रविवार, 1 जनवरी 2023

श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ

शिखरजी का मामला बिगड़ गया है। स्थानीय लोगो से लड़कर कोई फायदा नही होगा। बीच का रास्ता निकालना चाहिये। क्यों कि स्थानीय लोग की आस्था भी श्री पार्श्वनाथ भगवान में हैं। यदा कदा वे भी पहाड़ पर दर्शन करने आते रहे हैं। उन्हें रोका नही जा सकता। स्थानीय समाज से लड़कर कोई भी बाहरी सुख से यात्रा नही कर सकता। कमी तो हम जैन में भी है। जो जूते चप्पल लेकर खाने का सामान लेकर पर्वत पर जाने लगे गए हैं। हमे भी खुद को सुधारना होगा तभी ठीक रहेगा। गिरनार जी हो या शिखर जी दोनों जगह स्थानीय समुदाय ने परेशानी उतपन्न की है। देश के बाकी अधिकांश हिन्दू समाज को इस बात की जानकारी भी नही है। हमे आपस में मनमुटाव से बचना चाहिये। सरकार को भी यह बात सोचनी चाहिये कि श्री सम्मेद शिखर जी जैनियों का पवित्र तीर्थ है इसे अभ्यारण बनाने के बाद से यहाँ लोगो ने पिकनिक शुरू कर दी है। चप्पल, जूते खाद्य पदार्थ आदि लेकर पर्वत पर जाने लगे हैं। यह तो पवित्र तीर्थ का बहुत अपमान है। पिछले 6 दिन से विश्व जैन संगठन के संजय जैन एवम रुचि जैन अनशन पर बैठे हैं। यदि उन्हें कुछ हो गया तो जैन समाज राज्य सरकार एवम केंद्र सरकार को माफ नही करेगा। सुनील जैन राना

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