शुक्रवार, 7 जुलाई 2023

नये वाहनों का उत्पादन

सड़को पर अतिक्रमण- भीड़ की वज़ह जहां- जहां देखो अतिक्रमण और भीड़ ही नज़र आती है हमारे देश की सड़कों पर। यह स्तिथी तब है जबकि देश भर में सड़कों का जाल - हाइवे बन गये हैं, अभी भी और ज्यादा तादाद में बन रहे हैं। गडकरी जी ने वास्तव में यह करिश्मा कर दिखाया है। फिर भी सड़को पर इतनी भीड़ क्यों? इसका मुख्य कारण है बहुत बड़ी तादाद में दो पहिया वाहनों एवं चार पहिया वाहनों का बनना और बिकना। पिछले वित्तीय वर्ष में 2.7 करोड़ वाहनों का उत्पादन हुआ जिसकी कुल कीमत 8.7 लाख करोड़ रुपये थी। यानि की इतना बड़ा वाहनों का बाजार बन गया है भारत। इन्ही कुछ कारणों से भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रही है। अब जब करोड़ो वाहन सड़को पर प्रति वर्ष आयेंगे तो स्वभाविक है सड़को पर भीड़ होना। लेकिन अतिक्रमण होने का भी एक कारण बढ़ती वाहनों की संख्या है। प्रत्येक नगर, शहर, कस्बे, गांव के घर- घर मे आज दो पहिया या चार पहिया वाहन खड़ा मिल जायेगा। यही सब सड़को पर चलते हैं जिसके कारण सड़कों पर हमेशा भीड़ ही दिखाई देती रहती है। दुकानों के बाहर वाहन खड़े होने से भी भीड़ की समस्या हो जाती है एवं यही कारण अतिक्रमण का बन जाता है। इसका निदान क्या है? इसका निदान कुछ देशों की वाहन नीतियों को अपनाकर ही हो सकता है। कुछ देश जितने नये वाहन बनाते हैं उतने ही पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन रदद् कर देते हैं। जिससे सड़को पर नियत संख्या में ही वाहन रहते हैं। हमारे देश में भी कुछ ऐसा ही निर्णय करना चाहिये। लेकिन यहां ऐसा सम्भव होना असम्भव ही लगता है। सरकार की 15 साल पुराने वाहनों को खत्म करने की पॉलिसी का ही मज़ाक बन रहा है। लेकिन फिर भी इस समस्या की विकरालता को देखते हुए इसका कुछ न कुछ समाधान तो निकालना ही चाहिये। सुनील जैन राना

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