गुरुवार, 28 मई 2020

कश्मीर -नापाक कश्मीर -नापाक किस्तान
May 28, 2020 • सुनील जैन राना • राजनीति
दुनिया में शायद भारत ही एक ऐसा देश है जिसमें बाहरी दुश्मनों से ज्यादा भीतर के देश विरोधी लोगो से देश ज्यादा त्रस्त है। दुनिया भर में भारत के नाम का डंका बज रहा है लेकिन भारत में मोदी विरोधी विरोध करने में ही लगे हैं। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन देश विरोधी ताकतों ने कश्मीर को अंतर्राष्ट्रीय समस्या ही बना डाला था। जिसे अब मोदी सरकार ने पुनः समस्या रहित कर भारतीय कश्मीर बना दिया। लेकिन कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को यह मंजूर नहीं हो पा रहा है क्योंकि कश्मीर से धारा ३७० आदि हट जाने से उनके अधिकार -ऐशो आराम -इमदाद आदि सभी बंद हो गए हैं। ये लोग अपनी सत्ता कायम रखने को कश्मीरी जनता को आज़ादी का पाठ पढ़ाकर बरगलाते रहे हैं। इनके बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं और ये कश्मीरी बच्चो को सेना के आगे पत्थर देकर खड़े करवाते रहे हैं। 
लेकिन अब धीरे -धीरे कश्मीरी जनता इनकी बातें समझ रही है और भारत सरकार से प्राप्त सुविधाएं और अधिकारो का लाभ प्राप्त कर रही है। अब वह दिन दूर नहीं जब कश्मीर की जनता इन अलगाववादियों के खिलाफ सड़को पर उतर आयेगी। ये अलगाववादी नेता पाकिस्तान के झण्डे लहराते हैं जबकि सभी जानते हैं की आज पाकिस्तान की क्या हालत है?आवाम महंगाई से त्रस्त है ,अधिकांश जनता भूखे पेट सो रही है। पाक सेना की तानाशाही के विरुध्द कई राज्य आंदोलन की राह पर हैं। POK के लोग तो इमरान खान और पाक सेना के विरुद्ध सड़को पर उतर ही आये हैं। इनमे से अधिकांश लोग POK का विलय भारत में ही चाहते हैं। POK को पाकिस्तान ने आतंक का अड्डा बनाकर नापाक कश्मीर ही बना  दिया है। 
पिछले छह सालों में मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लेकर अनेक समस्याओं को दूर कर दिया है। मोदी सरकार में किसी भी मंत्री -मंत्रालय पर भ्र्ष्टाचार के आरोप नहीं हैं। देश में बिजली -पानी -सड़क की स्तिथी में व्यापक सुधार हुआ है। कोरोना वायरस की महामारी से विश्व के अनेकों देश बुरी तरह प्रभावित हैं। उनके मुकाबले १३५ करोड़ जनता का भारत देश कम प्रभावित है। सरकार की चौतरफ़ा व्यवस्था के बावजूद मज़दूरों को बरगलाकर अव्यवस्था फैलाई जा रही है। गांधी परिवार अपने कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान -महाराष्ट्र की बेहताशा बिगड़ती हालत को छोड़ पता नहीं क्यों उत्तर प्रदेश में बसों की राजनीति का खेल खेल रही है। अच्छा होता पहले अपने शासित राज्यों पर ध्यान देती। इस विपदा की घड़ी में हम सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित -जनताहित को सर्वोपरि रखना चाहिए।  * सुनील जैन राना *

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