सोमवार, 30 अक्तूबर 2023
गन्दगी ही गन्दगी
सामाजिक गन्दगी एवं राजनैतिक गन्दगी
आज के भौतिक युग में इंसान की सोच में काफी बदलाव आ रहा है लेकिन आज भी अनेक बातों में सामाजिक गन्दी एवं राजनैतिक गन्दगी में कमीं नहीं आई है। देश मे स्वच्छ अभियान से सार्वजनिक गन्दगी में भी काफी कमीं आई है। गली- मोहल्लों में अब पहले जैसी गन्दगी कम ही दिखाई देती है।
सामाजिक गन्दगी की बात करें तो आज भी अनेकों टीवी सीरियलों में घर- गृहस्ती में घोलने वाले सीरियल चल रहे हैं। एकता कपूर जैसी नारी ने अपने सीरियलों से भारतीय संस्कृति की धज्जियां उड़ा रखी हैं। अब तो वेब सीरीज़ उससे भी कहीं आगे बढ़कर गन्दगी परोस रही हैं। पता नहीं सेंसर बोर्ड को यह सब दिखाई क्यों नही दे रहा है?
एक प्रकार की गन्दगी टीवी चैनलों पर परोसी जा रही है जो राजनैतिक स्तर पर नेताओ की मानसिकता उजागर कर रही है। टीवी चैनल वाले 4 दलों के 4 प्रवक्ताओं को बुलाकर किसी भी मुद्दे पर जो निम्न स्तर की डिबेट कराते हैं उससे समाज मे जहर ही घुल रहा है। सभी जानते हैं कि किसी भी दल का प्रवक्ता अपने नेता की तारीफ़ करेगा एवं बाकियों को लज्जामय जबाब देगा। वर्तमान में बीजेपी की सरकार है तो एक प्रवक्ता बीजेपी का तीन प्रवक्ता अन्य दल के चौथा एंकर तो घमासान होना लाज़मी ही है। जनहित में ऐसी डिबेट बन्द होनी चाहियें। सभी दलों की सोच में भिन्नताएं तो होती ही हैं। लेकिन यदि डिबेट में पक्ष और विपक्ष बैठा हो तब वार्तालाप का स्तर किस हद तक गिर रहा है यह जनता देख रही है।
जनहित में भारतीय सामाजिक संस्कृति के विनाशक टीवी सीरियल एवं वेब सीरीज़ बन्द होनी चाहियें एवं समाचार चैनलों पर कई दलों के प्रवक्ताओं की डिबेट बन्द होनी चाहिये। किसी मुद्दे पर डिबेट ही करनी है तो उस मुद्दे से सम्बंधित बुद्धिजीवियों को बुलाना चाहिये।
सुनील जैन राना
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