शनिवार, 23 नवंबर 2019



टोल बनेगा फास्टैग लेकिन ?
November 23, 2019 • सुनील जैन राना
गडकरी जी के नेत्तृत्व में देश भर में सड़कों का जाल बिछ रहा है। चौड़ी सड़कें -शानदार सड़कें बन रही हैं। साथ ही भारी भरकम टोल भी बसूला जाने लगा है। कुछ जगहों पर टोल की राशि ठीक लगती है तो कुछ जगहों पर टोल टैक्स की धनराशि ज्यादा है। सहारनपुर से मुजफ्फरनगर मार्ग के बीच में टोल टैक्स बहुत ज्यादा है। एक तरफ के १३० रूपये ले रहे हैं तो दोनों तरफ के १९० रूपये लिये जा रहे हैं। मेरठ वाले टोल पर दोनों तरफ का टोल देते नहीं है ऐसा क्यों है ?
अब टोल का नया सिस्टम फास्टैग लागू होने वाला है। जिसमें नगद लेनदेन से मुक्ति मिल जायेगी और वाहन पर लगी चिप से टोल आपके फास्टैग कहते से कट जायेगा। इसके लिये सभी टोल पर फास्टैग दिये जा रहे हैं। अभी तो फास्टैग मुफ्त मिल रहे हैं केवल इनमें कराया रिचार्ज मूल्य देना पड़ रहा है लेकिन एक दिसंबर के बाद वाहन स्वामी से इसका मूल्य और १५० रूपये सिक्योरटी चार्ज की जायेगी अन्यथा टोल लाईन में प्रवेश करने पर दुगना टोल बसूला जायेगा ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है।
टोलटैक्स का भुगतान कार्ड से होना तो अच्छा ही है लेकिन भारत के छोटे शहर के वाहन स्वामी जो बहुत कम अपने वाहन से कहीं दूर जाते हैं उनके लिए यह प्रणाली कठिन प्रतीत हो रही है। ऊपर से फास्टैग ना लेने पर दुगना टोलटैक्स लगना भी जायज नहीं लग रहा है। अनेक वाहन स्वामियों का कहना है की फास्टैग की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए। जो लेना चाहे ले और उसके लिए अलग लाइने चिंह्नित हो जिनसे फास्टैग वाला सीधे जल्दी से निकल जाए। अनेको जगह पहले ही टोलटैक्स बहुत ज्यादा है। वाहन स्वामी वाहन लेते समय ही रोड़टैक्स देता है फिर ऊपर से टोलटैक्स लिया जाना ही ज्यादती है। इसमें भी अब नया कानून फास्टैग को अनिवार्य बनाना बेमानी है। * सुनील जैन राना * 

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