रविवार, 7 अगस्त 2022

घाटे का ऊपक्रम-Bsnl

बीएसएनएल एक सरकारी उपक्रम जहां काम कम दाम ज्यादा होते हैं। एयर इंडिया की तरह हमेशा घाटे में रहना। इसीलिए सरकार ने उसे बेच दिया। अब प्राइवेट हाथों में जाकर वही ऊपक्रम मुनाफा कमायेगा। इसी तरह bsnl भी घाटे का ऊपक्रम है। न टेलीफोन ठीक रहते हैं न ही मोबाईल को सिग्नल मिलते हैं। जबकि अन्य मोबाईल कम्पनियां अच्छे से काम करती हैं। हाल ही में मोदीजी ने इस ऊपक्रम की सपोर्ट के लिये एक लाख चालीस हजार करोड़ का पैकेज देने की घोषणा की है। अब इस विभाग के मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी पर निर्भर है की वे क्या करते हैं? याद आती है इस विभाग के पूर्व मंत्री श्री पासवान जी जिनके कार्यभार सम्भालते ही आदेश कर दिये थे की मुझे किसी टैलीफोन के खराब होने की शिकायत न मिले वरना? बस इतना कहने से ही सभी फोन ठीक हो गए। सभी उपभोक्ता माननीय मंत्री जी से भी ऐसी अपेक्षा रखते हैं की bsnl से सभी को अच्छा नेटवर्क मिलेगा। अन्यथा एक दिन मोदीजी इसकी भी बोली लगवा देंगे। सुनील जैन राना

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सोना