बुधवार, 13 मई 2020

सियासत -पैकेज में खोट -विधवा विलाप * https://suniljainrana.blogspot.com/
May 13, 2020 • सुनील जैन राना • राजनीति
कोरोना में कुछ लोगो को हर बात में है रोना क्योंकि विपक्ष या विरोधी पक्ष का मुख्य कार्य यही है की सरकार की हर बात में खामी ढूंढकर विरोध करना और टीवी पर रोना। 
कोरोना के चतुर्थ फेस से पूर्व प्रधानमंत्री मोदीजी द्वारा राष्ट्र के नाम सम्बोधन देश को नई ऊर्जा दे गया। जहां एक ओर कोरोना के कारण विश्व भर में मंदी व्याप्त है ,कोरोना विकाशशील देशों की अर्थ व्यवस्था को लील गया है वहीं दूसरी ओर भारत में कोरोना से लड़ने और बंद पड़े व्यापार -उद्योग धंधो को पटरी पर लाने ,गरीब -किसान -बेरोजगार को यथासंभव सहायता करने के उद्देश्य से २० लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है जो भारतीय अर्थ व्यवस्था का १०% के लगभग होता है। 
लेकिन हमारे देश में विपक्ष का कार्य हर बात में सिर्फ विरोध करना ही रह गया है। कांग्रेस के कुछ सदस्य इस पैकेज को देशहित में बता रहे हैं लेकिन बाकि ज्यादातर इसे जुमला बताकर विरोध करने में जुट गए हैं। कुछ कहते हैं की इतने पैसे कहां से आएंगे ,कुछ कहते हैं की पैकेज में खोट है ,कुछ कहते हैं की खाली कागज है तो कुछ कहते हैं की हमें क्या मिलेगा ? टीवी पर यही सियासत -विधवा विलाप शुरू हो गया है। 
बहुत विडंबना की बात है की सिर्फ विरोध करने की नीति कब तक चलेगी ? किसी गलत बात का विरोध होना ही चाहिए लेकिन हर बात का विरोध जायज नहीं है। ऐसी भयंकर मंदी में जब सम्पूर्ण विश्व की अर्थ व्यवस्था चरमरा गई हो ऐसे में भारत देश के पीएम मोदीजी द्वारा देश को आगे बढ़ाने ,स्वदेशी अपनाने ,आत्मनिभर्र होने ,मेक इन इण्डिया  सपना पूरा करने ,बेरोजगारों को रोजगार देने ,लघु उद्योगों को राहत देने ,गरीब -मजदूर -किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए इतना विशाल पैकेज देश को समर्पित करने का विरोध कोई कैसे कर सकता है यह समझ नहीं आता। 
मोदीजी के नेत्तृव में देश आगे बढ़ रहा है। पिछले ६ सालों में बिना किसी भ्र्ष्टाचार के देश में अनेको योजनाएं फ़लीभूत हो रही हैं। फिर भी सिर्फ विरोध करने वालो को तो बस भगवान ही सत्बुद्धि दे सकता है। *सुनील जैन राना *

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