवरी 2020


शाकाहार को बना रहे मांसाहार ? http://suniljainrana.blogspot.com/
January 12, 2020 • सुनील जैन राना • धर्म
भौतिक युग दे रहा दुःख - खत्म हो रहा भाईचारा क्योकि भोजन सही नहीं है हमारा ?
मांसाहार जो करे सो करे लेकिन शाकाहारी क्यों करे?लेकिन कुछ ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जिससे शाकाहारी भी मांसाहार की तरफ प्रेरित हो। विज्ञापन आते हैं -रोज खाओ अंडे -मैं छत पर वेज़ नहीं खाती आदि-आदि। जिससे बच्चें प्रेरित हो रहे हैं। वास्तव में इसमें अधिकांश गलती शाकाहारियों की ही है। हमने अपने बच्चों को मजबूती से अच्छे संस्कार क्यों नहीं दिए ?जिस घर में बड़ो ने बच्चों को भी खानपान में भक्ष -अभक्ष के बारे में अच्छे से बताया है उस घर में आज भी नॉनवेज तो दूर अभक्ष भी नहीं खाया जाता।ऐसा एक घर हमारा भी है।
शाकाहारी जनमानस क्यों अपने घर के समारोह आदि में वेज़ कबाब आदि नाम से शाकाहारी व्यंजन बनवाता है?आज वेज़ कबाब बना है कल वेज़ चिकन बनेगा। हमारे घर के बड़े -बुजुर्गो की दृष्टि इस पर क्यों नहीं जाती है?क्यों हमारे घर के बच्चे नॉनवेज रेस्टोरेंट में पिज्जा आदि खाने जाते हैं?क्यों नहीं घर के बड़े उन्हें यह समझते हैं की जहां नॉनवेज बनता है वहां का वेज़ नहीं खाना चाहिए?क्योंकि ऐसे जगहों पर घी-तेल-करी आदि मिक्स होती है?शाकाहार के लिए पहले हमें खुद को बदलना होगा।
हमें शाकाहार पर हरे निशान और मांसाहार पर लाल निशान के प्रति भी जागरूक होना चाहिए। खाद्य विभाग और fassi द्वारा खाद्य पदार्थो पर हरा या लाल निशान होना अनिवार्य किया गया है। यदि हमें लगता है कोई वस्तु में शाकाहारी के नाम पर मांसाहार दिया जा रहा है तो हम स्थानीय खाद्य विभाग में उसकी शिकायत कर सकते हैं। यहीं नियम दवाइयों पर भी लागू होता है। हमें यानि शाकाहारियों को दवाई खरीदने से पहले उसके बारे में पता कर लेना चाहिए। अपने डॉक्टर से वेज़ दवाई लिखने को कहना चाहिए।
मांसाहार का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है, इसे रोका जाना सम्भव नहीं है। हमे खुद से ही अपने और अपने परिवार में जागरूकता लानी होगी की क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए ?खाद्य पदार्थो पर लाल -हरे निशान के प्रति बच्चों को जागरूक करना चाहिए।शाकाहारियों को ब्याह -शादियों में पूर्ण शाकाहारी भोजन बनवाना चाहिए। किसी भी व्यंजन का नाम मांसाहारी जैसा नहीं रखवाना चाहिए। पहले खुद को बदलो जमाने को नहीं।   * सुनील जैन राना *

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