शनिवार, 30 मार्च 2024

स्वाध्याय

*स्वाध्याय से लाभ* ⭕ आकुलता कम करने का उपाय 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ दुख कम करने का उपाय 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ सुखी होने का उपाय 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ सम्यक दर्शन प्राप्त करने का उपाय 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕शांत रहने का उपाय *👉🏽स्वाध्याय* ⭕ शीतल रहने का उपाय * 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ सरल और सहज रहने का उपाय 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ धार्मिक विवादों से निकलने का उपाय 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ मान कषाय से बचने का उपाय 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ पाप कर्मों से बचने का उपाय 👉🏽 *स्वाध्याय* *⭕ वस्तु स्वरूप समझने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* *⭕ जीव अजीव की पहचान समझने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ *निरोगी रहने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ *रोग आ भी जाए तो उस स्थिति में जीने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ *व्यापार एवं नौकरी आदि में नुकसान हो जाए तो उस परिस्थिति से मानसिक रूप से बाहर निकलने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* *⭕ शरीर और आत्मा को भिन्न समझने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* *⭕ मिले हुए संयोग स्त्री, पुत्र, बच्चे, मकान, जमीन, जायजाद, वैभव, धन आदि के माध्यम से बंधने वाले कर्मों के बंधनों से छुड़ाने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ *व्यवहार और निश्चय के अंतर को समझने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ *जिनको कभी हम पाप नहीं समझते थे उस पुण्य और पाप का अंतर को समझने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ *अपने किसी ईष्ट परिवार जन का वियोग हो जाए , उस स्थिति में रहने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* *⭕ अपने पराये का और स्वयं का बोध करने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* *⭕ मिथ्यात्व से छुटने और छुड़ाने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* *⭕ पूर्व में बंधे हुए कर्मों से छूटने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ *नए कर्म ना बंधे उससे बचने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* *⭕सच्ची जिनवाणी को समझने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* *⭕ मैं स्वयं भगवान आत्मा हूं , स्वभाव से शांत रहने वाला भगवान ही हूं , भगवान के समान निराकुल सिर्फ जानने देखने वाला ही हूं , अभी पर्याय दृष्टि से भिन्न हूं परंतु मेरा स्वभाव यही है स्वयं को भगवान जानने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* ⭕ *सिद्ध अवस्था तक पहुंचाने का उपाय* 👉🏽 *स्वाध्याय* 🙏🙏🙏

शनिवार, 23 मार्च 2024

केजरीवाल गए जेल

केजरीवाल का सच से सामना अन्ना हज़ारे के आंदोलन से निकला एक पतला दुबला एक सरकारी अफसर। जिसने भ्र्ष्टाचार पर लंबे-लंबे भाषण देकर जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। जिसने अपने बच्चों की कसमें खाकर पद पर बैठकर किसी भी प्रकार की सुख सुविधा, गाड़ी, बंगला लेने से मना किया। केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर काबिज होकर भी भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध बड़ी-बड़ी बातें करते रहे। लेकिन भ्र्ष्टाचार के आरोपो में उनके मंत्री जेल जाते रहे। इसी बीच उन्होंने अपने लिये करोड़ो की लागत से एक शीशमहल भी बनवा लिया। उन्होंने जोड़तोड़ की राजनीति का विरोध किया लेकिन खुद गठबंधन में शामिल हो गए। सैंकड़ो पन्नो के सबूत जो कांग्रेस के विरुद्ध लेकर आये थे उन्ही के साथ मिल गए। जिस ईडी पर आरोप लगाते थे की वह कांग्रेस पर कार्यवाही नहीं करती आज उसी ईडी पर उंगली उठा रहे हैं। अपने भाषणों में सबको चोर बताने वाले केजरीवाल बहुत चतुर दिमाग के धनी हैं। भ्र्ष्टाचार कहाँ, कैसे होता है यह सब जानते हैं। इसी कारण उन्होंने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा। सदैव दूसरों के कंधों पर बंदूक चलाना जारी रखा। कोई कितना भी शातिर हो यदि गलत किया है तो कभी न कभी शिकंजे में आ ही जाता है। यही केजरीवाल के साथ हुआ। 22 मार्च 2024 को केजरीवाल को गिरफ़्तार कर लिया गया। अब उन्हें सच से सामना करना ही होगा। विपक्ष अक्सर केंद्र सरकार पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाता है। लेकिन विपक्ष यह नहीं सोचता की ईडी बिना सबूतों के किसी को जेल नहीं भेज सकती। यदि कोई बेदाग है तो न्यायालय से उसे न्याय जरूर मिलेगा। सुनील जैन राना

रविवार, 17 मार्च 2024

नाई का बिल

💠 *दाढ़ी मात्र रु.10/-* 💠 ---------------------- विद्युत वितरण कंपनी में सेवारत एक अधिकारी दाढ़ी बनवाने एक सैलून में गये और सैलून में लगे बोर्ड को पढ़ने लगे. 😗 👉 दाढ़ी --------- ₹.10/- 👉 ब्लेड अधिभार. ₹. 2/- 👉 उस्तरा भाड़ा .. ₹. 3/- 👉 क्रीम ---------- ₹. 5/- 👉 कैंची भाड़ा -- ₹. 3/- 👉 कुर्सी भाड़ा -- ₹.10/- 👉 लोशन -------- ₹. 7/- 👉 पाउडर ------- ₹. 5/- 👉 नेपकिन भाड़ा. ₹. 5/- -------------------------------- योग ......... ₹. 50/- -------------------------------- बोर्ड पढ़कर अधिकारीजी बोले :-- तुम तो कमाल करते हो यार ..!! दाढ़ी मात्र १० रु. लिखकर अन्य दूसरे छुपे खर्चे जोड़कर ग्राहकों को 'लूटते' हो ? 😉 सैलून स्वामी : -- मेरे द्वारा इस बोर्ड पर शुद्ध हिन्दी में और सुपाठ्य बड़े अक्षरों में स्पष्ट लिखने से मेरे काम पर टिप्पणी कर रहे हो साहब .? और आपकी महावितरण कंपनी में सालों से उपभोक्ताओं के साथ "महाछल" जारी है , उसका क्या ? 👉 स्थायी प्रभार 👉 विद्युत प्रभार 👉 विद्युत वहन प्रभार 👉 ईंधन समायोजन प्रभार 👉 विद्युत शुल्क 👉 विद्युत बिक्री कर, 👉 ब्याज, 👉 अन्य प्रभार 👉 चालू विद्युत देयक, 👉 पूर्व बकाया 👉 समायोजित राशि 👉 बकाया ब्याज राशि 👉 कुल बकाया राशि 👉 कुल देयक राशि .... पूर्णांक देयक... अब आप ही बतायें.... ऐसे विद्युत बिल पर आज तक कितने लोगों ने आपत्ति जताई ? और..... 🚶 महावितरण अधिकारी दाढ़ी बनवाये बिना ही लौट गये. 🎯 आम उपभोक्ताओं की आँखें खुलने तक शेयर करें. 👉 ( बदलाव फिर भी नहीं होगा. ) जब तक जनता लुट जाने को तैयार है , तब तक "महावितरण कंपनी" की लूट जारी है. 💠 जागो...! ग्राहक जागो...!! 💠 🔔 ●/ /▌ Copied / \

शनिवार, 16 मार्च 2024

नकली दवा का कारोबार

नकली दवाई, आतंकवाद जैसी कार्यवाही देश में नकली दवाइयां बनाकर बेचने वाले माफिया सक्रिय हैं। उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं की उनके इस कुकृत्यों से लोगों की जान भी जाती है। उन्हें तो सिर्फ धन कमाने की आपदा है फिर चाहे कुछ भी हो। इस माफिया गिरोह में नकली दवाई बनाने वाला, उससे दवाई लेकर बेचने वाला, दवाई खरीदने वाले अस्पताल के कर्मचारी- डॉक्टर आदि सभी जिम्मेदार हैं। जिस जगह दवाई बन रही है उस जगह के ड्रग अधिकारी भी जिम्मेदार हैं। नकली दवाई- इंजेक्शन आदि का इस्तेमाल आतंकवाद जैसी कार्यवाही है। जिसमे न जाने कितने लोगों की जान चली जाए। नकली दवाई का कारोबार आपस मे मिलीभगत के कारण फलफूल रहा है। नकली दवा बनाने वाला, बनवाने वाले से लेकर सीधे अस्पताल के डॉक्टर- कर्मचारी का आपस मे गठबंधन ही नकली दवा के कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। कैंसर जैसी बीमारी के मरीज को कैंसर की नकली दवा दी जायेगी तो सोचो मरीज का क्या हाल होगा। वह तो बेचारा पहले ही केंसर जैसी बीमारी से मरनासन्न पड़ा है ऊपर से उसे मिल रही है नकली दवा- इंजेक्शन। समझ मे नहीं आता कि इन नकली दवाई- इंजेक्शन बेचने, बनाने, इस्तेमाल करने वालो के भी तो बीबी- बच्चें होते होंगे। इन लोगो को ऊपर वाले कि लाठी से डर नहीं लगता। कल को इनके परिवार में ऐसी बीमारी आये और उन्हें नकली दवाइयां मिले और बच न पाएं तब उन्हें कैसा लगेगा? सरकार को इस विषय मे बहुत कठोर कदम उठाने चाहिए। प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले के सम्बंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश देने चाहिये। दरअसल सबको सब पता होता है। इसलिये कोई फैक्ट्री में चैकिंग को नहीं जाता। फिर फैक्ट्री वाला चाहे नकली दवा बनाये या असली। अनेको डॉक्टर अपना साल्ट बताकर बहुत सस्ती दवाई बनवाकर उस पर बहुत ज्यादा प्रिंट छपवा कर अपने मरीजो को देते हैं। पता नहीं उनकी पैसे की भूख कब शांत होगी? नकली दवाई- इंजेक्शन आदि बनाने वाले को, बनवाने वाले को, इस्तेमाल करने वाले अस्पताल के डॉक्टर- कर्मचारियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए। उन पर रासुका लगनी चाहिये। यह तो आतंकवाद जैसी कार्यवाही है। सुनील जैन राना

शुक्रवार, 8 मार्च 2024

बोन चाइना या कांच

ऐसे बर्तन आज कल हर घर में देखे जा सकते है, इस तरह की खास क्राकरी जो सफेद, पतली और अच्छी कलाकारी से बनाई जाती है, बोन चाइना कहलाती है। इस पर लिखे शब्द बोन का वास्तव में सम्बंध बोन (हड्डी) से ही है। इसका मतलब यह है कि आप किसी गाय या बैल की हड्डियों की सहायता से खा-पी रही है। बोन चाइना एक खास तरीके का पॉर्सिलेन है जिसे ब्रिटेन में विकसित किया गया और इस उत्पाद का बनाने में बैल की हड्डी का प्रयोग मुख्य तौर पर किया जाता है। इसके प्रयोग से सफेदी और पारदर्शिता मिलती है। बोन चाइना इसलिए महंगा होती है क्योंकि इसके उत्पादन के लिए सैकड़ों टन हड्डियों की जरुरत होती है, जिन्हें कसाईखानों से जुटाया जाता है। इसके बाद इन्हें उबाला जाता है, साफ किया जाता है और खुले में जलाकर इसकी राख प्राप्त की जाती है। बिना इस राख के चाइना कभी भी बोन चाइना नहीं कहलाता है। जानवरों की हड्डी से चिपका हुआ मांस और चिपचिपापन अलग कर दिया जाता है। इस चरण में प्राप्त चिपचिपे गोंद को अन्य इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रख लिया जाता है। शेष बची हुई हड्डी को १००० सेल्सियस तापमान पर गर्म किया जाता है, जिससे इसमें उपस्थित सारा कार्बनिक पदार्थ जल जाता है। इसके बाद इसमें पानी और अन्य आवश्यक पदार्थ मिलाकर कप, प्लेट और अन्य क्राकरी बना ली जाती है और गर्म किया जाता है। इन तरह बोन चाइना अस्तित्व में आता है। ५० प्रतिशत हड्डियों की राख २६ प्रतिशत चीनी मिट्टी और बाकी चाइना स्टोन। खास बात यह है कि बोन चाइना जितना ज्यादा महंगा होगा, उसमें हड्डियों की राख की मात्रा भी उतनी ही अधिक होगी। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या शाकाहारी लोगों को बोन चाइना का इस्तेमाल करना चाहिए? या फिर सिर्फ शाकाहारी ही क्यों, क्या किसी को भी बोन चाइना का इस्तेमाल करना चाहिये। लोग इस मामले में कुछ तर्क देते है। जानवरों को उनकी हड्डियों के लिए नहीं मारा जाता, हड्डियां तो उनको मारने के बाद प्राप्त हुआ एक उप-उत्पाद है। लेकिन भारत के मामले में यह कुछ अलग है। भारत में भैंस और गाय को उनके मांस के लिए नहीं मारा जाता क्योंकि उनकी मांस खाने वालों की संख्या काफी कम है। उन्हें दरअसल उनकी चमड़ी और हड्डियों के मारा जाता है। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी चमड़ी मंडी है और यहां ज्यादातर गाय के चमड़े का ही प्रयोग किया जाता है। हम जानवरों को उनकी हड्डियों के लिए भी मारते है। देखा जाए तो वर्क बनाने का पूरा उद्योग ही गाय को सिर्फ उसकी आंत के लिए मौत के घाट उतार देता है। आप जनवरों को नहीं मारते, लेकिन आप या आपका परिवार बोन चाइना खरीदने के साथ ही उन हत्याओं का साझीदार हो जाता है, क्योंकि बिना मांग के उत्पादन अपने आप ही खत्म हो जायेगा। चाइना सैट की परम्परा बहुत पुरानी है और जानवर लम्बे समय से मौत के घाट उतारे जा रहे हैं। यह सच है, लेकिन आप इस बुरे काम को रोक सकते हैं। इसके लिए सिर्फ आपको यह काम करना है कि आप बोन चाइना की मांग करना बंद कर दें।

गुरुवार, 7 मार्च 2024

क्या करेगा मोदी?

क्या क्या करेगा यह मोदी ? आइए , उसकी आलोचना करते हैं ? लक्षद्वीप के समुद्र पर जाता है तो मालदीव और चीन उबल पड़ते हैं । द्वारिका में भेट द्वारिका के समुद्र में गोता लगाकर आसन बिछाकर श्रीकृष्ण की पूजा आराधना करता है तो भी चीन को मिर्ची लगती है । अरे भाई सारे दुनिया में टूरिस्ट्स का सबसे बड़ा आकर्षण समुद्र है । मोदी यदि जगन्नाथ पुरी , द्वारिका , केरल , गोवा , तमिलनाडु , गुजरात , अंडमान निकोबार और महाराष्ट्र के बीचों के प्रति दुनियाभर के पर्यटकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं तो खुशियां मनाइए । ऐसे ही तो भारत बनेगा विश्व का सबसे बड़ा समुद्री पर्यटन का केंद्र ? यह अफसोस करने का नहीं , प्रसन्नता का विषय होना चाहिए । अनेक भाई लोगों को शिकायत है कि इस मंच पर मोदी की निंदा या आलोचना नहीं की जाती । चलिए आज से आलोचना शुरू करते हैं । सरकारी कामकाज की आलोचना का पहला विषय देश के 50 करोड़ लोगों को मुफ़्त गैस देना और जीरो बैलेंस के 50 करोड़ खाते खुलवाना होना चाहिए क्या ? देश में 60 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति मुफ्त इलाज के लिए 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष खर्च का आयुष्मान कार्ड देना गलत था क्या जो उसकी निंदा की जाए ? देश में सड़कों और फ्लाई ओवर का जाल बिछाकर भारत को संपन्न देशों के समानांतर खड़ा करना गलत है क्या ? बताइए , आज खुलकर बात करते हैं , बता ही दीजिए । बताइए इनमें से क्या गलत है जिसकी आलोचना शुरू करें । बेशुमार एयरपोर्ट बनाना , नई नई रेल गाड़ियां चलाना , वन्देभारत के बाद बुलेट ट्रेन की तैयारी करना , एक के बाद एक एम्स , आईआईटी , आईआईएम खोलना गलत है क्या ? शायद कश्मीर में आईआईएम , आईआईटी खोलना , खुशहाली लाना , बॉर्डर्स की सुरक्षा करना गलत हो , जिसकी निंदा शुरू की जाए ? या फिर स्टार्ट अप और यूनिकान के माध्यम उद्योगों की बाढ़ लाना गलत है ? हो सकता है देश में सेना के लिए युद्धक विमान बनाना , सेना के लिए हेलीकॉप्टर , आयुध आदि का निर्माण गलत हो । या फिर 80 करोड़ देशवासियों को मुफ़्त अनाज देना ही गलत होगा फिर ? जी हां , ये सब काम तो मोदी की निंदा के योग्य हैं ही ? लेकिन असली बात कुछ और भी है । दस साल पहले मोदी ने छद्मवाद का गिरेबान पकड़ कर प्रखर राष्ट्रवाद जगाना शुरू कर दिया ? भला यह भी कोई बात हुई भारत के तीर्थों को कुछ इसकदर सजाया की तीर्थाटन और पर्यटन मिलकर एक ही हो गए ? इस मोदी ने तो मंदिर मंदिर जाते जाते राम को ही अयोध्या में साकार कर दिया ? सुनते हैं अब काशी मथुरा में शिव और कान्हा को साकार करने की तैयारी यही मोदी कर रहा है ? आओ इस मोदी की भर्त्सना करें , हम सनातन की निंदा करते हैं , यह सनातन का महिमा मंडन करता है ? यह मोदी भारत को विकसित राष्ट्र बनाकर भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर का बाद 10 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाना चाहता है ? आओ भाईयो आओ ! हम मोदी की निंदा करते हैं।।

मंगलवार, 5 मार्च 2024

मोदी जैसा कोउ नहीं

एक तमिल मैगजीन में मोदी के बारे में छपी 20 बातें... 1. साफ सुथरा कपड़ा और करीने से बनाया बाल। 2. कमांडिंग बॉडी लैंग्वेज और मर्दों वाली चाल। 3. भगवा कपडे में संत, यूनिफॉर्म में सैनिक और आम कपड़ो में डिवाइन राजकुमार। 4. हर सांस में देशभक्ति और अनुशासन। 5. किसी भी विदेशी राष्ट्र के प्रमुख के सामने ज्यादा प्रभावशाली। 6. चुनाव में इतना वादा निभाने वाला कोई नेता नहीं है। 7. राष्ट्र प्रथम। परिवार का कोई भी व्यक्ति निकट नहीं रहता। 8. कभी छुट्टी नहीं लिया। 9. कभी बीमार नहीं पड़ता। 10. जरूरत जितना ही बोलना जरुरत जितना चुप रहना। 11. चेहरे पर थकान नहीं। हास्य से भरपूर। 12. भाषण और भाषा पर पूरा कमांड। 13. विरोधियों की आलोचना और बयानबाजी से विचलित नहीं होते। 14. विपक्ष बेवकूफी वाले बयानों पर समय नष्ट नहीं करते। अपने काम पर ध्यान। 15. स्वास्थ्य, परम्परा और इमानदारी का मिश्रण 16. पूर्ण समर्पण और दृढ़ निश्चय के साथ निर्णय। 17. हिन्दू संस्कृति और शान के प्रतीक 18. आंखे किसी को भी वशीभूत कर सकती है। 19. कोई कन्फ्यूजन नहीं, कोई डर नहीं, कोई स्वार्थ नहीं। 20. 70+ की उम्र में भी एक नौजवान से ज्यादा ऊर्जा। 20 घंटे तक लगातार यात्रा और काम करने की क्षमता। विश्व के किसी भी राजनेता में इतने गुण नहीं मिल सकते।

कांग्रेस का हिंदुत्व विरोध

हिंदुत्व का विरोध क्यों करती है कांग्रेस? हिंदुस्तान में रहकर हिंदुओ का विरोध क्यों कर रही है कांग्रेस? राहुल गांधी कहते हैं मैं किसी हिंदु...