शनिवार, 14 मार्च 2020

कोरोना - अब क्यों रोना? http://suniljainrana.blogspot.com/
March 14, 2020 • सुनील जैन राना • जनहित
आधुनिक भौतिक -वैज्ञानिक युग की आपाधापी में नये -नये अविष्कार हो रहे हैं। विकसित देशों में खुद को सबसे शक्तिशाली दिखने की होड़ लगी है। घातक मिसाइलें ,परमाणु हथियार ,रासायनिक हथियार बनाकर कुछ देश पुरे विश्व पर कब्जा करने की सोच रहें हैं। इसी आपाधापी में प्रकृति के विरुद्ध कार्य -खानपान तक हो रहा है। कुछ देशों में मांसाहार की प्रवृति इतनी भयावह हो गई है की मानव दानव जैसा होता जा रहा है। मांसाहार के तरीके जानवरों से भी बद्तर हो गए हैं। 
आज ऊपरवाला यह सब देखकर सोच रहा होगा की सृस्टि की सर्वश्रेष्ठ रचना मानव को यह क्या हो गया है?जिसे मैंने सर्वश्रेष्ठ बनाया था आज वह जानवरों से भी बद्तर हो गया है।सर्वशक्तिमान बनने के चककर में सभी मर्यादाएं भूल गया।  शायद इसी कारण ऊपर वाले ने नीचे वाले को सबक सीखने के उदेश्य से अपने तरकश से एक सूक्ष्म सा तीर कोरोना जैसा वायरस छोड़कर अतिआधुनिक चीन जैसे देश को बता दिया की मानव हो तो मानव की तरह रहो दानव  मत बनों वरना तुम्हारे पापों का घड़ा ऐसे फूटेगा की तुम कुछ भी नहीं कर पाओगे?यही हुआ,रखी रह गई सारी मिसाइलें,हथियार। 
आज विश्व के अतिआधुनिक विकसित देश चीन ने कोरोना से लड़ने में अपनी सारी ऊर्जा लगा दी है फिर भी पूर्ण सफलता नहीं मिल पा रही है। विश्व के १४५ देशों में कोरोना फ़ैल गया है। सभी अपने -अपने स्तर पर इससे बचाव के उपाय में लगें हैं। आज विश्व में सबसे आगे रहने वाला चीन सालों पीछे चला गया है। ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना मानव ही है। हमें मानव जीवन मिला है तो इसका सदुपयोग करना चाहिए। अहंकार -हिंसा का रास्ता छोड़कर परोपकारी -सदाचारी बनना चाहिए। प्रकृति ने पेट भरने के लिए अनेको शाकाहारी अनाज -फल -सब्जियाँ आदि दी हैं। हमारे शरीर की रचना भी शाकाहारियों जैसी है,हमें शाकाहारी बनना चाहिए। बलशाली हाथी और शक्ति का प्रतीक घोड़ा दोनों शाकाहारी ही होते हैं। कोरोना जैसे वायरस से बचने के लिए शाकाहार अपनाना ही उत्तम है।सर्वोत्तम आहार -शाकाहार। *सुनील जैन राना *

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सोना