मंगलवार, 27 सितंबर 2022

फल, खाना खाने से पहले खायें

*खाली पेट फल खाना* यह आपकी आंखें खोल देगा! अंत तक पढ़ें और फिर अपनी ई-सूची में सभी को भेजें .। मैंने अभी किया! डॉ। स्टीफन मैक कैंसर के रोगियों का "गैर-रूढ़िवादी" इलाज करते हैं और कई मरीज ठीक हो जाते हैं। अपने रोगियों की बीमारियों के इलाज के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने से पहले, वह उन बीमारियों के खिलाफ शरीर में प्राकृतिक उपचार पर निर्भर करती है। नीचे उनका लेख देखें। यह कैंसर को ठीक करने की रणनीति है। *हाल ही में, कैंसर के इलाज में मेरी सफलता दर लगभग 80% है।* कैंसर के मरीजों की मौत नहीं होनी चाहिए। कैंसर का इलाज पहले ही खोजा जा चुका है - जिस तरह से हम फल खाते हैं। मानो या न मानो यह है। मुझे उन सैकड़ों कैंसर रोगियों के लिए खेद है, जिनकी पारंपरिक उपचार के तहत मृत्यु हुई है। *फल खाना* *हम सभी सोचते हैं कि फल खाने का मतलब सिर्फ फल खरीदना, उन्हें काटना और अपने मुंह में रखना है।* यह उतना आसान नहीं है जितना आप सोचते हैं। फलों को कैसे और कब खाना चाहिए, यह जानना जरूरी है। *फल खाने का सही तरीका क्या है?* *यानी खाने के बाद फल न खाएं!* *फलों का सेवन खाली पेट करना चाहिए* *यदि आप खाली पेट फल खाते हैं, तो यह आपके सिस्टम को डिटॉक्सीफाई करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा, जिससे आपको वजन घटाने और जीवन की अन्य गतिविधियों के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा मिलेगी।* फल सबसे महत्वपूर्ण भोजन है। *मान लीजिए आप ब्रेड के दो टुकड़े और फिर एक फल का टुकड़ा खाते हैं।* *फल का टुकड़ा पेट से होकर सीधे आंतों में जाने के लिए तैयार होता है, लेकिन फल से पहले ली गई रोटी से ऐसा करने से रोका जाता है।* *इस समय के दौरान रोटी और फलों का पूरा भोजन सड़ जाता है और किण्वित हो जाता है और अम्ल में बदल जाता है।* *जैसे ही फल पेट में भोजन और पाचक रस के संपर्क में आता है, भोजन का पूरा द्रव्यमान खराब होने लगता है।* तो कृपया अपने फल *खाली पेट* या भोजन से पहले खाएं! आपने लोगों को शिकायत करते सुना है: *जब भी मैं तरबूज खाता हूं तो मुझे पानी आता है, जब मैं खरबूजा खीरा या ककडी खाता हूं तो मेरा पेट फूल जाता है, मेरा मन करता है कि जब मैं केला खाता हूं तो शौचालय की ओर दौड़ता हूं, आदि।* दरअसल, खाली पेट फल खाने से ये सब नहीं होगा। *फल अन्य खाद्य पदार्थों के पैटर्न के साथ मिश्रित होता है और गैस पैदा करता है और इसलिए आप फूल जाएंगे!* *खाली पेट फल खाने से सफेद बाल, गंजापन, घबराहट और आंखों के नीचे काले घेरे ये सब नहीं होगा।* इस मामले पर शोध करने वाले डॉ. हर्बर्ट शेल्टन के अनुसार, कुछ फल जैसे संतरे और नींबू अम्लीय होते हैं, क्योंकि हमारे शरीर में सभी फल क्षारीय नहीं होते हैं। यदि आपने फल खाने के सही तरीके में महारत हासिल कर ली है, तो आपके पास सुंदरता, लंबी😀 उम्र, स्वास्थ्य, ऊर्जा, खुशी और सामान्य वजन का *रहस्य* है। *जब आपको फलों का रस पीने की आवश्यकता हो - *ताजा * फलों का रस ही पियें, डिब्बे, पैक या बोतल से नहीं।* साथ ही गरम किया हुआ जूस न पिएं। पके फल न खाएं क्योंकि आपको बिल्कुल भी पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। आपको बस इसका स्वाद लेना है। खाना पकाने से सभी विटामिन नष्ट हो जाते हैं। *लेकिन जूस पीने से बेहतर है कि आप साबुत फल खाएं।* *यदि आप ताजे फलों का रस पीते हैं, तो इसे अपने मुंह में धीरे-धीरे पिएं, क्योंकि आपको इसे निगलने से पहले अपनी लार के साथ मिलाना चाहिए।* *आप अपने शरीर को शुद्ध या विषहरण करने के लिए 3 दिन के फल उपवास पर जा सकते हैं।* सिर्फ फल खाएं और ताजे फलों का जूस पिएं 3 दिन। और आप चकित रह जाएंगे जब आपके दोस्त आपको बताएंगे कि आप कितने खुश हैं! *कीवी:* छोटा लेकिन शक्तिशाली। यह पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन ई और फाइबर का अच्छा स्रोत है। इसमें संतरे से दोगुना विटामिन सी होता है। *सेब:* रोज एक सेब लें और डॉक्टर को दूर रखें? हालांकि सेब में विटामिन सी की मात्रा कम होती है, लेकिन इनमें एंटीऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड्स होते हैं जो विटामिन सी की गतिविधि को बढ़ाते हैं, जो पेट के कैंसर, दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद करता है। *स्ट्रॉबेरीज:* सुरक्षात्मक फल। स्ट्रॉबेरी, मुख्य फल, में उच्चतम कुल एंटीऑक्सीडेंट शक्ति होती है और शरीर को कैंसर, रक्त वाहिकाओं की रुकावट और मुक्त कणों से बचाती है। *संतरा:* सबसे प्यारी दवा। दिन में 2-4 संतरे खाने से सर्दी, कम कोलेस्ट्रॉल, गुर्दे की पथरी को रोकने और भंग करने और आंत्र कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। *तरबूज:* शीतल प्यास बुझाने वाला। 92% पानी से बना, यह भारी मात्रा में ग्लूटाथियोन से भी भरा होता है, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है। वे ऑक्सीडेंट लाइकोपीन का भी एक प्रमुख स्रोत हैं, जो कैंसर से लड़ता है। तरबूज में पाए जाने वाले अन्य पोषक तत्व विटामिन सी और पोटेशियम हैं। *अमरूद और पपीता:* विटामिन सी के लिए शीर्ष पुरस्कार। वे अपनी उच्च विटामिन सी सामग्री के लिए स्पष्ट विजेता हैं। अमरूद फाइबर से भी भरपूर होता है, जो कब्ज को रोकने में मदद करता है। पपीता कैरोटीन से भरपूर होता है; यह आपकी आंखों के लिए अच्छा है। ################# खाना खाने के बाद ठंडा पानी पीना या कोल्ड ड्रिंक पीना=कैंसर क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं *यह लेख आप में से उन लोगों पर भी लागू होता है जो ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक पीना पसंद करते हैं।* जो ये सोचते हैं कि खाने के बाद एक कप ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक पीना सबसे अच्छा है। हालांकि, ठंडा पानी या पेय आपके द्वारा अभी-अभी खाई गई चिकनाई वाली चीजों को ठोस बना देगा। यह पाचन क्रिया को धीमा कर देगा। एक बार जब यह 'कीचड़' एसिड के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो यह टूट जाएगा और आंतों द्वारा ठोस भोजन की तुलना में तेजी से अवशोषित किया जाएगा। यह आंतों को लाइन करेगा। बहुत जल्द, ये वसा में बदल जाएंगे और कैंसर का कारण बनेंगे! भोजन के बाद गर्म सूप या गर्म पानी पीना सबसे अच्छा है। दिल के दौरे के बारे में गंभीर नोट। दिल का दौरा प्रक्रिया: (यह मजाक नहीं है!) महिलाओं को पता होना चाहिए कि हार्ट अटैक के हर लक्षण के कारण बाएं हाथ में दर्द नहीं होता है। *जबड़े की रेखा में तेज दर्द से सावधान रहें।* *दिल का दौरा पड़ने पर आपको पहली बार सीने में दर्द नहीं होता है*। जी मिचलाना और तेज पसीना आना भी इसके सामान्य लक्षण हैं। दिल का दौरा पड़ने वाले 60% लोग सोते समय नहीं उठते। जबड़ा दर्द आपको रात की अच्छी नींद से जगा सकता है। आइए सावधान और सतर्क रहें। जितना अधिक हम जानते हैं, हमारे पास उतना ही बेहतर मौका हो सकता है। साभार

रविवार, 25 सितंबर 2022

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मुफ्त की बंदरबाट बन्द हो

*सर्वोच्च न्यायापालिका Supreme Court* से विनम्र निवेदन कि वह इसका संज्ञान ले *तुम हमें वोट दो; हम तुम्हें-* ... लैपटॉप देंगे .. ....साईकिल देंगे ...स्कूटी देंगे .. ... हराम की बिजली व पानी मुफ़्त में देंगे .. .... लोन माफ कर देंगे ..कर्जा डकार जाना, माफ कर देंगे ... ये देंगे .. वो देंगे ... वगैरह, वगैरह। *क्या ये खुल्लम खुल्ला रिश्वत नहीं?* *क्या इससे चुनाव प्रक्रिया बाधित नहीं हो रही !!* *क्या इन सब प्रलोभनों से चुनाव निष्पक्ष होंगे?* *कोई चुनाव आयोग है भी कि नहीं इस देश में !* *आयोग की कोई गाइडलाइंस है भी या नहीं?* *वोट के लिए क्या आप कुछ भी प्रलोभन दे सकते हैं?* ये जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है इसकी *जवाबदेही* होनी चाहिये, रोकिए ये सब .. वर्ना *बन्द कीजिये ये चुनाव के नाटक .. और मतदान ।* *हम मध्यमवर्गीय तंग आ गए हैं, क्या हम इन सबके लिए भर-भर कर टैक्स चुकाते रहें?* डिफाल्टर की कर्जमाफी... फोकट की स्कूटी... हराम की बिजली... हराम का घर... दो रुपये किलो गेंहू... एक रुपया किलो चावल... चार से छह रुपये किलो दाल... और कितना चूसोगे टेक्स दाताओं को? क्योंकि! वे तुम्हारे आका हैं! थोकिया वोट बैंक हैं, इसलिए फोकट खाना, घर, बिजली, कर्जा माफी दिए जा रहे हैं, बाकी लोग किस बात की सजा भोगें ? जबकि होना ये चाहिये कि हमारे टैक्स से सर्वजनहिताय काम हों, देश के विकास का काम हों, रेल मार्ग, सड़कें, पुल दुरुस्त हों, रोजगारोन्मुखी कल कारखानें हों, विकास की खेती लहलहाती हो, तो सबको टैक्स चुकाना अच्छा लगता.. । लेकिन आप तो देश के एक बहुत बड़े भाग को शाश्वत गरीब ही बनाए रखना चाहते हो। उसके लिए रोजगार सृजन के अनूकूल परिस्थिति बनाने की बजाए आप तथाकथित सोशल वेलफेयर की खैराती योजनाओं के माध्यम से अपना अक्षुण्ण वोट बैंक स्थापित कर रहे हो।उन्हें निकम्मा नाकारा, और हरामख़ोर बना रहे हो। *चुनाव आयोग एवं सर्वोच्च न्यायालय से निवेदन हैं कि कर्मशील देश के बाशिन्दों को तुरंत कानून लाकर कुछ भी फ्री देने पर बंदिश लगाई जाए ताकि देश के नागरिक निकम्मे व निठल्ले न बने।* *_जनता को सिर्फ न्याय,शिक्षा व चिकित्सा के अलावा और कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलनी चाहिए। तभी देश का विकास संभव है।_* *एक टैक्सपेयर का दर्द..*

स्टेचू में घोड़े की भूमिका

बचपन से ये जिज्ञासा थी कि आखिर घोड़े के दोनों पाँव ऊपर क्यो है। एक पाँव ऊपर किये, कभी दोनो पैर ऊपर किये हुए, तो कभी चारो पैर नीचे किये घोड़े की पीठ पर बैठे हुये कई स्टेचू देखे । बहुत खोजने के बाद ये तथ्य सामने आए...!🚩 1- घोड़े के दोनों आगे के पैर हवा मे हो तो सम्मानित व्यक्ति युद्ध मे बलिदान हुआ है..! 2- घोड़े का आगे का एक पैर हवा में हो तो युद्ध में प्राप्त जख्म के कारण सम्मानित व्यक्ति की मृत्यु हुई है..! 3- घोड़े के चारो पैर जमीन पर हो तो प्राकृतिक कारण से व्यक्ति की मृत्यु हुई है..! 4- घोड़े का बाया पैर उठा होने पर.. किसी भी घोड़े पर सवार महापुरुष के घोड़े पर बाया पैर उठा हो तो समझ लेना चाहिए कि युद्ध में उसके राजा से पहले घोड़ा शहीद हुआ था...! जैसे की महाराणा प्रताप के सबसे प्रिय और प्रसिद्ध नीलवर्ण घोडा चेतक का बाया पैर सदैव स्टेच्यू में उठा होता है।

शनिवार, 24 सितंबर 2022

साधारण डाक का वितरण बन्द ?

सहारनपुर में लगता है डाकघर से साधारण डाक का वितरण बन्द हो गया है। अब डाकिया सिर्फ रजिस्टर्ड डाक लेकर आता है। उससे पूछो अन्य डाक के बारे में तो कह देता है की जो मुझे दिया जा रहा है वही बाट देता हूँ। पिछले तीन-चार सालों से साधारण डाक नहीँ मिल रही है। ऐसी समस्या नगर के अनेक क्षेत्रों में पाई जा रही है। इस विषय मे हमने गतवर्षो में जीपीओ, प्रवर डाक अधीक्षक, पी एम जी बरेली-लखनऊ को पत्र एवं ई मेल भेजने पर भी कोई सुनवाई नही हुई। यह समस्या पिछले 3-4 वर्षों से बनी हुई है। साधारण डाक का वितरण न होना बहुत दुर्भाग्य की बात है। आम आदमी साधारण पत्राचार ही करता है। साप्ताहिक समाचार पत्र साधारण डाक से ही भेजे जाते हैं। अनेको पत्र - पत्रिकाएं साधारण डाक से ही प्राप्त होती थी। जनता के जरूरी कागजात, चैक बुक आदि सभी साधारण डाक से प्राप्त हो जाया करते थे। अब यह सब प्राप्ति नहीं हो रही है। इससे कुछ लोगो को कितनी परेशानी होती होगी। अब बैंक से जारी चैक बुक को अपने पते पर न मिलने से जीपीओ जाना पड़ता है। वहां जाओ तो डाकिया डाक में से छांट कर दे देता है। इसका मतलब यह भी हुआ की साधारण डाक पोस्ट ऑफिस में आती तो है लेकिन बटती नहीँ। हमारा समाचार पत्र 100% नियमित है लेकिन डाक के द्वारा नियत समय पर पहुंचता नहीं। यहां तक की सूचना कार्यालय में भी नही पहुंचता। जबकि प्रत्येक सोमवार नेट पर प्रेषित कर दिया जाता है। रानी बाजार डाकघर से जब यह बात पूछी जाती है तो जबाब मिलता है की यहाँ से तो समाचार पत्र जीपीओ भेज दिया जाता है वहां से क्यो नही प्रेषित होता पता नहीँ। बहुत शिकायत करने पर एक बार प्रवर डाक अधीक्षक के यहां से एक कर्मचारी और उनके साथ मेरठ से आये कोई अधिकारी हमारे कार्यालय आये थे। उन्होंने हमसे पूछा क्या समस्या है? हमने सारी समस्या उनको बता दी। तब उन्होंने अपने बैग में से एक लेटर पैड निकाला। ऊपर की कॉपी के नीचे कार्बन लगाकर कहा की अब इस पर अपनी समस्या लिख कर दे दो। हमने लिख दी सारी समस्या। तब वे बोले अब आपकी समस्या डाकघर के नोटिस में आ गई है, जल्दी निदान हो जायेगा। उसकी एक कॉपी भी हमको नहीं दी। इस बात को भी लगभग दो ढाई साल हो गए। तब से अब तक समस्या ज्यों की त्यों है। कई साप्ताहिक समाचार पत्रों के सम्पादकों ने अब अपना समाचार पत्र पीडीएफ बनवा कर नेट से भेजना शुरू कर दिया है। हमारा जिलाधिकारी महोदय से निवेदन है की साधारण डाक न बाटे जाने की जाँच कराएं। जनहित में भी यह बहुत आवश्यक है। सुनील जैन राना

गुरुवार, 22 सितंबर 2022

कांग्रेस की नीति ने पीछे धकेला

*सच मे बहुत हैरानी होती है, जब देश को महज़ 40 करोड़ रुपये के लिए गिरवी रखने वाले लोग भी छाती कूट कूट कर कहते हैं कि, मोदी सरकार ने भारत की अर्थ व्यवस्था को तबाह बर्बाद कर दिया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय, एक मशहूर कम्पनी, एनरॉन नें महाराष्ट्र के दाभोल में कारखाना लगाने की प्लानिंग की...!!* लेकिन, यह स्थानीय लोगों के प्रतिरोध के कारण, हो न सका !! फलस्वरूप, बदलती विषम परिस्थितियों से *नाराज एनरॉन नें, भारत सरकार पर ₹38,000 करोड़ के नुकसान की भरपाई का मुकदमा दायर कर दिया...।* *वाजपेयी सरकार ने हरीश सालवे (सालवे जी नें, कुलभूषण जाधव का मुकदमा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में लड़ कर जीता...) को भारत सरकार का वकील नियुक्त किया...।* पर *आप जान कर चोंक जाएंगे कि, एनरॉन के वकील पी. चिदंबरम बनें...!! यानी, पी चिदंबरम भारत के विरुद्ध...।।* समय बीतता चला गया ..!! *बादमें 'यूपीए' सरकार बनी...!!* *कैबिनेट मंत्री चिदंबरम, एनरॉन की तरफ से मुकदमा नहीं लड़ सकते थे...!!* *पर वो कानूनी सलाहकार बने रहे और, वो मुकदमे को एनरॉन के पक्ष में करने में सक्षम थे...।।* अब अगला खुलासा और चौकानें वाला है!! *चिदंबरम ने तुरंत हरीश सालवे को एनरॉन केस से हटा दिया...।* *हरीश साल्वे की जगह, #खबर_कुरेशी को नियुक्त किया गया...।* जी हां आप बिल्कुल ठीक समझे, *ये वही पाकिस्तानी वकील है जिसनें, कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान सरकार का मुकदमा लड़ा...!!* *कांग्रेस ने भारत सरकार कि तरफ से, पाकिस्तानी वकील को ₹1400/- करोड़ दिये वकील कि फीस के रुप में...।* *अंततः भारत मुकदमा हार गया और भारत सरकार को ₹38,000/- करोड़ का भारी भरकम मुआवजा देना पड़ा...। लेकिन, लुटीयन मिडिया ने ये खबर या तो गोल दी या सरसरी तौर पर नहीं दिखाई!!* अब *सोचिए कि ₹38000/- करोड़ का मुकदमा लडने के लिए फीस कितनी ली होगी...? जो पाठक किसी क्लेम के केस मे वकील कि फीस तय करते है उन्हें पता होगा कि, वकील केस देखकर दस प्रतिशत से लेकर साठ प्रतिशत तक फीस लेता है...।* *सोचिए इस पर कोई हंगामा नही हुआ...?* *और एक मजेदार बात .. जिन कम्पनियों का एनरॉन मे निवेश करके यह प्रोजेक्ट केवल फाईल किया था उनका निवेश महज मात्र 300 मिलियन डालर... याने उस वक्त कि डालर रुपया विनियम दर के हिसाब से, महज ₹1530/- करोड़ था, और वह भी बैठे बिठाये...। महज सात साल मे ₹38,000/- करोड़ का फायदा...वो भी एक युनिट बिजली का संयंत्र लगाये बिना...?* *कांग्रेस हमारी सोच से भी ज्यादा विनाशकारी है !! (यह थी 'विश्व प्रसिद्ध' अर्थशास्त्री, अनुभवी और पढे लिखे लुटेरो की सरकार...!!)* *जिस किसी को भी कोई शंका हो वो गूगल में जाकर देख सकता है।* आदरणीय बन्धुओ कांग्रेस नें जो गद्दारी देश के साथ की है, इनके कुकर्मो का ढिंढोरा सोशल मीडिया पर खूब वायरल करना चाहिए, जिससे *हमारी युवा पीढ़ी को भी जानकारी होनी चाहिए, कि देश अन्य देशों से इन 70 सालों में पीछे कैसे रह गया।* साभार

सोमवार, 19 सितंबर 2022

गहरी बात

गहरी बात लिख दी है किसी ने !👌👌👌😳😳😳😳😇 👉बेज़ुबान पत्थर पे लदे हैं करोड़ों के गहने मंदिरों में। उसी दहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हे हाथों को देखा है।। 😘😘😘 👉सजे थे छप्पन भोग और मेवे मूरत के आगे। बाहर एक फ़कीर को भूख से तड़प के मरते देखा है।।😘😘😘 👉लदी हुई है रेशमी चादरों से वो हरी मज़ार। बाहर एक बूढ़ी अम्मा को ठंड से ठिठुरते देखा है।।😘😘😘 👉वो दे आया एक लाख़ गुरद्वारे में हॉल के लिए। घर में उसको 200 रूपये के लिए काम वाली बाई को बदलते देखा है।।😘😘😘 👉सुना है चढ़ा था कोई सलीब पे दुनिया का दर्द मिटाने को। आज चर्च में बेटे की मार से बिलखते माँ बाप को देखा है।।😩😩😩😩 👉जलाती रही जो अखन्ड ज्योति देसी घी की दिन रात पुजारिन। आज उसे प्रसव में कुपोषण के कारण मौत से लड़ते देखा है।।😘😘😩 👉जिसने न दी माँ बाप को भर पेट रोटी कभी जीते जी। उनके मरने के बाद आज उसको भंडारे लगाते देखा है।।😳😳😳 👉दे के समाज की दुहाई ब्याह दिया था जिस बेटी को जबरन बाप ने। आज उसी शौहर के हाथों अपने जिगर के टुकड़े को सरे राह पिटते देखा है।। 👉मारा गया वो पंडित बे मौत सड़क दुर्घटना में यारों। जिसे ख़ुद को काल- सर्प, तारे और हाथ की लकीरों का माहिर लिखते देखा है।। 👉जिसे घर की एकता की देता था ज़माना कभी मिसाल दोस्तों। आज उसी आँगन में खिंचती दीवार को देखा है।। 👉बन्द कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर। अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।। 👉आत्म हत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोड़कर। अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता।। 👉गिद्ध भी कहीं चले गए , लगता है उन्होंने देख लिया कि। इंसान हमसे अच्छा नोंचता है।। 👉कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर। क्या मस्त तलवे चाटते हुए इंसान देखा है। 🌹वास्तविकता को उजागर करती उपरोक्त पंक्तियाँ .....

शुक्रवार, 16 सितंबर 2022

कांग्रेस बचाओ यात्रा

राहुल गांधी की कांग्रेस जोड़ो यात्रा कांग्रेस के युवराज कांग्रेस को धरातल में पहुंचा कर पुनः कांग्रेस को जोड़ने के लिये भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। अभी उनकी यात्रा 18 दिन केरल में रहेगी फिर अन्य राज्यों की तरफ आगे बढ़ेगी। केरल में भारत जोड़ो यात्रा को व्यापक समर्थन मिल रहा था लेकिन अब धीमा होता जा रहा है। बात तो तब है जब गैर कांग्रेस शासित राज्यो में जनता उनका सम्मान करें। इधर राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं उधर गोवा में कांग्रेस ही टूट गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं। हाल ही में गुलाम अली आज़ाद जिन्होंने अपना जीवन कांग्रेस के लिये समर्पित कर रखा था राहुल गांधी के बचपने के कारण पार्टी छोड़ गए हैं। आज़ाद ने बहुत प्रमुखता से राहुल गांधी पर ऐसे आरोप लगाए हैं जो एकदम सही हैं। राहुल गांधी ने कॉग्रेस की बखिया उधेड़ कर रख दी है। इस समय कांग्रेस दिशाहीन है और राहुल गांधी गलतियों पर गलतियां किये जा रहे हैं। कांग्रेस में इस समय वरिष्ठ नेता परेशान हैं। कार्यकर्ताओ को सही दिशा दिखाने वाला कोई नेता नहीं है। राहुल गांधी अपनी मनमानी कर कांग्रेस को चला रहे हैं। अहम बात आज भी यह है की मीडिया से बोलते हुए राहुल गांधी कोई अच्छा सन्देश नहीँ दे पा रहे हैं। वही घिसी पिटी बातें की मैं नरेंद्र मोदी से डरता नहीँ हूँ। भाई कौन कह रहा है आपको पीएम से डरने के लिये। उधर विपक्ष के नेता बने नीतीश कुमार भावी पीएम बनने के सपने देखने लगे है। जिनको जी भर कोसते थे अब उसी के गले लग लिये। सत्ता के लालची नीतीश बिना बीजेपी के असमर्थ नेता है। जिस विपक्ष को वे साथ लेने निकले हैं उन्हें पता नहीँ इसमें पीएम के कितने दावेदार हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा असल मे टूटती कांग्रेस में जान फूंकने और कोर्ट में चल रहे मुकदमे से ध्यान भटकाने की यात्रा दिखाई दे रही है। यात्रा में 60 होटल जैसे कमरे नुमा ट्रक , 40 हज़ार की टीशर्ट, 14 हज़ार के जूते आदि बाते कांग्रेस पर ही भारी पड़ने वाली हैं। अभी तो केरल है जब यूपी जैसे राज्यों में जाएंगे तब पता चलेगा राहुल गांधी की योग्यता का। सही बात तो यह है की जब तक कॉग्रेस में गांधी परिवार से बाहर का कोई योग्य अध्यक्ष नहीँ बनेगा तब तक कांग्रेस का टूटना जारी रहेगा। यदि गहलोत जैसे को अध्यक्ष बना दिया तो भी कांग्रेस जुड़ नहीँ पाएगी। लगता है 150 दिन में राहुल गांधी भारत को जोड़े या न जोड़े पर इतने में रही सही कांग्रेस भी जुड़ी रह जाये तो बहुत बड़ी बात होगी। सुनील जैन राना

क्या खोया हमने?

*गाँव बेचकर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है।* *जीवन के उल्लास बेच के, खरीदी हमने तन्हाई है।* *👉🏻बेचा है ईमान धरम तब, घर में शानो शौकत आई है।* *संतोष बेच, तृष्णा खरीदी, देखो कितनी मंहगाई है।।* *बीघा बेच स्कवायर फीट खरीदा, ये कैसी सौदाई है।* *संयुक्त परिवार के वट वृक्ष से टूटी, ये पीढ़ी मुरझाई है।।* *👉🏻रिश्तों में है भरी चालाकी, हर बात में दिखती चतुराई है।* *कहीं गुम हो गई मिठास, जीवन से, हर जगह कड़वाहट भर आई है।।* *रस्सी की बुनी खाट बेच दी, मैट्रेस ने जगह बनाई है*। *अचार, मुरब्बे को धकेल कर, शो केस में सजी दवाई है।।* *माटी की सोंधी महक बेच के, रुम स्प्रे की खुशबू पाई है।* *मिट्टी का चुल्हा बेच दिया, आज गैस पे बेस्वाद सी खीर बनाई है।।* *पांच पैसे का लेमनचूस बेचा, तब कैडबरी हमने पाई है।* 👉🏻 *बेच दिया भोलापन अपना, फिर मक्कारी पाई है।।* *सैलून में अब बाल कट रहे, कहाँ घूमता घर- घर नाई है।* *दोपहर में अम्मा के संग, गप्प मारने क्या कोई आती चाची ताई है।।* *मलाई बरफ के गोले बिक गये, तब कोक की बोतल आई है।* *मिट्टी के कितने घड़े बिक गये, तब फ्रिज में ठंढक आई है ।।* *खपरैल बेच फॉल्स सीलिंग खरीदा, हमने अपनी नींद उड़ाई है।* *बरकत के कई दीये बुझा कर, रौशनी बल्बों में आई है।।* *गोबर से लिपे फर्श बेच दिये, तब टाईल्स में चमक आई है।* *देहरी से गौ माता बेची, फिर संग लेटे कुत्ते ने पूँछ हिलाई है ।।* 👉🏻 *बेच दिये संस्कार सभी, और खरीदी हमने बेहयाई है।* *ब्लड प्रेशर, शुगर ने तो अब, हर घर में ली अंगड़ाई है।।* *दादी नानी की कहानियां हुईं झूठी, वेब सीरीज ने जगह बनाई है।* *बहुत तनाव है जीवन में, ये कह के दो पैग लगाई है।।* *👉🏻खोखले हुए हैं रिश्ते सारे, नहीं बची उनमें सच्चाई है।।* 👉🏻 *चमक रहे हैं बदन सभी के, दिल पे जमी गहरी काई है।* *गाँव बेच कर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है।।* *जीवन के उल्लास बेच के, खरीदी हमने तन्हाई है।।*

गुरुवार, 15 सितंबर 2022

जैसे कर्म वैसे फल

*कल रात मैंने एक* "सपना" *देखा* .! *मेरी Death हो गई*.... जीवन में कुछ अच्छे कर्म किये होंगे *इसलिये यमराज मुझे* *स्वर्ग में ले गये*... देवराज इंद्र ने मुस्कुराकर मेरा स्वागत किया... मेरे हाथ में Bag देखकर पूछने लगे ''इसमें क्या है..?" मैंने कहा... '' इसमें मेरे जीवन भर की कमाई है, पांच करोड़ रूपये हैं ।" इन्द्र ने 'BRP-16011966' नम्बर के Locker की ओर इशारा करते हुए कहा- ''आपकी अमानत इसमें रख दीजिये..!'' मैंने Bag रख दी... मुझे एक Room भी दिया... मैं Fresh होकर Market में निकला... देवलोक के Shopping मॉल मे अदभूत वस्तुएं देखकर मेरा मन ललचा गया..! मैंने कुछ चीजें पसन्द करके Basket में डाली, और काउंटर पर जाकर उन्हें दो हजार की करारे नोटें देने लगा... Manager ने नोटों को देखकर कहा, ''यह करेंसी यहाँ नहीं चलती..!'' यह सुनकर मैं हैरान रह गया..! मैंने इंद्र के पास Complaint की इंद्र ने मुस्कुराते हुए कहा कि, ''आप व्यापारी होकर इतना भी नहीं जानते..? कि आपकी करेंसी बाजु के देश पाकिस्तान, श्रीलंका और बांगलादेश में भी नही चलती... और आप मृत्यूलोक की करेंसी स्वर्गलोक में चलाने की मूर्खता कर रहे हो..?'' यह सब सुनकर मुझे मानो साँप सूंघ गया..! मैं जोर जोर से दहाड़े मारकर रोने लगा. और परमात्मा से दरखास्त करने लगा, ''हे ईश्वर.ये... क्या हो गया.?'' ''मैंने कितनी मेहनत से ये पैसा कमाया..!'' ''दिन नही देखा, रात नही देखा," '' पैसा कमाया...!'' ''माँ बाप की सेवा नही की, पैसा कमाया, बच्चों की परवरीश नही की, पैसा कमाया.... पत्नी की सेहत की ओर ध्यान नही दिया, पैसा कमाया...!'' ''रिश्तेदार, भाईबन्द, परिवार और यार दोस्तों से भी किसी तरह की हमदर्दी न रखते हुए पैसा कमाया.!!" ''जीवन भर हाय पैसा हाय पैसा किया...! ना चैन से सोया, ना चैन से खाया... बस, जिंदगी भर पैसा कमाया.!'' ''और यह सब व्यर्थ गया..?'' ''है ईश्वर, अब क्या होगा..!'' इंद्र ने कहा,- ''रोने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है.!! " "जिन जिन लोगो ने यहाँ जितना भी पैसा लाया, सब रद्दी हो गया।" "जमशेद जी टाटा के 55 हजार करोड़ रूपये, बिरला जी के 47 हजार करोड़ रूपये, धीरू भाई अम्बानी के 29 हजार करोड़ अमेरिकन डॉलर...! सबका पैसा यहां पड़ा है...!" मैंने इंद्र से पूछा- "फिर यहां पर कौनसी करेंसी चलती है..?" इंद्र ने कहा- *"धरती पर अगर* *कुछ अच्छे कर्म* *किये है...!* *जैसे यदि आपने अपना तन मन धन ईश्वरीय कार्य में सफल किया हो* *किसी दुखियारे को* *मदद की,* *किसी रोते हुए को* *हसाया,* *किसी अनाथ बच्चे को* *पढ़ा लिखा कर* *काबिल बनाया...!* *किसी को* *व्यसनमुक्त किया...!* *किसी अपंग स्कुल, वृद्धाश्रम या* *मंदिरों में दान धर्म किया...!"* *ये सब भी बिना स्वार्थ /तारिफ की इच्छा के* "ऐसे पूण्य कर्म करने वालों को यहाँ पर एक Credit Card मिलता है...! और उसे प्रयोग कर आप यहाँ स्वर्गीय सुख का उपभोग ले सकते है..!'' मैंने कहा, "ईश्वर.... मुझे यह पता नहीं था. इसलिए मैंने अपना जीवन व्यर्थ गँवा दिया.!!" "हे ईश्वर, मुझे थोडा आयुष्य दीजिये..!'' और मैं गिड़गिड़ाने लगा.! इंद्र को मुझ पर दया आ गई.!! इंद्र ने तथास्तु कहा और मेरी नींद खुल गयी..! मैं जाग गया..! अब मैं वो दौलत कमाऊँगा जो वहाँ चलेगी..!! नोट : *रचना किसी और की है मैंने तो आप तक पहुंचाने में सिर्फ मेरी उंगलियों का इस्तेमाल किया है।मुझे पढ़कर अच्छा लगा इसलिए मैने आपके साथ शेयर किया है अभी से अपने कर्म पर ध्यान दीजिए कहीं देर न हो जाये।

बुधवार, 14 सितंबर 2022

मेरा भारत महान

*इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला उस समय भारत में 7,32,000 गुरुकुल थे, आइए जानते हैं हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए।* *हमारे सनातन संस्कृति परम्परा के गुरुकुल में क्या क्या पढाई होती थी, ये जान लेना पहले जरूरी है।* 01 अग्नि विद्या (Metallurgy) 02 वायु विद्या (Flight) 03 जल विद्या (Navigation) 04 अंतरिक्ष विद्या (Space Science) 05 पृथ्वी विद्या (Environment) 06 सूर्य विद्या (Solar Study) 07 चन्द्र व लोक विद्या (Lunar Study) 08 मेघ विद्या (Weather Forecast) 09 पदार्थ विद्युत विद्या (Battery) 10 सौर ऊर्जा विद्या (Solar Energy) 11 दिन रात्रि विद्या 12 सृष्टि विद्या (Space Research) 13 खगोल विद्या (Astronomy) 14 भूगोल विद्या (Geography) 15 काल विद्या (Time) 16 भूगर्भ विद्या (Geology Mining) 17 रत्न व धातु विद्या (Gems & Metals) 18 आकर्षण विद्या (Gravity) 19 प्रकाश विद्या (Solar Energy) 20 तार विद्या (Communication) 21 विमान विद्या (Plane) 22 जलयान विद्या (Water Vessels) 23 अग्नेय अस्त्र विद्या (Arms & Ammunition) 24 जीव जंतु विज्ञान विद्या (Zoology Botany) 25 यज्ञ विद्या (Material Sic) ये तो बात हुई वैज्ञानिक विद्याओं की, अब बात करते हैं व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की ! 26 वाणिज्य (Commerce) 27 कृषि (Agriculture) 28 पशुपालन (Animal Husbandry) 29 पक्षिपलन (Bird Keeping) 30 पशु प्रशिक्षण (Animal Training) 31 यान यन्त्रकार (Mechanics) 32 रथकार (Vehicle Designing) 33 रतन्कार (Gems) 34 सुवर्णकार (Jewellery Designing) 35 वस्त्रकार (Textile) 36 कुम्भकार (Pottery) 37 लोहकार (Metallurgy) 38 तक्षक 39 रंगसाज (Dying) 40 खटवाकर 41 रज्जुकर (Logistics) 42 वास्तुकार (Architect) 43 पाकविद्या (Cooking) 44 सारथ्य (Driving) 45 नदी प्रबन्धक (Water Management) 46 सुचिकार (Data Entry) 47 गोशाला प्रबन्धक (Animal Husbandry) 48 उद्यान पाल (Horticulture) 49 वन पाल (Horticulture) 50 नापित (Paramedical) *जिस देश के गुरुकुल इतने समृद्ध हों उस देश को आखिर कैसे गुलाम बनाया गया होगा?* *मैकाले का स्पष्ट कहना था कि भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षा व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था” लानी होगी और तभी इस देश में शरीर से हिन्दुस्तानी लेकिन दिमाग से अंग्रेज पैदा होंगे और जब इस देश की यूनिवर्सिटी से निकलेंगे तो हमारे हित में काम करेंगे।* *1850 तक इस देश में “7 लाख 32 हजार” गुरुकुल हुआ करते थे और उस समय इस देश में गाँव थे “7 लाख 50 हजार” मतलब हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल और ये जो गुरुकुल होते थे वो सब के सब आज की भाषा में ‘Higher Learning Institute’ हुआ करते थे। उन सबमें 18 विषय पढ़ाए जाते थे और ये गुरुकुल समाज के लोग मिलके चलाते थे न कि राजा, महाराजा।* *अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Luther और दूसरा था Thomas Munro ! दोनों ने अलग अलग इलाकों का अलग-अलग समय सर्वे किया था। Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा है कि यहाँ 97% साक्षरता है और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वे किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो 100% साक्षरता है।* *मैकाले एक मुहावरा इस्तेमाल कर रहा है – “कि जैसे किसी खेत में कोई फसल लगाने के पहले उसे पूरी तरह जोत दिया जाता है वैसे ही इसे जोतना होगा और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।” इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया | जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए तो उनको मिलने वाली सहायता जो समाज की तरफ से होती थी वो गैरकानूनी हो गयी, फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर ख़त्म कर दिया, उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा- पीटा, जेल में डाला।* *गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी। इस तरह से सारे गुरुकुलों को ख़त्म किया गया और फिर अंग्रेजी शिक्षा को कानूनी घोषित किया गया और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया। उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था। इसी कानून के तहत भारत में कलकत्ता यूनिवर्सिटी बनाई गयी, बम्बई यूनिवर्सिटी बनाई गयी, मद्रास यूनिवर्सिटी बनाई गयी, ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में मौजूद हैं।* *मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी बहुत मशहूर चिट्ठी है वो, उसमें वो लिखता है कि “इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे जो देखने में तो भारतीय होंगे लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा। इनको अपने संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपनी परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा, इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे, जब ऐसे बच्चे होंगे इस देश में तो अंग्रेज भले ही चले जाएँ इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी।”* *उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ साफ दिखाई दे रही है और उस एक्ट की महिमा देखिये कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है, जबकि अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा, हम तो खुद में हीन हो गए हैं जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, उस देश का कैसे कल्याण संभव है?* *हमारी पुरानी शिक्षा पद्धति बहुत ही समृद्ध और विशाल थी और यही कारण था कि हम विश्वगुरु थे। हमारी शिक्षा पद्धति से पैसे कमाने वाले मशीन पैदा नहीं होते थे बल्कि मानवता के कल्याण हेतु अच्छे और विद्वान इंसान पैदा होते थे। आज तो जो बहुत पढ़ा लिखा है वही सबसे अधिक भ्रष्ट है, वही सबसे बड़ा चोर है।* *हमने अपना इतिहास गवां दिया है!* *क्योंकि अंग्रेज हमसे हमारी पहचान छीनने में सफल हुए। उन्होंने हमारी शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर के हमें अपनी संस्कृति, मूल धर्म, ज्ञान और समृद्धि से अलग कर दिया।* *आज जो स्कूलों और कॉलेजों का हाल है वो क्या ही लिखा जाए! हम न जाने ऐसे लोग कैसे पैदा कर रहें हैं जिनमें जिम्मेवारी का कोई एहसास नहीं है। जिन्हें सिर्फ़ पद और पैसों से प्यार है। हम इतने अससल कैसे होते जा रहें हैं? किसी भी समाज की स्थिति का अनुमान वहां के शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति से लगाया जा सकता है। आज हम इसमें बहुत असफल हैं। हमने स्कूल और कॉलेज तो बना लिए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए इसका निर्माण हुआ उसकी पूर्ति के योग्य इंसान और सिस्टम नहीं बना पाए!* *जब आप अपने देश का इतिहास पढ़ेंगे तो आप गर्व भी महसूस करेंगे और रोएंगे भी क्योंकि आपने जो गवां दिया है वो पैसों रुपयों से नहीं खरीदा जा सकता! हमें एक बड़े पुनर्जागरण की जरूरत है। सरकारें आएंगी जाएंगी, इनसे बहुत उम्मीद करना बेवकूफी होगी, जनता जब तक नहीं जागती हम अपनी विरासत को कभी पुनः हासिल नहीं कर पाएंगे!* *जागना होगा और कोई विकल्प नहीं! साभार

सोमवार, 12 सितंबर 2022

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पैसा रे पैसा

*वाह रे पैसा!* *तेरे कितने नाम?* मंदिर मे दिया जाये तो *( चढ़ावा )* स्कुल में *( फ़ीस )* शादी में दो तो *( दहेज )* तलाक देने पर *( गुजारा भत्ता )* आप किसी को देते हो तो *( कर्ज )* अदालत में *( जुर्माना )* सरकार लेती है तो *( कर )* सेवानिवृत्त होने पे *( पेंशन )* अपहर्ताओ के लिए *( फिरौती )* होटल में सेवा के लिए *( टिप )* बैंक से उधार लो तो *( ऋण )* श्रमिकों के लिए *( वेतन )* मातहत कर्मियों के लिए *( मजदूरी )* अवैध रूप से प्राप्त सेवा *( रिश्वत )* और मुझे दोगे तो *(गिफ्ट)* *मैं पैसा हूँ:!* मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते; मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ। *मैं पैसा हूँ:!* मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें। *मैं पैसा हूँ:!* मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते। *मैं पैसा हूँ:!* मैं नमक की तरह हूँ। जो जरुरी तो है, मगर जरुरत से ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है। *मैं पैसा हूँ:!* इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था; मगर फिर भी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था। *मैं पैसा हूँ:!* मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है। *मैं पैसा हूँ:!* मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ! आपके पास नहीं हूँ तो, आपका नहीं हूँ! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं। *मैं पैसा हूँ:!* मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ; मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ। *मैं पैसा हूँ:!* मैं सारे फसाद की जड़ हूँ; मगर फिर भी न जाने क्यों सब मेरे पीछे इतना पागल हैं? 🔴 एक सच्चाई ये भी है कि......... *बदलता हुआ दौर है साहब ...* *पहले "आयु" में बड़े का* *सम्मान होता था...!* *अब "आय" में बड़े का* *सम्मान होता है* 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 जय जिनेंद्र

शनिवार, 10 सितंबर 2022

बेचारे आवारा कुत्ते

आवारा कुत्तों को रोटी मत दो ? भारतीय पशु कल्याण बोर्ड एवं कुछ जीव प्रेमियों ने केरल हाईकोर्ट के 2015 के उस फैसले को चुनोती दे रही है जिसमे आवारा कुत्तों को जान से मारने का फैसला सुनाया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के काटने की संख्या को बढ़ता देख उन्हें रोटी आदि देने वालो को रोटी देने से मना करते हुए कहा है की यदि वह कुत्ता जिसे आप रोटी दे रहे हो किसी को काटेगा तो आप ही जिम्मेदार होंगे।उसका हर्जाना उपचार आदि भी आपको देना होगा। सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यों की बेंच ने सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या एवं लोगो को काटने की बढ़ती तादाद पर ऐसा फैसला सुनाया है। जबकि अभी हाल ही में नोयडा की एक सोसायटी में एक पालतू कुत्ते द्वारा एक बच्चे को लिफ्ट में बुरी तरह काट खाया। कोर्ट में 500 रुपये का दंड लगाकर मुक्ति पाई। बच्चे के इलाज में बहुत अधिक राशि खर्च होने पर भी उसे कोई मुआवजा नही दिलाया गया। कोर्ट के इस दोमुंही फैसले पर जनता में नाराजगी है। जीव दया प्रेमियों को जो अक्सर सड़क के आवारा कुत्तों को भोजन आदि देते रहते हैं उन्हें इस फैसले पर बहुत अचंभा है। मेरा- सुनील जैन राना का मानना है की कुत्ते तभी लोगो को काट रहे हैं जब उन्हें कोई रोटी भी नहीं दे रहा है। भूख के कारण कुत्ते चिड़चिड़े हो रहे हैं और लोगो को काट रहे हैं। ऐसे में जो दयालू आवारा कुत्तों को रोटी आदि देते हैं वह भी कुत्तों को रोटी देना बंद कर देंगे। ऐसे में कुत्तों द्वारा लोगो को काटने की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है। वैसे भी हमारी भारतीय संस्कृति कहती है घर मे बनने वाली पहली रोटी गाय की और आखिरी रोटी कुत्ते की होती है। जीव दया तो प्रत्येक मानव का गहना होती है। अब इस पर पाबंदी लगना भारतीय संस्कृति के हित मे नहीं होगा। सुनील जैन राना

रविवार, 4 सितंबर 2022

धर्म का मज़ाक

बालीवुड और टीवी सीरियल के नजरिए से हिन्दू को कैसे देखा जाता है एक झलक:---- *ब्राह्मण* - ढोंगी पंडित, लुटेरा, * राजपूत* - अक्खड़, मुच्छड़, क्रूर, बलात्कारी *वैश्य या साहूकार* - लोभी, कंजूस, *गरीब हिन्दू दलित* - कुछ पैसो या शराब की लालच में बेटी को बेच देने वाला चाचा या झूठी गवाही देने वाला *सिक्ख*- जोकर आदि बनाकर मजाक उड़ाना *जाट* खाप पंचायत का अड़ियल बेटी और बेटे के प्यार का विरोध करने वाला और महिलाओ पर अत्याचार करने वाला *जबकि दूसरी तरफ* *मुस्लिम* - अल्लाह का नेक बन्दा, नमाजी, साहसी, वचनबद्ध, हीरो-हीरोइन की मदद करने वाला टिपिकल रहीम चाचा या पठान। *ईसाई* - जीसस जैसा प्रेम, अपनत्व, हर बात पर क्रॉस बना कर प्रार्थना करते रहना। ये बॉलीवुड इंडस्ट्री, सिर्फ हमारे धर्म, समाज और संस्कृति पर घात करने का सुनियोजित षड्यंत्र है और वह भी हमारे ही धन से । *हम हिन्दू और सिक्ख अव्वल दर्जे के CARTOON बन चुके हैं।* क्योकि ये कभी वीर हिन्दू पुत्रों महाराणा प्रताप, गुरु गोविन्द सिंह गुरु तेग बहादुर चन्द्रगुप्त मौर्य, अशोक, विक्रमादित्य, वीर शिवाजी संभाजी राणा साँगा, पृथ्वीराज की कहानी नही बता सकते। *कभी गहराई से विचार कीजियेगा…!!* अगर यही बॉलीवुड देश की संस्कृति सभ्यता दिखाए .. तो सत्य मानिये हमारी युवा पीढ़ी अपने रास्ते से कभी नही भटकेगी... समझिये ..जानिए और आगे बढिए... ये संदेश उन हिन्दू छोकरों के लिए है जो फिल्म देखने के बाद गले में क्रोस मुल्ले जैसी छोटी सी दाड़ी रख कर खुद को मॉडर्न समझते हैं हिन्दू नौजवानौं के रगो में धीमा जहर भरा जा रहा है *फिल्म जेहाद* ***** सलीम - जावेद की जोड़ी की लिखी हुई फिल्मो को देखे, तो उसमे आपको अक्सर बहुत ही चालाकी से हिन्दू धर्म का मजाक तथा मुस्लिम / इसाई / साईं बाबा को महान दिखाया जाता मिलेगा. इनकी लगभग हर फिल्म में एक महान मुस्लिम चरित्र अवश्य होता है और हिन्दू मंदिर का मजाक तथा संत के रूप में पाखंडी ठग देखने को मिलते है. फिल्म *"शोले"* में धर्मेन्द्र भगवान् शिव की आड़ लेकर "हेमामालिनी" को प्रेमजाल में फंसाना चाहता है जो यह साबित करता है कि - मंदिर में लोग लडकियां छेड़ने जाते है. इसी फिल्म में ए. के. हंगल इतना पक्का नमाजी है कि - बेटे की लाश को छोड़कर, यह कहकर नमाज पढने चल देता है.कि- उसे और बेटे क्यों नहीं दिए कुर्बान होने के लिए. *"दीवार"* का अमिताभ बच्चन नास्तिक है और वो भगवान् का प्रसाद तक नहीं खाना चाहता है, लेकिन 786 लिखे हुए बिल्ले को हमेशा अपनी जेब में रखता है और वो बिल्ला भी बार बार अमिताभ बच्चन की जान बचाता है. *"जंजीर"* में भी अमिताभ नास्तिक है और जया भगवान से नाराज होकर गाना गाती है लेकिन शेरखान एक सच्चा इंसान है. फिल्म *"शान"* में अमिताभ बच्चन और शशिकपूर साधू के वेश में जनता को ठगते है लेकिन इसी फिल्म में "अब्दुल" जैसा सच्चा इंसान है जो सच्चाई के लिए जान दे देता है. फिल्म *"क्रान्ति"* में माता का भजन करने वाला राजा (प्रदीप कुमार) गद्दार है और करीमखान (शत्रुघ्न सिन्हा) एक महान देशभक्त, जो देश के लिए अपनी जान दे देता है. *अमर-अकबर-अन्थोनी* में तीनो बच्चो का बाप किशनलाल एक खूनी स्मग्लर है लेकिन उनके बच्चों अकबर और अन्थोनी को पालने वाले मुस्लिम और ईसाई महान इंसान है. साईं बाबा का महिमामंडन भी इसी फिल्म के बाद शुरू हुआ था. फिल्म *"हाथ की सफाई"* में चोरी - ठगी को महिमामंडित करने वाली प्रार्थना भी आपको याद ही होगी. कुल मिलाकर आपको इनकी फिल्म में हिन्दू नास्तिक मिलेगा या धर्म का उपहास करता हुआ कोई कारनामा दिखेगा और इसके साथ साथ आपको शेरखान पठान, DSP डिसूजा, अब्दुल, पादरी, माइकल, डेबिड, आदि जैसे आदर्श चरित्र देखने को मिलेंगे. हो सकता है आपने पहले कभी इस पर ध्यान न दिया हो लेकिन अबकी बार ज़रा ध्यान से देखना. केवल सलीम / जावेद की ही नहीं बल्कि कादर खान, कैफ़ी आजमी, महेश भट्ट, आदि की फिल्मो का भी यही हाल है. फिल्म इंडस्ट्री पर दाउद जैसों का नियंत्रण रहा है. इसमें अक्सर अपराधियों का महिमामंडन किया जाता है और पंडित को धूर्त, ठाकुर को जालिम, बनिए को सूदखोर, सरदार को मूर्ख कामेडियन, आदि ही दिखाया जाता है. "फरहान अख्तर" की फिल्म *"भाग मिल्खा भाग"* में "हवन करेंगे" का आखिर क्या मतलब था ? *"pk"* में भगवान् का रोंग नंबर बताने वाले आमिर खान क्या कभी अल्ला के रोंग नंबर 786 पर भी कोई फिल्म बनायेंगे ? मेरा मानना है कि - यह सब महज इत्तेफाक नहीं है बल्कि सोची समझी साजिश है एक चाल सी लगती है। साभार

कांग्रेस का हिंदुत्व विरोध

हिंदुत्व का विरोध क्यों करती है कांग्रेस? हिंदुस्तान में रहकर हिंदुओ का विरोध क्यों कर रही है कांग्रेस? राहुल गांधी कहते हैं मैं किसी हिंदु...