मंगलवार, 20 जून 2023

हिंदुत्व विरोधी कांग्रेस

जयराम रमेश के “दिमाग” का टेस्ट करा लेना चाहिए कांग्रेस को - अब लगता है यह व्यक्ति “पागल” हो गया है - गीता प्रेस गोरखपुर को भी गाली देगा यह निर्लज्ज - हिंदुओं और मोदी के लिए यह है “नफरत की दुकान” वर्ष 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गीता प्रेस गोरखपुर को देने का फैसला किया है लेकिन इस फैसले को सुनते ही कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश को जैसे एक पागलपन का दौरा सा पड़ गया - रमेश उबल पड़ा और बोला कि गीता प्रेस को यह पुरस्कार देना गोडसे व सावरकर को सम्मानित करने जैसा है - मुझे लगता है अब कांग्रेस को गंभीरता से विचार करके जयराम रमेश के “दिमाग” का टेस्ट करा कर उसके “पागलपन” की जांच करानी चाहिए - कांग्रेस के नेता सच में पागल हो चुके हैं जिन्हें सोते जागते गोडसे और सावरकर दिखाई देते हैं - बेशर्म निर्लज्ज जयराम रमेश को पता भी है गीता प्रेस है क्या जो उसका अपमान करने निकल पड़ा - गीता प्रेस 1923 बनी संस्था, जो दुनिया का सबसे बड़ा प्रकाशन संस्थान है, ने कभी गलत तरीके से पैसा कमाना अपना उद्देश्य नहीं रखा जैसा कांग्रेस के लोग करते रहे हैं और देश को खोखला कर दिया - इस संस्था की आर्थिक हालत कितनी भी ख़राब रही है परंतु फिर भी इसके कर्मचारी समाज की सेवा में लगे रहे और संस्था ने कभी किसी के आगे मदद के लिए हाथ नहीं फैलाया - यह संस्था 14 भाषाओँ में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित कर चुकी है जिसमें 16.21 करोड़ तो भगवत गीता ही हैं -कहीं यह भी कहा गया है कि 100 वर्ष में गीता प्रेस ने 93 करोड़ पुस्तकें छापी है - प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल ने “शांति और सामाजिक सद्भाव के गांधीवादी आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए गीता प्रेस के अद्वितीय योगदान को मान्यता देते हुए यह पुरस्कार देने का निर्णय लिया है” गीता प्रेस ने कम से कम कीमत पर पुस्तकें छापने और जनमानस तक पहुंचाने का अकल्पनीय कार्य किया है - कोलकाता के सेठ जयदयाल गोयनका जी द्वारा स्थापित गीता प्रेस का उद्देश्य ही जन जन तक धार्मिक पुस्तकें पहुंचाना रहा है - ऐसे संस्थान को “गांधी शांति पुरस्कार” देने पर विधवा विलाप करने वाले जयराम रमेश को पागल ही कहा जा सकता है जिसका टेस्ट कराया जाना चाहिए - कितनी सीमा है कॉग्रेस के लोगों की गिरने की - अरे निकम्मों, हर वक्त सावरकर सावरकर रोते फिरते हो, एक बार सावरकर को मिली कालापानी की 2 आजीवन कारावास की सजा की कल्पना तो करके देखो, 5 मिनट के लिए बैल की जगह खुद कोल्हू में जुताई करा कर देखो - बेशर्मो, तुम अंग्रेज़ों के पिट्ठू थे जो एक भी कांग्रेसी को “कालापानी” की सजा नहीं हुई - जहां तक गोडसे का सवाल है, उसके किए का फल तो तुमने 60 साल सत्ता भोग कर चखा है - क्रांतिकारियों के दम पर मिली देश को आज़ादी का Liberation Dividend और फिर Gandhi murder Dividend खूब भोगते हुए सत्ता से चिपके रहे 55 - 60 साल और देश को गर्त में धकेल दिया पर अपने घर भरते रहे - आज भी जयराम रमेश नहीं बोल रहा, उसके पीछे पार्टी की विदेशी सत्ता बोल रही है जिसके हाथ की कठपुतली हैं आज कांग्रेस के सभी नेता - जयराम रमेश यह विलाप मुस्लिम वोटों को दिमाग में रख कर रहा है और यही हिन्दुओं एवं नरेंद्र मोदी के खिलाफ सबसे बड़ी “नफरत की दुकान’ खोली है कांग्रेस ने - (सुभाष चन्द्र) “मैं वंशज श्री राम का” 19/06/2023

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सोना