सोमवार, 22 जुलाई 2024

मुहँ ढकाई कपड़ा

मुहँ ढकने की इजाजत क्यों ? अक्सर देखने मे आता है की पुलिस किसी शातिर अपराधी को पकड़ती है तो टीवी चैनलों पर उस अपराधी का मुहँ कपड़े से ढका होता है। कपड़ा भी काले रंग का मुहँ के साइज का सिला सिलाया, जिसमें आंखों की जगह दो सूराख होते हैं एवं सांस लेके लिये नाक के पास भी सूराख बना होता है। आपको यह सब पढ़कर अजीब सा लग रहा होगा लेकिन यह सत्य है की अक्सर प्रथम दृष्टया शातिर अपराधी, बलात्कारी, हत्या का आरोपी, गबन कर्ता या कोई भ्रस्टाचारी जब भी पुलिस की पकड़ में आता है तो मीडिया के सामने उसके मुहँ पर काला कपड़ा ढका होता है। जबकि कोई साधारण आम आदमी को पुलिस किसी आरोप में पकड़ती है तो उसे ऐसे ही पेश कर दिया जाता है। अब सवाल यह उठता है की इन शातिर अपराधियों को पुलिस की गिरफ्त में उन्हें मुहँ ढकाई के लिये सिला हुआ काला कपड़ा कौन उपलब्ध कराता है? क्यों नहीं जनता के सामने उस शातिर अपराधी को बिना मुहँ ढके लाया जाता है? क्यों नहीं जनता को यह जानने दिया जाता है की हुए अपराध का अपराधी कौन है? भयंकर अपराध करने वाले का चेहरा सभी को देखने की इजाजत होनी चाहिये ताकि सज़ा से पहले ही वह अपराधी शर्म से तो शर्मसार हो ही जाये। सुनील जैन राना

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