शुक्रवार, 10 मार्च 2023

चीन से आयात

चीन से आयात पर गुणवत्ता की जांच आज़ादी के बाद से ही चीन और पाकिस्तान से भारत के सम्बंध अच्छे नहीं रहे। पाकिस्तान तो बना ही था नफ़रत की बुनियाद पर लेकिन चीन ने भी मौके का फायदा उठाने में चूक नहीं की। चीन ने पिछले 25 सालों में बेहताशा तरक्की की है। प्रत्येक क्षेत्र में चीन दुनिया को पछाड़ता आगे निकल रहा है। अपनी कारीगरी और सस्ते उत्पादों से आज चीन दुनिया भर की जरूरत बन गया है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। पिछले तीन दशक से भारत मे चीनी उत्पादों के आयात की जाने वाली वस्तुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है। जिसके कारण भारत की औद्योगिक निर्माण क्षमता भी प्रभावित हुई है। पिछले 9 साल से मोदी सरकार के बाद इस स्थिती में परिवर्तन हुआ है। डिफैंस से लेकर अनेको क्षेत्र में चीन पर से निर्भरता कम की गई है। देशों के बीच व्यापार समझौते के कारण पूर्णतः आयात- निर्यात बन्द तो नहीं किया जा सकता लेकिन कम किया गया है लेकिन कुछ क्षेत्र अभी भी ऐसे हैं जिनके कारण भारत की निर्भरता आज भी चीन पर ही है आज़ादी के बाद पिछले 50 सालों में यदि देश मे मोदी सरकार की तरह मेक इन इंडिया को महत्ता देकर उद्योग धंधों को प्राथमिकता दी होती तो आज देश विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा मिलता। पिछले 9 सालों में ही प्रत्येक क्षेत्र में विकास के भरपूर कार्य हो रहे हैं। चीन से आयात कम करने को एवं घरेलू मेन्युफैक्चरिग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने चीन से आयात होने वाली 2000 वस्तुओं को गुणवत्ता नियंत्रण में लाने का प्रावधान किया है। इससे यह फायदा होगा की चीन का सस्ता गुणवत्ता रहित सामान पर रोक लगेगी और यही सामान भारत मे बनकर तैयार किया जायेगा। जिससे भारत के उद्योगों को रफ्तार मिलेगी। काश ऐसा कदम आज़ादी के बाद से ही उठाया गया होता तो आज का भारत बहुत आगे निकल गया होता। सुनील जैन राना

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