शनिवार, 10 सितंबर 2022

बेचारे आवारा कुत्ते

आवारा कुत्तों को रोटी मत दो ? भारतीय पशु कल्याण बोर्ड एवं कुछ जीव प्रेमियों ने केरल हाईकोर्ट के 2015 के उस फैसले को चुनोती दे रही है जिसमे आवारा कुत्तों को जान से मारने का फैसला सुनाया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के काटने की संख्या को बढ़ता देख उन्हें रोटी आदि देने वालो को रोटी देने से मना करते हुए कहा है की यदि वह कुत्ता जिसे आप रोटी दे रहे हो किसी को काटेगा तो आप ही जिम्मेदार होंगे।उसका हर्जाना उपचार आदि भी आपको देना होगा। सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यों की बेंच ने सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या एवं लोगो को काटने की बढ़ती तादाद पर ऐसा फैसला सुनाया है। जबकि अभी हाल ही में नोयडा की एक सोसायटी में एक पालतू कुत्ते द्वारा एक बच्चे को लिफ्ट में बुरी तरह काट खाया। कोर्ट में 500 रुपये का दंड लगाकर मुक्ति पाई। बच्चे के इलाज में बहुत अधिक राशि खर्च होने पर भी उसे कोई मुआवजा नही दिलाया गया। कोर्ट के इस दोमुंही फैसले पर जनता में नाराजगी है। जीव दया प्रेमियों को जो अक्सर सड़क के आवारा कुत्तों को भोजन आदि देते रहते हैं उन्हें इस फैसले पर बहुत अचंभा है। मेरा- सुनील जैन राना का मानना है की कुत्ते तभी लोगो को काट रहे हैं जब उन्हें कोई रोटी भी नहीं दे रहा है। भूख के कारण कुत्ते चिड़चिड़े हो रहे हैं और लोगो को काट रहे हैं। ऐसे में जो दयालू आवारा कुत्तों को रोटी आदि देते हैं वह भी कुत्तों को रोटी देना बंद कर देंगे। ऐसे में कुत्तों द्वारा लोगो को काटने की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है। वैसे भी हमारी भारतीय संस्कृति कहती है घर मे बनने वाली पहली रोटी गाय की और आखिरी रोटी कुत्ते की होती है। जीव दया तो प्रत्येक मानव का गहना होती है। अब इस पर पाबंदी लगना भारतीय संस्कृति के हित मे नहीं होगा। सुनील जैन राना

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सोना