गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि कृत्रिम बुद्धिमता विश्व के कुछ देशों में AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बहुत जोरो शोरों से कार्य चल रहा है। भारत AI पर वैश्विक सेमिनार में देश के युवाओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया। सेमिनार को मोदीजी ने सम्बोधित करते हुए इसके फायदे व नुकसान के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किये। मोदीजी ने 28 देशों के प्रतिनिधियों से भी AI पर साझा घोषणापत्र जारी करने की बात कही। जिस प्रकार साइंस इस ए गुड सर्वेन्ट बट के बैड मास्टर की कहावत प्रचलित हुई थी ठीक उसी प्रकार AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि कृतिम बुद्धिमता भी कई कार्यों में बहुत बेहतर कार्य कर सकती है वहीं दूसरी और इसका बहुत दुरुपयोग भी हो सकता है। डिपफेक फोटो या वीडियो यानि फर्जी फोटो या वीडियो इसका एक हानिकारक उपयोग साबित हुआ है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वरदान भी बन सकता है और अभिशाप भी बन सकता है। इसी वजह से AI पर बहुत प्रभावी ढंग से कार्य करने की जरूरत है। यदि इसका दुरुपयोग हुआ तो यह दुनिया के लिये घातक साबित होगा। भारत के इंजीनियर, वैज्ञानिक इस पर दो सालों से कार्य कर रहे हैं। इसके लिये बहुत विश्वसनीय तरीके से कार्य चल रहा है। भारत जीपीएआई के तहत 28 देशों का अध्यक्ष बन गया है। वैश्विक सेमिनार में मोदीजी ने कहा की हम भारत मे 20 हज़ार AI इंजीनियर तैयार करना चाहते हैं। AI कृषि, चिकित्सा आदि के क्षेत्र में ला सकता है। हम सभी को बहुत सावधानी से AI के उपयोग में सावधानी बरतने की जरूरत है सुनील जैन राना

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें