गुरुवार, 12 दिसंबर 2019



नागरिकता संशोधन बिल -विरोध क्यों? http://suniljainrana.blogspot.com/
December 12, 2019 • सुनील जैन राना • राजनीति
नागरिकता संशोधन बिल दोनों सदनों में पास हो गया है। लेकिन हमेशा की तरह हर कार्य-नीति का विरोध करना ,उसमे बाधा डालना अधिकांश विपक्ष का काम हो गया है। समझ में नहीं आता की इस बिल से किस भारतीय को परेशानी हो सकती है ,अर्थात किसी को नहीं। यह बिल किसी भी तरह भारत में रहने वाले प्रत्येक भारतीय के हितों की रक्षा करता है सिर्फ उनको छोड़कर जो भारत में घुसपैठिये की तरह आये हैं।
इस बिल के द्वारा जहां एक ओर देश को विदेशी असामाजिक तत्वों से बचाने की कोशिश है वहीं दूसरी ओर भारत के पड़ोसी तीन मुस्लिम देश जहां गैर मुस्लिम के साथ अन्याय हो रहा हो-हुआ हो,उत्पीड़न से बचने को वे भारत में शरण लेना चाहते हो तो उन्हें शरण दी जा सकेगी। हंगामा इस बात पर किया जा रहा है की इसमें मुस्लिमों को क्यों नहीं शामिल किया गया ?इसमें सोचने की बात यह है की तीन मुस्लिम इस्लामिक देश ही यदि अपने मुस्लिम समाज का हित नहीं कर सकते तो भारत से अपेक्षाएं क्यों ?
भारत देश की बढ़ती जनसंख्या की जरूरत ही सरकार पूरी नहीं कर पाती ऐसे में बाहरी लोग जिन्हे उनकी सरकार ही नहीं रख रही भारत सरकार क्यों रखे ? बंगलादेश से आये रोहिंग्या ऐसे मुसलमान जिन्हे उनका देश ही बाहर निकाल रहा और कोई भी अन्य मुस्लिम देश उन्हें अपने यहां पनाह देने को तैयार नहीं ऐसे में भारत ने क्या ठेका ले रखा है ऐसे लोगो का ?
दरअसल यह सब हंगामा वोटो की राजनीति के तहत करवाया जा रहा है। दुर्भाग्य की बात है की जो दल विरोध में लगे हैं उन्हें मुसलमानों की चिंता नहीं है बल्कि उनके वोटो की चिंता है। पाकिस्तान के इमरान खान भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं। अब कोई उनसे पूछे उन्हें क्या परेशानी है ?मुस्लिम रोहिंग्यों को उन्होंने भी अपने यहां जगह देने से मना कर दिया है। इमरान खान कभी चीन में उत्पीड़ित मुसलमानों के लिए क्यों नहीं बोलते ?कश्मीर के मुसलमानों की चिंता करते हैं ,यह सब दिखावा है।
वास्तव में नागरिक संशोधन बिल भारत देश की सुरक्षा से जुड़ा ऐसा बिल है जिसे बहुत पहले ही आ जाना चाहिए था। इस बिल से किसी भी भारतीय के हितों में सेंध नहीं लग रही बल्कि सुरक्षा मिल रही है। साथ ही तीन पड़ोसी मुस्लिम देश में गैर मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचार -उत्पीड़न से पीड़ित जन यदि भारत आना चाहें तो आ सकते हैं। इसमें किसी भी भारतीय को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।  * सुनील जैन राना *

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