गुरुवार, 2 मार्च 2023

नोटबन्दी, पाकिस्तान कंगाल

नोट छपाई का कारोबार *वो भी क्या जमाना था जब पाकिस्तान इमरजेंसी में 500-500 के भारतीय नोट छाप कर समस्या से बच जाता था।* चाहे जितने नोट छापो, दिन रात छापो उनमे से आधे भारत बिजवा दो आधे खुद मार्केट में खपा दो। *नोट भी ऐसे ऐसे जो RBI न पहचान पाई, असली नोट में कमियां निकल आती थी, लेकिन पाकिस्तान के बने 500 के नोट में मजाल गलती से भी कोई कमी हो।* 🤔 पाकिस्तान के कुछ मुहल्लों में तो लाइन से भारत के 500-1000 के नोट छापने वाली मशीन लग गयी थी, इनमें नोट भले लो क्वालिटी के हो पर असली की गड्डी में लगा कर आराम से चल जाते थे। ये नोट ऐसे होते थे कि किसी को पता हो नकली है तो भी वो सस्ते में लेलेता था। हालात ऐसे की RBI नोट न छापे तो भी कमी नही होती थी, भारत की अर्थव्यवस्था को ब्लडी एनीमिया हो गया था, मानो लगातार लहू रिस रहा हो। फिर मोदी जी आये, और इनकी सरकार को 8 साल हो गए है, न वो नोट है, न वो मशीने, इंक भी बदल गई, पेमेंट डिजिटल। पाकिस्तान के हालात आप टीवी और यूट्यूब पर देख लो, कश्मीर मांगते मांगते कब रोटी मांगने लगा खुद उसे पता नही चला है। और कोई लुच्चा चमचा पूछे कि नोटबन्दी फेल हो गयी, तो ये पोस्ट उसके गाल पर मारे और फिर पूछे, क्या कहा? लगभग 6 वर्ष पूर्व भारत में demonetization हुआ था … इसके दो दिन के अन्दर भारत की जाली मुद्रा का सबसे बड़ा ट्रेडर जावेद खड़ानी ने कराची में आत्महत्या कर ली …. unconfirmed रिपोर्ट के अनुसार उसके पास भारत का लगभग 40000 करोड़ का माल था और वो सब कूड़ा हो गया यह … . पाकिस्तान में अरबों की सम्पत्ति खाक हो गई … पाकिस्तान में पड़ा अरबों का नकली रुपया बनाने का माल खाक हो गया … पाकिस्तान की ISI और छपाई उद्योग चलाने वाली पाकिस्तान आर्मी कंगाल हो गई … . भारत में हुए इस demonetisation के ठीक 6 वर्ष के अंदर पाकिस्तान आटे - दाल को तरस रहा है …… you can connect some dots here too … मतलब कि पाकिस्तान के इकॉनमी का major हिस्सा भारत की जाली मुद्रा थी … न वहाँ तब कोई उद्योग था .. न अब है .. नोटबंदी के फायदे..

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सोना