गुरुवार, 8 अगस्त 2024
जैन धर्म
किसी भी विवादित भूमि (तीर्थ) पर
कब्ज़ा मुस्लिम का हुआ होता है।
हकदार हिंदू होते है उस जगह के,
दावा बौद्ध करते है की उनका मठ था पहले।
पर निकलती है जैनियों के तीर्थकर भगवान की प्रतिमाएं।
चाहे राम जन्म भूमि की खुदाई से प्राप्त जैन प्रतिमाएं हो।
जो रातों रात छुपा दी गई थी।
चाहे मथुरा के टीले की खुदाई से प्राप्त जैन प्रतिमाएं हो।
चाहे बद्रीनाथ में विराजमान प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ जी की प्रतिमा हो।
जो आज बद्रीनाथ हिंदू देव रूप में पूजी जाती है।
आदि बहुत से ऐसे विवादित तीर्थ स्थल है।
की अगर उनकी गहराई से खोज की जाए तो सभी जैन धर्म स्थल निकलेंगे।
मगर जैन समाज अहिंसक और शांतिप्रिय समाज है।
वो नही चाहता की किसी की धार्मिक भावना आहत हो।
इस कारण जो तीर्थ स्थल जा जुके उन्हे वापस नहीं मांगता।
मगर अब जैन समाज जाग चुका हैं।
अब अपने किसी भी जैन तीर्थ को
दूसरे धर्म तीर्थ स्थल मे नही बदलने दिया जाएगा।
जैनियों पंथों को त्याग दो।
और नियम लो की आप केवल जैन है।
तभी खुद को, अपने समाज को और अपने तीर्थ स्थलों को बचा सकोगे।
मिलकर रहो,
एक रहो।।
जय जिनेन्द्र 🌹🌹
जय हो चौबीस तीर्थकर भगवान की।🙏🙏
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