शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023
गठबंधन
INDIA- न नीति, न नेता
देश मे मोदीराज का बोलबाला हो रहा है लेकिन विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA हर बात में मोदी हटाओ हमें लाओ की जुगत में लगा रहता है। हाल ही में तीन राज्यों में बुरी तरह पिछड़ने के बाद भी गठबंधन के नेतागण मोदीराज को भला- बुरा ही कहते रहते हैं।
INDIA नामक गठबंधन की मीटिंग में 2024 के लोकसभा के चुनावों पर गहन मंथन हुआ की कैसे अगला चुनाव जीता जा सके। किसी ने कहा कि पहले गठबंधन का संयोजक चुना जाये। किसी ने कहा की प्रधानमंत्री के चेहरे का चुनाव कर लिया जाये। देश के विकास की बात किसी ने कही। गठबंधन की क्या नीतियां होंगी इस पर कोई चर्चा न होनी थी न ही हुई।
प्रधानमंत्री पद के चेहरे के लिये गठबंधन के कुछ घटकों ने खड़गे जी का नाम लिया। नाम लेते ही अन्य कुछ घटकों में मायूसी छा गई। शायद कांग्रेस में भी ऐसा ही हुआ हो क्योंकि कांग्रेस की पूरी जमात राहुल गांधी को अगला पीएम मानकर चुनावों में तैयारी कर रही है। खड़गे जी के नाम पर तो कांग्रेस ही तैयार नहीं होगी तो अन्य की तो राम जाने। गठबंधन के संयोजक पर कोई खास चर्चा न हुई न होनी थी। ऐसे में गठबंधन का दूल्हा बनें नीतीश कुमार का हाल ऐसा बन पड़ा था की मानो उनपर किसी ने घड़ो पानी डाल दिया हो। उनका नाम न पीएम चेहरे में न ही संयोजक के लिये उनका नाम लेने वाला कोई नहीं था गठबंधन की पूरी जमात में जबकि नीतीश कुमार अपने बिहार में भावी प्रधानमंत्री के बोर्ड लगवाकर खुद को पीएम से कम नहीं मान रहे थे गठबंधन की मीटिंग में।
दरअसल देश के पिछले कई दशकों में चुनावों से पहले कई गठबंधनों को झेल चुका है। जनता समझ चुकी है कि राज्योवार एक दूसरे के विरोध में लड़ रहे दल एक मंच पर कैसे मिल सकते है। पिछले दिनो अखिलेश यादव ने कांग्रेस के विषय मे यहाँ तक कह दिया था की कांग्रेस बहुत चालू पार्टी है। गठबंधन में सभी मजबूत क्षेत्रीय दल अपने क्षेत्र की सीटों में से दूसरे को देना ही नहीं चाहते। दूसरी बात यह है की इस गठबंधन के पास न तो सर्वमान्य नेता है और न ही नीतियाँ हैं। ऐसे में गठबंधन का भविष्य अंधकारमय ही लगता है।
सुनील जैन राना
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