शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2022

सीनियर सिटीजन से बेरुखी

क्या सीनियर सिटीजन होना गुनाह है ? भारत में 70 वर्ष की आयु के बाद वरिष्ठ नागरिक चिकित्सा बीमा के लिए पात्र नहीं हैं । इन्हें ई.एम.आई. पर ऋण नहीं मिलता है । ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिया जाता है । इन्हें आर्थिक आय हेतु कोई नौकरी नहीं दी जाती है । ये वृद्ध लोग दूसरों पर निर्भर रहते हैं । इन्होंने अपनी युवावस्था में सभी प्रकार के करों का भुगतान किया होता है । किंतु आय-विहीन सीनियर सिटीजन बनने के बाद भी इन्हें सारे टैक्स चुकाने पड़ते हैं । भारत में वरिष्ठ नागरिकों के जीवन-यापन के लिए कोई योजना नहीं है । आय-विहीन वृद्धजनों के लिए रेल यात्रा के किराए में मिलने वाली 50% छूट भी बंद कर दी गई है । दुःख तो इस बात है कि राजनीति में जितने भी वरिष्ठ नागरिक हैं, चाहे MLA हों या MP हों या Ministers हों,उन्हें सब कुछ मिलेगा और पेंशन भी लेकिन हम सिनीअर सिटीज़न पूरी जिंदगी भर सरकार को कई तरह के टैक्स देने के बाद भी बुढ़ापे में पेंशन से वंचित रहते हैं । सोचिए यदि किसी भी कारण से औलाद इन वृद्ध जनों की सेवा नहीं कर पाती तो बुढ़ापे में ये बेरोजगार, आय विहीन वृद्धजन कहां जायेंगे ? यह अत्यंत भयानक और पीड़ा दायक बात है । वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल कौन करेगा ? वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में उन पर आई किसी भी प्रकार की परेशानी से उन्हे बचाने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया गया है । सरकार यह ये महसूस क्यों नहीं करती कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक योजना आवश्यक है । इसके विपरीत बैंक भी ब्याज दर घटाकर वरिष्ठ नागरिकों की आय कम कर रहा है । एक भारतीय वरिष्ठ नागरिक होना अब गुनाह लगता है...! यदि आप सोशल मीडिया से जुड़े हैं तो आइए वरिष्ठ नागरिकों की आवाज में अपनी आवाज मिला कर सरकार के कानों तक पहुंचाएं । कृपया इस जानकारी को वरिष्ठ नागरिकों के प्रति जागरूकता के लिए साझा करें । वरिष्ठ नागरिक इस अनसुनी आवाज को इतना जोर से सुनना चाहते हैं कि ये एक जन आंदोलन का रूप ले सके । हम सभी को वरिष्ठ नागरिकों के हक में अपने मित्रों के साथ साझा करना चाहिए। 🙏🏻

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