शनिवार, 20 अप्रैल 2024

धन कैसे बढ़ाएं ?

म्यूचुअल फण्ड- शेयर या बैंक FD धन कमाने के अनेको तरीके हैं। धन कमाकर उसे और ज्यादा बढ़ाने के भी अनेको तरीके हैं। उन्हीं में से 3 तरीके म्यूचल फण्ड, शेयर बाजार एवं बैंक में फिक्स डिपोजिट भी हैं। आम आदमी के लिये बैंक एफडी ही सबसे सुलभ और निश्चित धनराशि प्राप्त करने का साधन है। म्यूचल फण्ड एवं शेयर की बात करें तो दोनों में सैंकड़ो कम्पनियों के म्यूचल फण्ड एवं शेयर प्रचलन में हैं। सूत्रों की बात यह भी है की इन दोनों में ही लगभग 90% उपभोक्ता नुकसान ही उठाता है। मात्र 10% उपभोक्ता नफ़े में रह पाता है। म्यूचल फण्ड में धन लगाने को प्रेरित करने के लिये टीवी पर विज्ञापन भी आते हैं जिनमें बड़ी-बड़ी सेलेब्रिटी एवं भारत रत्न जैसे लोग यह कहते हैं की म्यूचल फण्ड सही है। क्या ये लोग आम जनता को सभी म्यूचल फण्ड में धन की बढ़ोतरी होगी ऐसा वायदा कर सकते हैं? यदि नहीं तो फिर सही कैसे? यही हाल शेयर बाजार में शेयरों का है। उनमें भी मात्र 10% लोग ही मुनाफा कमा पाते हैं। दरअसल ये दोनों ही अनेक बातों पर निर्भर रहते हैं। देश की अर्थव्यवस्था, देश के राजनेता, देश मे गोल्ड रिजर्व, देश मे विदेशी मुद्रा का भंडार। विदेशों में देश की इज्जत। देश के प्रधानमंत्री की कार्यप्रणाली आदि अनेक बातों पर शेयर बाजार निर्भर रहता है। सिर्फ यही नहीं विश्व की गतिविधियों पर भी शेयर बाजार प्रतिक्रिया दे देता है। वास्तव में तो देश मजबूत होने पर भी यदि अमेरिका आदि के बाजार नीचे खुलते हैं तो भारतीय बाजार भी नीचे ही रहते हैं। वर्तमान में कई देशों में युद्ध हो रहा है जो तृतीय विश्व युद्ध की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में भारतीय बाजार भी कितने नीचे गिर जाये कहा नहीं जा सकता। टीवी पर शेयर समस्या के समाधान को शेयर वैज्ञानिक उपाय बताते हैं। अंत मे यह कहकर की इनमें से कोई भी शेयर हमारे पास नहीं है अंतर्ध्यान हो जाते हैं। बैंक एफडी से निश्चित सीमा में धन कमाया जाता है। म्यूचल फण्ड में एफडी से ज्यादा धन कमाया जा सकता है? शेयर बाजार में अकूत धन कमाया जा सकता है? लेकिन कौन सी कम्पनी में निवेश करें यह समझ मे नहीं आता है फिर भी समझ अपनी-अपनी, किस्मत अपनी-अपनी। सुनील जैन राना

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जुल्म की हद

खड़गे जी ये तो बता रहे हैं कि उनकी माँ और बहन को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया पर ये नहीं बता रहे हैं उनको जलाया किसने। आज़ादी के बाद, निज़ाम ह...