बुधवार, 22 जनवरी 2020



नापाक़ पाकिस्तान रोटी को भी तरस रहा लेकिन ?
January 22, 2020 • सुनील जैन राना • राजनीति
नापाक पाकिस्तान जिसकी बुनियाद ही भारत से विद्रोह कर बनी आज भी सुधरना नहीं चाहता। भारत को नीचा दिखाने के चक्कर में खुद पाताल में जाने की नौबत आ गई है पाकिस्तान की। बटवारे के बाद भारत में एक नया हिंदुस्तान बनाने की तरफ पहल की वहीं बटवारे के बाद पाकिस्तान में जिहाद को बढ़ावा मिला और जब से अब तक नफ़रत के बीज जो आज वटवृक्ष बन गए हैं वही बोता रहा। आज पुरानी कहावत की बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से पाये चरित्रार्थ हो रही है।
चीन के मायाजाल में उलझा पाकिस्तान आज दाने -दाने को मोहताज हो रहा है। पाकिस्तान की अधिकांश आवाम को भरपेट खाना नसीब नहीं हो रहा है। पाकिस्तान में भोजन का मुख्य अनाज गेहूं ही खत्म हो गया है। जिसके कारण रोटी -ब्रेड तक के लाले पड़ रहे हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही चरमरा रही थी ऐसे में उसे जरूरत का गेहूं भी कोई देगा या नहीं ,पता नहीं। पाकिस्तान के कई प्रांतों में पहले से ही इमरान खान के विरुध्द आंदोलन चल रहे हैं। लेकिन इतने पर भी भारत को खत्म करने जैसे सपने देखने से नहीं चूक रहा है। 
क्या ही अच्छा होता पाकिस्तान के नेता लोग भारत से दोस्ती का हाथ बढ़ाते और तरक्की करते। ऐसा करने से आज भारत की तरह पाकिस्तान भी विकास के रास्ते पर होता। इस्लामिक दुनिया बनाने के चक्कर में आज पाकिस्तान खुद बर्बादी के कगार पर बैठा है। सच बात है की जैसी करनी -वैसी भरनी। * सुनील जैन राना *

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