रविवार, 13 अगस्त 2023

जेनेरिक दवाई जरूरी

जेनेरिक दवाएं लिखना होगा अनिवार्य देश मे दवाओं की बढ़ती कीमतों के कारण गरीब आदमी अक्सर झोला छाप डॉक्टरों से ईलाज कराने को मजबूर रहता है। बड़े प्राइवेट डॉक्टर तो बड़ी कम्पनियों की महंगी दवाइयां ही लिखते हैं जो आम आदमी का बजट बिगाड़ देती हैं। सरकार ने इस समस्या का निदान सस्ती जेनेरिक दवाइयों के जरिये जनता को राहत देने का लिये प्रत्येक नगर, शहर में जेनेरिक दवा की दुकानें खुलवा दी हैं। लेकिन फिर भी डॉक्टरों ने कभी भी जेनेरिक दवाओं को प्राथमिकता नहीं दी। हमेशा महंगी ब्रांडेड दवाएं लिखते रहे हैं। इतना ही नहीं अनेको डॉक्टर तो ब्रांडेड दवाओं के साल्ट जैसी दूसरे नाम से अपनी दवाइयां मनमाने प्रिंट पर बनवाकर पेशेंट को दे रहे हैं। कोई उन्हें कहने सुनने वाला नहीं है। इन सब बातों की रोकथाम के लिये ही अब सरकार ने सभी चिकित्सको को जेनेरिक दवाएं लिखने को अनिवार्य कर दिया है। यदि कोई चिकित्सक ऐसा नहीं करता तो उसे दण्डित करने का प्रावधान किया है। चिकित्सक का लाइसेंस तक कैंसिल हो सकता है। जनहित में यह बहुत अच्छा सरकार का निर्णय है। बस जरूरी यह है की सभी दवाएं जेनेरिक में भी उपलब्ध होनी चाहिये और उनकी गुणवत्ता ब्रांडेड दवाई जैसी ही होनी चाहिये। तभी सरकार का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। आम गरीब जन को बहुत राहत मिलेगी। सुनील जैन राना

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें