मंगलवार, 25 जुलाई 2017



टमा -टमा लोगे ,टमा टमा लोगे टमा
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ऐसा एक गाना बहुत प्रचलित हुआ था।

तब इसके मायने लोगो को पता नहीं चल

पाये थे। आज पता चल रहे हैं।

गाने में पूछा जा रहा था की टमा यानि

टमाटर लोगे क्या ?आज जब लोगो को

टमाटर की जरूरत है तो कोई पूछ नहीं

रहा। टमाटर के भाव आम के भाव से भी

दुगने हुए जा रहे हैं।

अभी कुछ सप्ताह पूर्व ही टमाटर के दाम

धरती पर थे। आज आसमान में हैं। बेचारा

किसान है परेशान। थोड़े दिन पहले उसके

टमाटर २ से ५ रूपये किलो बिक रहे थे

तब नुक्सान में था। आज इतने महंगे बिक

रहे हैं तो भी उसका फायदा किसान को

नहीं बल्कि बिचौलियों को मिल रहा है।

कुछ मिडिया को जरूर गला साफ़ करने

का मसाला मिल गया है.

बेचारे टमाटर की यही नियति है शायद। 

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