गुरुवार, 18 जून 2020

धोखेबाज़ चीन मानेगा नहीं -बहिष्कार जरूरी
June 18, 2020 • सुनील जैन राना • राजनीति
लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिको पर हमला कर चीन ने अपनी धोखेबाज़ी की फ़ितरत को जता दिया है। मुँह में राम बगल में छुरी यही है चीन की नीति। अब समय आ गया है की सीमा पर जवान चीन को उसकी ही भाषा में जबाब देंगे और देश के अंदर हम सब भारतीय चीनी सामानों का बहिष्कार कर चीन को आर्थिक नुकसान पहुंचाकर अपना फर्ज निभायेंगे। 
चीन की विस्तारवादी -साम्राज्यवादी और विश्वासघाती नीति से विश्व के अनेको देश पीड़ित हैं। विश्व के कई देशो को चीन ने चीनी सामान और कर्ज देकर अपने मकड़जाल में उलझा कर उनपर कब्जा करने की योजना बना रखी है। जिससे अनेको देश चीन के विरोध में एकत्र हो चीन से छुटकारा चाहते हैं। यही नहीं चीन की छलकपट की नीति से अनेक विकसित देश भी हैरान -परेशान हैं। फिर भी चीन अपने धन -बल के अहंकार में अनैतिक कार्य करने से बाज़ नहीं आ रहा है। 
भारत भी अब १९६२ वाला भारत नहीं है। अब यह मोदी का भारत है जिसका सूत्र वाक्य है की किसी की छेड़ेंगे नहीं -कोई छेड़ेगा तो उसे छोड़ेंगे नहीं। चीन भले ही ताकतवर है लेकिन अब भारत भी अकेला नहीं है। अमेरिका समेत विश्व के १४२ देश भारत के साथ हैं जो चीन के विरुद्द भारत का साथ देने और चीन का बहिष्कार करने को तैयार हैं। 
लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए सभी वीरों को नमन करते हुए हम सब भारतीयों को यह प्रण करना चाहिये की देश की सीमा पर जवान देश के लिए शहीद हो जाते हैं तो हम सभी इतना तो कर ही सकते हैं की चीनी सामानों और चीनी एप्प आदि सभी का बहिष्कार कर चीन को आर्थिक नुकसान पहुंचायें। भारतीय सामानों को खरीदकर मेक इन इंडिया का परचम लहराकर देश से बेरोजगारी दूर करने में सहायक बनें।   * सुनील जैन राना *

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