शनिवार, 11 मई 2024

कांग्रेस ?

क्या हो गया है कांग्रेस को ? पहले इंद्रा गांधी वाली कांग्रेस थी आज राहुल गांधी वाली कांग्रेस है। पहले कभी हिंदुत्व का ऎसा विरोध नहीं हुआ जैसा आज हो रहा है। बल्कि इंद्रा गांधी तो अपने गले में रुद्राक्ष की माला पहनती थी। उनके समय मे गरीबी हटाओ ही प्रमुख नारा था लेकिन आज .... आज राहुल गांधी की कांग्रेस में खुद राहुल गांधी कहते हैं मैं किसी हिदुत्व को नहीं मानता। लेकिन वोटों की खातिर भगवा धोती-कुर्ता पहनकर मन्दिर में पूजा- अर्चना करते दिखाई दे जाते हैं। यह बात दूसरी है की उन्हें मन्दिर के किर्या कलाप नहीं आते हैं। मतलब हिन्दू का वोट चाहिए और हिंदुत्व से दूरी भी। ऐसा कैसे चलेगा ? बहुसंख्यक हिन्दू समाज को दरकिनार कर सिर्फ एक समुदाय के वोटों से तो जीत हासिल नहीं हो सकती। राहुल गांधी से भी आगे निकल गए कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी। जिन्होंने पहले तो यह कहा था की मोदी आ गया तो देश मे सनातन छा जाएगा अर्थात देश मे से सनातन को खत्म करना। अब एक वीडियो में एक मुस्लिम सभा मे खड़गे जी कह रहे हैं कि अब कांग्रेस के नेता हिंदुओ के घर मे घुसकर उनकी तिजोरी तोड़कर उसमें से धन निकालकर मुसलमानों में बाटेंगे। जिसके ज्यादा बच्चें हैं उसे ज्यादा धन मिलेगा। भारत जैसे देश मे खड़गे जी का यह व्यक्तव्य मन को झिंझोड़ कर रख देता है की यदि कांग्रेस सत्ता में आ गई तो देश में क्या होने वाला है? इससे भी ज्यादा भयाभय मणिशंकर अय्यर जैसे नेता जो पाकिस्तान परस्त ही नहीं बल्कि भारत को पाकिस्तान बनाने की फिराक में हैं। जो पाकिस्तान जाकर वहां भाषण में कहते हैं कि मोदी को हटाने में कांग्रेस की मदद करो। ऐसे अनेको कांग्रेसी नेता जो भारत मे रहकर भारत के विरुद्ध जहर उगला रहे हैं। कन्हैया जैसे टुकड़े गैंग के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जो देश के टुकड़े ही कर देना चाहते हो। कितना दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है ऐसा होना। यह हाल जब है की पाकिस्तान की जनता मोदी- मोदी कर रही है। पाकिस्तान के नेता और कांग्रेस के नेता मोदी हटाओ कर रहे हैं। कांग्रेस ने 60 साल राज किया मुस्लिमों को वोटबैंक बनाया लेकिन मुस्लिमों के लिये कार्य नहीं किया। अब जब कांग्रेस खत्म होने के कगार पर है तब मुस्लिमों की याद आ रही है। याद करिए यूपीए 2 में व्याप्त भ्र्ष्टाचार के कारण ही जनता ने इन्हें सत्ता से बेदखल किया था। लाखों करोड़ की लूट मच रही थी यूपीए 2 में। अब मोदी सरकार में किसी पर भी भ्र्ष्टाचार का आरोप नहीं है। देश आगे बढ़ रहा है। विदर्शो में भी भारत की धूम मची है। आलोचना चाहे जितनी करलो लेकिन प्रत्येक क्षेत्र में विकास हो रहा है। देश को यही चाहिए। सुनील जैन राना

सांडे का तेल

क्या है सांडे के तेल की हकीकत... आठवीं पास करके जब इंटर कॉलेज में एडमीशन हुआ। तो एकदम नई दुनिया खुल गई। साइकिल से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित इंटर कॉलेज जाने लगा। रास्ते में तमाम दुनिया के नजारे इंतजार करते बैठे रहते। ऐसी एक स्मृति सड़क के किनारे लगे मजमे की भी है। इसमें एक आदमी कई सारी बड़ी छिपकलियों को एक दरी पर बिछाकर और उनमें से कुछ को बर्तन में भूनते हुए दिखता। इसे ही वो सांडे का तेल कहता। इस सांडे के तेल की तमाम महिमा का बखान करके वह बेचता। उसकी जुबान बंद नहीं होती। वो लगातार बोलता रहता और तेल से भरी हुई शीशी को बेचता भी रहता। बाद में कभी जब उस सांडे की असली कहानी के बारे में पता चला तो मन जाने कितनी वितृष्णाओं से भर गया। आप भी जानिए सांडे के बारे में। नीचे लिखे शब्द, पंक्तियां और जानकारी सभी कुछ वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अरविंद यादव के हैं। उनसे साभार लेकर आपके साथ साझा कर रहा हूं।------ आइए आज बात करते हैं एक एसे सुन्दर, शान्त, विषहीन, निरीह, किसान हितैषी और क्षतिशून्य प्राणी की जो बलि चढ़ गया मनुष्यों की कामोत्तेजना बढ़ाने की अंतहीन लालसा की। यह जीव है साण्डा। नाम भ्रमित करता है परन्तु यह एक मध्यम आकार की छिपकली है जो थार मरुस्थल में पाई जाती है। Indian Spiny Tailed Lizard or Saraa hardwickii. गोल मुंह, चपटी थूथन, मटमैला भूरा रंग, पीठ पर काले धब्बे, झुर्रीदार खाल और हल्के नीले बैंगनी रंग की कांटेदार पूंछ इस शर्मीले सरीसृप को एक डरावना रुप देते हैं। दरअसल यह एक ठण्डे लहू का प्राणी है जो सर्दियों में 4 महीने जमीन के नीचे शीत-निद्रा में रहती है। इसी शीत-निद्रा के लिए साण्डा अपनी पूंछ में चर्बी जमा कर लेता है और यही चर्बी इस की मौत का कारण है। न तो ईश्वर ने इसे विष ग्रन्थि दी है और न ही विष दन्त। अरे इस बेचारे के मुंह में तो दांत भी नहीं हैं। और तो और यह छिपकली भारत की अकेली शाकाहारी है जो पत्ते खाती है। कभी कन्नौज (उत्तर प्रदेश) से ले कर संपूर्ण थार मरुस्थल, पाकिस्तान और कच्छ के रण तक इस का विस्तार था परन्तु अंधाधुंध शिकार ने इसे पश्चिमी थार तक सीमित कर दिया है। पाकिस्तान में तो लगभग समाप्त ही हो गई। पोखरण और महाजन में फैले सेना की चांदमारी के इलाके में ही फल फूल रही है। गरीब के लिए पेट की भूख मिटाने को मांस और अमीर के लिए वासना की आग बुझाने को कामोत्तेजक तेल और वो भी एक आसान शिकार से - लुप्त होने का सही नुस्खा। पहले अवैध शिकारी बिल में धुआं भर कर इन्हें आसानी से पकड़ लेते हैं। फिर पीठ पर डंडे से मार कर इस की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी जाती है ताकि वह भाग न सके। 10-20 छिपकलियों को एक बोरे में भर कर सड़क के किनारे अपनी दुकान लगा लेते हैं। ग्राहक के आने पर इस अधमरे प्राणी को जिंदा ही सूखी और गर्म कड़ाही में डाल दिया जाता है जहां ये तड़प तड़प कर मर जाते हैं। पूंछ में जमा 5-10 ग्राम चर्बी पिघल जाती है जो शीशी में डाल कर बेची जाती है लिंग वर्धक और गुप्त रोगों की औषधि के नाम पर जब कि असल में यह दवाई है ही नहीं- इसमें होता है पॉली अन्सेच्युरेटेड फैटी एसिड। बचे हुए भुने मांस को या तो शिकारी खुद खा लेते हैं या उसे भी बेच देते हैं। यह अद्भुत प्राणी मरुस्थल इलाके के नाजुक पारितंत्र (Ecosystem) में पहले से कमजोर आहार श्रृंखला और अति जटिल जीवन चक्र का एक मजबूत हिस्सा है। रेतीली वनस्पति के विस्तार के साथ साथ बहुत से मरूस्थलीय स्तनधारियों और प्रवासी शिकारी पक्षियों का यह अकेला आहार है। आइए इस निरीह और लुप्तप्राय प्राणी को बचाने का प्रयास करें। मरुस्थल का पारितंत्र (Ecosystem) बहू मूल्य है। इसे भ्रान्तिपूर्ण कारणो से नष्ट न होने दें। जंगलकथा

गुरुवार, 2 मई 2024

चोर पर निबंध

*चोर पर लिखा एक निबंध* 👇 *"चोर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं"* लोगों को यह मजाक या गलत लग सकता है लेकिन यह वाकई ध्यान देने लायक विषय है। आप खुद देखिए कितनी इंडस्ट्री इनपर निर्भर हैं, और ये कितना एम्प्लॉयमेंट जेनरेट करते हैं... चोरों के लिए तिजोरियाँ, ताले और अलमारियाँ हैं। चोरों की वजह से घरों की खिड़कियों पर ग्रिल लगी होती हैं, दरवाजे लगे होते हैं, दरवाजे बंद होते हैं, इतना ही नहीं बल्कि बाहर सुरक्षा दरवाजे भी होते हैं। चोरों के कारण घर/सोसायटी के चारों ओर एक परिसर, एक गेट, गेट पर 24 घंटे का चौकीदार और चौकीदार के लिए एक वर्दी होती है। चोरों की वजह से न सिर्फ सीसीटीवी, मेटल डिटेक्टर बल्कि साइबर सेल भी हैं। चोरों के कारण पुलिस है, पुलिस चौकी है, स्टेशन है, गाड़ियाँ हैं, डंडे हैं, राइफलें हैं, रिवाल्वर हैं और गोलियाँ हैं। चोर के कारण ही अदालत है, अदालत में जज, वकील, क्लर्क और जमानतदार हैं। चोरों के कारण जेलें हैं, जेलर हैं, जेलों में पुलिस है। मोबाइल, लैपटॉप, कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, साइकिल, वाहन जैसी कई उपयोग में आने वाली चीजें चोरी हो जाती हैं तो लोग नई खरीद लेते हैं, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है। चोर है तो देश विदेश की मीडिया की भी रोजी रोटी चलती है। ये सब पढ़ने के बाद अब आपको यकीन हो जाएगा कि चोर ही सिस्टम की रीढ़ हैं. 😂🥴😝