शनिवार, 25 मई 2024

हीट वेब

आजकल तीव्र गर्मी पड रही है इसमें लू लगने की संभावना बहुत बढ़ जाती है और वह जानलेवा हो सकती है .... आइए जानते हैं कि हम सभी धूप में घूमते हैं फिर कुछ लोगो की धूप में जाने के कारण अचानक मृत्यु क्यों हो जाती है? 👉 हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है। 👉 पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर बनाए रखता है, इसलिए लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत आवश्यक है, जिससे शरीर में पानी की कमी न हो और शरीर का तापमान नियंत्रित रहे। 👉 पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है जैसे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस रखना, पानी के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं,जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना टालता है या बंद कर देता है । 👉 जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है।जिसे हाइपरथर्मिया कहते हैं। हाइपरथर्मिया शरीर का तापमान बढना और हाइपोथर्मिया शरीर का तापमान कम होना दोनों शरीर के लिए हानिकारक हैं। 👉 शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त मे उपस्थित प्रोटीन पकने लगता है ( जैसे उबलते पानी में अंडा पकता है ) 👉 स्नायु कड़क होने लगते है इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर सकते हैं। 👉 शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है और इलेक्ट्रोलाइट्स में imbalance और इनकी कमी से शारीरिक गतिविधियां ठप हो सकती है। इलेक्ट्रोलाइट्स में सोडियम साइट्रेट, सोडियम क्लोराइड, पोटेशियम क्लोराइड और डेक्सट्रोज जैसे नमक और चीनी का कॉम्बिनेशन होता है। इसमें मौजूद नमक आपके शरीर में पानी को संतुलित करने, एसिड-बेस लेवल को बनाए रखने, कोशिकाओं में पोषक तत्वों की आवाजाही करने और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों (वेस्ट) को हटाने में मदद करता है। इनकी कमी से ब्लडप्रेशर low हो जाता है, महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन ) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है। 👉 व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक- एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं, और उसकी मृत्यु हो जाती है। 👉गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोडा थोडा पानी पीते रहना चाहिए, और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए। Equinox phenomenon: इक्विनॉक्स प्रभाव अगले 5 -7 दिनों मे एशिया के अधिकतर भूभाग को प्रभावित करेगा। कृपया 12 से 3 के बीच ज्यादा से ज्यादा घर, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें। तापमान 40 डिग्री के आस पास विचलन की अवस्था मे रहेगा। यह परिवर्तन शरीर मे निर्जलीकरण और सूर्यातप की स्थिति उत्पन्न कर देगा। (ये प्रभाव भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर सूर्य चमकने के कारण पैदा होता है।) कृपया स्वयं को और अपने जानने वालों को पानी की कमी से ग्रसित न होने दें। किसी भी अवस्था मे कम से कम 3 ली. पानी जरूर पियें।किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 ली. पानी जरूर लें। जहां तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखें। किसी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है। ठंडे पानी से नहाएं। मांस का प्रयोग छोड़ें या कम से कम करें। फल और सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें। हीट वेव कोई मजाक नही है। एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें, यदि मोमबत्ती पिघल जाती है तो ये गंभीर स्थिति है। शयन कक्ष और अन्य कमरों मे 2 आधे पानी से भरे ऊपर से खुले पात्रों को रख कर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है। अपने होठों और आँखों को नम रखने का प्रयत्न करें। जनहित मे इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें। जरूरी होने पर शीघ्र चिकित्सक से संपर्क करें। स्वस्थ रहें दिर्घायु हों 🙏

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जुल्म की हद

खड़गे जी ये तो बता रहे हैं कि उनकी माँ और बहन को ज़िंदा जलाकर मार डाला गया पर ये नहीं बता रहे हैं उनको जलाया किसने। आज़ादी के बाद, निज़ाम ह...