मंगलवार, 26 सितंबर 2023

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दशलक्षण पर्व हाइकु

क्षमावाणी पर्व

उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म

उत्तम आकिंचन धर्म

उत्तम त्याग धर्म

उत्तम तप धर्म

उत्तम संयम धर्म

गुरुवार, 21 सितंबर 2023

वरिष्ठ नागरिकों की उपेक्षा

श्रीमती जया बच्चन माननीय. सांसद ने संसद में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया, जिसके लिए हम उनके भाषण को निम्नानुसार सलाम करते हैं; “वरिष्ठ नागरिकों को मार डालो। सरकार को सभी सीनियरों को मार देना चाहिए। 65 वर्ष की आयु के बाद के नागरिक क्योंकि सरकार इन राष्ट्र निर्माताओं पर ध्यान देने को तैयार नहीं है। "क्या भारत में वरिष्ठ नागरिक होना अपराध है? भारत के वरिष्ठ नागरिक 70 वर्ष के बाद चिकित्सा बीमा के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें ईएमआई पर ऋण नहीं मिलता है। ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं किया गया है. उन्हें कोई काम नहीं दिया जाता है, इसलिए वे जीवित रहने के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं। उन्होंने सेवानिवृत्ति की उम्र यानी 60-65 तक सभी करों, बीमा प्रीमियम का भुगतान किया था। अब सीनियर सिटीजन बनने के बाद भी उन्हें सारे टैक्स चुकाने होंगे। भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई योजना नहीं है। रेलवे/हवाई यात्रा पर मिलने वाली 50% छूट भी बंद कर दी गई है. तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि राजनीति में विधायक, सांसद या मंत्री पद पर बैठे वरिष्ठ नागरिकों को हर संभव लाभ दिया जाता है और उन्हें पेंशन भी मिलती है। मैं यह समझने में असफल हूं कि अन्य सभी (कुछ सरकारी कर्मचारियों को छोड़कर) को समान सुविधाओं से क्यों वंचित रखा गया है। सोचिए, अगर बच्चों को उनकी परवाह नहीं होगी तो वे कहां जाएंगे। अगर देश के बुजुर्ग चुनाव में सरकार के खिलाफ जाएंगे तो इसका असर चुनाव नतीजों पर पड़ेगा। सरकार को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा. सीनियर्स के पास सरकार बदलने की ताकत है, उन्हें नजरअंदाज न करें। उनके पास सरकार बदलने का जीवन भर का अनुभव है। उन्हें कमजोर मत समझो! वरिष्ठ नागरिकों के लाभ के लिए बहुत सारी योजनाओं की आवश्यकता है। सरकार कल्याणकारी योजनाओं पर बहुत पैसा खर्च करती है, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के बारे में कभी ध्यान नहीं देती। इसके विपरीत, बैंकों की ब्याज दरों में कमी के कारण वरिष्ठ नागरिकों की आय घट रही है। यदि उनमें से कुछ को परिवार और स्वयं का समर्थन करने के लिए अल्प पेंशन मिल रही है, तो यह भी आयकर के अधीन है। इसलिए वरिष्ठ नागरिकों को कुछ लाभों पर विचार किया जाना चाहिए: (1). 60 वर्ष से ऊपर के सभी नागरिकों को पेंशन दी जानी चाहिए (2). सभी को हैसियत के मुताबिक पेंशन दी जाए (3). रेलवे, बस और हवाई यात्रा में रियायत। (4). अंतिम सांस तक सभी के लिए बीमा अनिवार्य होना चाहिए और प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाना चाहिए। (5). वरिष्ठ नागरिकों के अदालती मामलों को शीघ्र निर्णय के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए। (6). हर शहर में सभी सुविधाओं से युक्त वरिष्ठ नागरिकों के घर (7). सरकार को 10-15 साल पुरानी पुरानी कारों को स्क्रैप करने के नियम में संशोधन करना चाहिए। यह नियम केवल वाणिज्यिक वाहनों के लिए लागू किया जाना चाहिए। हमारी कारें ऋण पर खरीदी जाती हैं और हमारा उपयोग 10 वर्षों में केवल 40 से 50000 किमी तक होता है। हमारी कारें नई जैसी ही अच्छी हैं। यदि हमारी गाड़ियाँ नष्ट हो जाती हैं तो हमें नई गाड़ियाँ दी जानी चाहिए। मैं सभी वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वे इसे सभी सोशल मीडिया पर साझा करें। आशा करते हैं कि यह सरकार, जो हर समय ईमानदार रहती है और *"सब का साथ, सब का विकास"* की बात करती है, उन लोगों की भलाई के लिए कुछ करेगी जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है और अब अपने चरम पर हैं।" कृपया अपने दोस्तों, वरिष्ठ नागरिकों और शुभचिंतकों के साथ साझा करें।

सोमवार, 18 सितंबर 2023

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शब्द

*-शब्दों का संसार-* शब्द रचे जाते हैं, शब्द गढ़े जाते हैं, शब्द मढ़े जाते हैं, शब्द लिखे जाते हैं, शब्द पढ़े जाते हैं, शब्द बोले जाते हैं, शब्द तौले जाते हैं, शब्द टटोले जाते हैं, शब्द खंगाले जाते हैं, *#अंततः* शब्द बनते हैं, शब्द संवरते हैं, शब्द सुधरते हैं, शब्द निखरते हैं, शब्द हंसाते हैं, शब्द मनाते हैं, शब्द रूलाते हैं, शब्द मुस्कुराते हैं, शब्द खिलखिलाते हैं, शब्द गुदगुदाते हैं, शब्द मुखर हो जाते हैं, शब्द प्रखर हो जाते हैं, शब्द मधुर हो जाते हैं, *#फिर भी-* शब्द चुभते हैं, शब्द बिकते हैं, शब्द रूठते हैं, शब्द घाव देते हैं, शब्द ताव देते हैं, शब्द लड़ते हैं, शब्द झगड़ते हैं, शब्द बिगड़ते हैं, शब्द बिखरते हैं शब्द सिहरते हैं, *#किंतु-* शब्द मरते नहीं, शब्द थकते नहीं, शब्द रुकते नहीं, शब्द चुकते नहीं, *#अतएव-* शब्दों से खेले नहीं, बिन सोचे बोले नहीं, शब्दों को मान दें, शब्दों को सम्मान दें, शब्दों पर ध्यान दें, शब्दों को पहचान दें, ऊँची लंबी उड़ान दे, शब्दों को आत्मसात करें... उनसे उनकी बात करें, शब्दों का अविष्कार करें... गहन सार्थक विचार करें, *#क्योंकि-* शब्द अनमोल हैं... ज़ुबाँ से निकले बोल हैं, शब्दों में धार होती है, शब्दों की महिमा अपार होती, शब्दों का विशाल भंडार होता है, *और सच तो यह है कि-* *शब्दों का अपना एक संसार होता है*

रविवार, 10 सितंबर 2023

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G 20 शिखर सम्मेलन

ऐतिहासिक G 20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली, मोदीजी के नेतृव में G 20 शिखर सम्मेलन में बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत। सर्वसम्मति से जारी हुआ घोषणापत्र। G 20 का नया सदस्य बना अफ्रीकी यूनियन। सम्मेलन में आये सभी विदेशी मेहमान भारतीय मेहमानबाजी एवं भारतीय संस्कृति देखकर गदगद हुए। शिखर सम्मेलन के रात्रि भोज में राष्ट्रपति मुर्मू एवं प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से मेहमानों की आगवानी की। देश की सांस्कृतिक विरासत कोणार्क के सूर्य मंदिर का चक्र एवं नालन्दा विश्वविद्यालय की पृष्ठभूमि मंच पर शोभायमान होकर प्राचीन भारत का संदेश दे रही थी। शिखर सम्मेलन में घोषणा पत्र के सभी बिंदुओं पर सर्वसम्मति से मोहर लगी। स्वच्छ ईंधन का उपयोग बढ़ाने के लिये वैश्विक जैव ईंधन का आगाज़ किया गया इसके लिये एक गठबंधन की घोषणा की गई। दुनिया भर की पुरानी समस्याओं को नये समाधान से सुलझाने की बात की गई। G 20 सेटेलाइट मिशन लांच करने का प्रस्ताव रखा गया जिससे आपस मे सभी देश जुड़ सकें। मोदीजी ने रूस- यूक्रेन युध्द के बारे में कहा यह सदी युद्ध की सदी नहीं है। यह सदी तो विश्व कल्याण के लिये आपस में सहयोग कर साथ चलने और आगे बढ़ने की सदी है। मोदीजी ने कहा की रूस- यूक्रेन युद्ध बन्द होना चाहिये, शांति स्थापित होनी चाहिये। किसी भी आपस के विवाद का हल बातचीत से निकाला जाना चाहिये। परमाणु हथियारों की धमकी देना हितकर नहीं है। शिखर सम्मेलन में चीन की विस्तारवादी नीति को गहरा झटका लगा। बिना चीन का नाम लिये चीन की नीतियों का खंडन किया गया। भारत- पश्चिम एशिया- यूरोप के बीच एक सम्पर्क गलियारे को शीघ्र लॉन्च करने की घोषणा की गई। मुक्त व्यापार समझौते को भारत व बिट्रेन आगे बढ़ाएंगे, केंक्टिविटी में जापान भी सहयोग बढायेगा। भारत की अध्यक्षता में हो रहा शिखर सम्मेलन भारत की कामयाबी के द्वार खोलेगा। दुनिया के विकसित- विकासशील देशों के साथ मिलकर काम करने से बहुत सी नई उपल्बधि के साथ देश को आगे बढ़ाने के बहुत से कार्य होंगे। जलवायु परिवर्तन के खतरों से धरती को बचाने के लिये कार्बन उत्सर्जन में कमीं लाने के लिए जैविक ईंधन के इस्तेमाल पर आम सहमति बनाई गई। 55 देशों के समूह का अफ्रीकी संघ G 20 का नया सदस्य बना। सुनील जैन राना

शनिवार, 2 सितंबर 2023

सूर्य मिशन

भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट को PSLV-C57 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से आज लॉन्च किए जाने पर ISRO के समस्त वैज्ञानिकों को हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद।

छोटो को सज़ा, बड़ो का मज़ा

निलम्बन की गाज छोटो पर ही क्यों? मामला किसी भी क्षेत्र का हो, अक्सर निलम्बन की गाज छोटे कर्मचारियों- पुलिसकर्मियों पर ही गिरती है। बड़ो का बाल भी बांका नहीं हो रहा है। 34 हज़ार करोड़ के बैंक लोन के महाभृष्टाचारी दीवान हाउसिंग के प्रवर्तक कपिल बधावन, धीरज बधावन जिन्होंने 12 बैंकों से भारीभरकम धनराशि लेकर जेल में हैं वहां सभी सुविधाओं से रह रहे हैं। बीमारी के नाम पर अस्पतालों में ऐसे लोग वीआईपी की तरह रहते हैं। ऐसे अनेको नाम हैं जो बैंकों से मोटा लोन लेकर जेलों में मज़े से रह रहे हैं। वैसे तो जेलों में बड़े लोगो को सभी सुविधाएं मिल जाती हैं यह सभी जानते हैं। लेकिन कभी भी नियम- कानून के तहत जब जांच होती है या कोई पत्रकार ऐसे तथ्य पेश कर पीछे पड़ जाता है तब कार्यवाही के नाम पर कुछ निचले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर इतिश्री कर दी जाती है। ऐसे ही बैंक भृष्टाचारियो पर कभी बड़े अधिकारियों पर कम ही कार्यवाही होती है। लोन लेने वाला दोषी है तो देने वाला भी उतना ही दोषी माना जाना चाहिए जो बिना सुरक्षा के जनता की भलाई का धन भृष्टाचारियो को दे देते हैं। किसी भी विभाग का कोई अनियमित कार्य बिना बड़े अधिकारी की सहमति के बिना नहीं होता है। ऐसे में विभाग के बड़े अधिकारियो पर भी गाज गिरनी चाहिए। सुनील जैन राना

कांग्रेस का हिंदुत्व विरोध

हिंदुत्व का विरोध क्यों करती है कांग्रेस? हिंदुस्तान में रहकर हिंदुओ का विरोध क्यों कर रही है कांग्रेस? राहुल गांधी कहते हैं मैं किसी हिंदु...