शनिवार, 12 सितंबर 2020

हिंदी दिवस

हिन्दी दिवस September 12, 2020 • सुनील जैन राना • जनहित हिन्दुस्तान में हिन्दी दिवस की तर्ज पर अन्य किसी भी देश में शायद वहां की राष्ट्र भाषा दिवस ही मनाया जाता होगा। यहां तो हिंदी पखवाड़ा भी मनाया जाता है। अनेक सरकारी -गैरसरकारी जगह हिंदी की महत्ता अंग्रेजी में बताई जाती है। कुल मिलाकर हिंदी हिंदुस्तान की पहचान है। हिंदी मात्र भाषा नहीं बल्कि मातृ भाषा जैसी है। हिंदी सम्पूर्ण देश को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करती है। हिंदी बोलने -सुनने में सहज -सरल भाषा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक यदि कोई आम भाषा है तो वह हिंदी ही है। हिंदी अन्य सभी भाषाओं की माँ -मौसी -बहन के समान है जो अपने सभी भाषाई भाई -बहनों को आपस में जोड़े रखती है। देश के अनेक क्षेत्रों में हिंदी न बोली जाती हो लेकिन समझते सभी हैं। क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले हिंदी के बिना अधूरे से ही हो जाते हैं। भारतीय राजनीति हो ,फ़िल्मी दुनिया हो ,टीवी चैनल आदि सभी हिंदी के बिना अधूरे से ही लगते हैं। देश के कुछ राज्यों में भले ही हिंदी का विरोध होता हो लेकिन उनको भी अपनी बात देश भर में पहुंचाने के लिए हिंदी का सहारा लेना ही पड़ता है। साहित्य जगत के विख्यात कवि सूर -कबीर -तुलसी -रसखान आदि हिंदी भाषी ही रहे हैं। हिंदी के सीरियल ,हिंदी फिल्में ,हिंदी गीत खासकर देशभक्ति के हिंदी गीत आज भी गुनगुनाने को मन करता ही है। सच बात तो यही है की हिंदी का कोई विकल्प नहीं है। हिंदी सभी भाषाओं माथे की बिंदी जैसी है। सरकारी कामकाज में हिंदी में प्रयोग होने वाले अनेकों शब्द कठिन होने के कारण पूर्णरूप से इस्तेमाल नहीं हो पाते, ऐसे में आम बोलचाल वाले अन्य भाषाई शब्द प्रयोग करने में कोई हानि नहीं है। अन्त में सिर्फ इतना ही की मेरा देश महान हो -सभी भाषाओं का सम्मान हो। *सुनील जैन राना

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें