शनिवार, 28 मई 2022

अतिक्रमण ही अतिक्रमण

साल में एक दो बार प्रशासन का अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता है लेकिन वह भी खानापूरी सी कर टॉय टॉय फिस्स हो जाता है। अभियान की शुरुवात भी ऐसी जगह से होती है जहां जगह बहुत होती है। क्यों नहीं अतिक्रमण अभियान चौक फव्वारे से चलाया जाता है।जहां से चार सड़के मुख्य बाज़ारो को जाती हैं और सभी जगह अतिक्रमण रहता है। अतिक्रमण के कारण ही जगह-जगह जाम रहता है। अवैध पार्किंग स्टेशन के पास की सड़कों पर बिना पुलिस के सहयोग के सम्भव नही है। लकड़ी बाजार, रेंच के पुल से जे बी एस स्कूल तक बीच मे या तो अवैध पार्किंग है या फिर अतिक्रमण है जिसपर प्रशासन का ध्यान ही नही जाता है। यह परेशानी भी दूर होनी चाहिये। गड्ढों ने तो सारे नगर को ही लील लिया है।प्रशासन को इस पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। जो भी कम्पनी कार्य कर रही है वह अपना प्लान प्रशासन को बताकर कार्य करे ऐसा होना चाहिये। एक दशक में नगर में कई बार स्ट्रीट लाइटों पर लाखों रुपए व्यय हो चुके हैं। अभी हाल ही में फिर से नगर के कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाईट लगाई गई है जिमसें से अधिकांश बन्द रहती है या खराब हो गई हैं।नगर में ये पहले भी कामयाब नहीं हो पाई थी अब भी शायद ऐसा ही हो। नगर की जनता को शिक्षित करना पड़ेगा सड़क पर चलने के तरीकों से। युवा पीढ़ी तो ऐसी है की बाज़ारो में दुकान के बाहर अपना वाहन भी ठीक से पार्क नही करते। कुछ दुकाने जिनके बाहर ज्यादा भीड़ रहती है उन्हें सतर्क करना चाहिये। सबसे ज्यादा समस्या अतिक्रमण की ही है। प्रशासन को एक बार कड़े होकर अतिक्रमण को हटाना ही चाहिये फिर एक विंग ऐसी बना दें जो रोजाना सभी बाज़ारो में विज़िट करे एवं पुनः अतिक्रमण करने वालो पर मुकदमा कायम करे तभी निजात मिल सकती है। सुनील जैन राना

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