शनिवार, 21 जनवरी 2023

BSNL, परेशानी का सबब

BSNL परेशानी का सबब लापरवाही ज्यादा, जबाबदेही की कमीं भारतीय संचार ऊपक्रम, जनता के लिये परेशानी का सबब बन गया है। जहां एक ओर मोबाईल कम्पनियां हर समय अपने उपभोक्ता का ध्यान रखती हैं वहीं bsnl में बैठे कर्मचारी कुछ कार्य करना ही नहीं चाहते। इसी कारण लगातार आम घरों में bsnl के टेलीफोन कटते जा रहे हैं। सहारनपुर में bsnl का हाल काफी बुरा है। यहाँ लगातार टेलीफोन कम हो रहे हैं। दशकों से अक्सर फोन खराब रहने की वजह से उपभोक्ताओं ने bsnl के फोन कटवा कर मोबाईल ले लिये हैं। हमारे यहां घर मे 40-45 साल से bsnl के 6 नम्बर थे। परेशान होकर सभी कटवा दिये बस एक नम्बर माताजी की वजह से बचा रखा है क्योकि उनसे मोबाईल नहीं चलता। परेशानी का आलम यह है की सड़क खुदने पर 4 महीने फोन बंद रहा। लेकिन उसका बिल आया और भुगतान करना पड़ा। उसके बाद से अब भी महीने में 15 दिन फोन खराब रहता है। शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नही होती। यहां तक की एसडीओ साहब के कहने के बाद भी लापरवाही की हद है। उन्होंने पिछला भुगतान आगे एडजस्ट करने के आदेश दिए लेकिन नीचे वाले जब मर्जी आउटगोइंग बन्द कर देते हैं। कार्यालय जाओ तो सीट पर कोई मिलता नहीं है। कोई बाजार गया है, कोई थोड़ी देर में आएगा यही जबाब मिलता है। गतवर्ष मोदीजी ने इस विभाग को सपोर्ट के लिये एक लाख चालीस हजार करोड़ के पैकेज का एलान किया था। जनता का कहना है की इस विभाग को प्राइवेट हाथों में दे देना चाहिए। घाटे से मुनाफे में आ जायेगा और सेवाएं भी दुरुस्त हो जायेंगी। bsnl के पूर्व मंत्री स्व श्री पासवान जी के समय मे ये सब निठल्ले बैठने वाले सीधे हो गए थे। उन्होंने कार्यभार सम्भालते ही आदेश कर दिए थे कि मुझे किसी उपभोक्ता के टेलीफोन खराब होने की शिकायत नहीं मिलनी चाहिये। बस इतने से ही रोज-रोज खराब रहने वाले फोन ठीक हो गए। ऐसा ही वर्तमान में इस विभाग के मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी को भी सख्त होकर निर्देश देने चाहिये। अन्यथा bsnl को भी सार्वजनिक हाथों में दे देना चाहिये। सुनील जैन राना

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