शनिवार, 14 सितंबर 2024

स्वस्थ्य रहें

🍃 *Arogya*🍃 *5 आदतें,जो आपको हमेशा रखेंगी थकान से दूर* *---------------------------------* *1. भरपूर पीएं पानी :* गर्मी के मौसम में पानी की कमी से थकान होने लगती है और आप चाहें कितना भी आराम कर लें, आपके शरीर में थकावट बरकरार रहती है। नेचुरल हाइड्रेशन काउंसिल के शोधकर्ताओं के मुताबिक, कम पानी रक्त के स्तर को कम करता है, जिससे शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। *2. मोबाइल से तौबा :* हर वक्त मोबाइल से चिपके रहने की आदत से तौबा कर लें। सोने से पहले फोन चेक करने की आदत से आपकी नींद खराब होती है क्योंकि सोने के दौरान भी आदमी की दिमाग में मोबाइल चलता रहता है। मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी दिमाग के लिए खतरनाक है और यह सुस्ती पैदा करती है। *3. व्यायाम जरूरी :* व्यायाम को थकान से जोड़ना सरासर गलत है, बल्कि व्यायाम ताजगी और भरपूर नींद लाने में काफी सहायक है। यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के एक शोध के मुताबिक, जो वयस्क हफ्ते में तीन दिन कम से कम 20 मिनट के लिए व्यायाम करते हैं। उन्हें थकान बिल्कुल भी नहीं होती है। *4. भोजन करें जल्दी :* देर रात में भोजन करने की आदत आपकी सुस्ती का कारण हो सकती है। कई लोग ऑफिस या पार्टी के चक्कर में देर रात तक खाना खाते हैं, जिससे रात में नींद में परेशानी होती है। इससे आपका पूरा दिन खराब हो सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, रात में जल्दी खाना आपको चुस्ती देता है। *5. शराब को करें मना :* कई लोगों का मानना है कि रात में शराब पीने से उन्हें अच्छी नींद आएगी। लेकिन इससे नींद खराब हो जाती है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के एक शोध के मुताबिक, शराब का सेवन शरीर में सुस्ती पैदा करता है और रातभर आपकी नींद खुलती रहती है। *Dr. (Vaid) Deepak Kumar* *Adarsh Ayurvedic Pharmacy* *Kankhal Hardwar* *aapdeepak.hdr@gmail.com* *9897902760*

गुरुवार, 12 सितंबर 2024

देश खतरे में

Modi is playing in a defensive mode, as he would like to avoid any situation that has happened in our neighbouring countries. Rahul left for the USA last night to learn lessons from the agents of Deep State stalwarts to destabilize India and topple Modi. *नरेंद्र मोदी चक्रव्यूह मैं फंस चुके हैं।* सुशांत सिन्हा वरिष्ठ पत्रकार ने अपने शो में बताया था कि असल में चक्रव्यूह कैसा है…? इस चक्रव्यूह के बीच में मोदी है। मोदी के नाम पर भारत है। और भारत के नाम पर हिंदुत्व की बात करने वाला वो हिन्दू जो जातियों से ऊपर अपने धर्म और देश को रखता है। इस तरह मोदी के नाम पर मोदी के चारों ओर चक्रव्यूह सेट किया हुआ है। *इसके सबसे पहले घेरे में है…* आर्थिक तंत्र पर चोट! ताकि भारत की अर्थव्यवस्था चरमरा जाए। इसके लिए किसी हिडेनबर्ग की मदद लेकर कहा जाए कि भारत का बाजार फ्रॉड है। यहां से निवेश निकाल दो। LIC/SBI/HAL सब डूब रहे हैं। अपना पैसा हर जगह से निकाल दो और आगे भी निवेश मत करना। *फिर दूसरे घेरे में है…* अग्निवीर जैसे मुद्दे! ताकि सेना में बगावत हो जाये। वो सेना ही है जो गृहयुद्ध या युद्ध के समय इस देश की रक्षा करेगी, तो उसे सरकार के खिलाफ भड़का दो ताकि वो भी गृहयुद्ध के समय तख़्तापलट करने में साथ दे। *तीसरे घेरे में हैं…* किसान! ताकि उसे भड़काकर भारत की फ़ूड सप्लाई खत्म कर दो। एक देश भूखे पेट कितने दिन सर्वाइव कर सकता है…? इस तरह अपने देश का पैसा, सेना और भोजन तीनों ब्लॉक कर दिए जो किसी भी युद्ध के समय महत्त्वपूर्ण हैं। *फिर चौथे घेरे में है…* आरक्षण! कि इसके नाम पर हिन्दूओं को आपस में लड़ा दो और उनके अंदर भयंकर जातिवाद पनपा दो। इससे जब किसी युद्ध के समय उनसे एक होने की अपील की जाए तो वो आपस में ही एक-दूसरे को खत्म कर दें। *पांचवे घेरे में है…* संविधान! संविधान को खतरे में बता दो कि इस देश में तानाशाही आ चुकी है और इससे पहले कि सरकार तुम्हें मारना शुरू करे, तुम स्वयं ही सरकार और उसके समर्थकों को चुन चुन कर मार दो वरना ये तुम्हे खत्म कर डालेंगे। *छठे घेरे में…* फिर अल्पसंख्यक का मुद्दा ले आओ कि वो भी खतरे में हैं और यदि उन्हें खुद को बचाना है तो हमारा साथ दो और हमारी सरकार स्थापित करो, फिर हम सब मिलकर इनसे चुन चुन कर बदला लेंगे। *और सातवें घेरे में हैं…* विदेशी ताकतें! कि तुम हमें फंडिंग करो, हमें प्लान समझाओ, कैसे कोई खलिस्तान करना है, कैसे कोई ईसाई देश नार्थईस्ट में करना है, कैसे कोई इस्लामी निजाम की बात केरल/बंगाल में करनी है, कैसे नार्थ बनाम साउथ में लड़ाना है, कैसे हिंदी/गैर हिंदी में बांटना है और फिर जब ये हो जाए तो विदेशी ताकतें लोकतंत्र बचाने के नाम पर इस देश में हस्तक्षेप करें जैसा वो अन्य देशों में करती हैं। *इस तरह का सात घेरों का चक्रव्यूह है जिसके खिलाफ मोदी को* मोदी की ताकत जनता का उन पर अटूट विश्वास है। और वर्तमान समय में हर वो चीज की जा रही है जिससे कि वो अटूट विश्वास टूट सके। मोदी खत्म, तो उनकी आड़ में जितने भी हिन्दू फुदकते हैं और कांग्रेस से लेकर मजहब तक को गालियां देते हैं, फिर उन्हें खत्म किया जाएगा। राष्ट्रवाद को अपराध घोषित किया जाएगा। जुल्म के खिलाफ बोलने पर ही उठा दिया जाएगा। अन्य देशों से कोई कुछ नहीं बोलेगा जैसे आज बंग्लादेश पर नहीं बोलता, उल्टा कहता है कि सब फर्जी बातें हैं। पश्चिम बंगाल की तरह ही आवाज उठाने पर ही घर से उठा दिया जाएगा। और सुप्रीम कोर्ट, वो स्वतः बचाने आएगा…? सुप्रीम कोर्ट के जजों को भी उसी तरह घेरा जाएगा जैसा बांग्लादेश में किया, तत्पश्चात उनसे इस्तीफा ले लिया जाएगा। और इन सबका बहाना रहेगा कि तानाशाही के खिलाफ जनता ने बगावत कर दी है। वो हिंदुत्व करने वालों को थोड़ी मार रहे हैं, वो तो भाजपा समर्थकों को मार रहे। जो मोदी का साथ देकर जुल्म का साथ देते थे। फलां टोपी वाले ने तो हिंदू को इसलिए काट दिया कि इतने सालों से उसका उत्पीड़न हो रहा था। फलां हिंदू लड़की को तो इसलिए उठाकर रेप कर दिया क्योंकि ये बेअदबी करती थी मजहब की। फलां हिंदू का घर तो इसलिए लूट लिया क्योंकि ये पूंजीवाद का समर्थन करता था और गरीबों को दुत्कारता था। फलां हिंदुओं से इसलिए इस्तीफा ले रहें कि ये सरकार के साथ तानाशाही में शामिल थे। फलां हिंदुओं पर इसलिए जजिया (सम्पत्ति) टैक्स इसलिए लगा रहें कि इन्होंने बहुत लूट मचाई हुई थी। और ये सब अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं, बल्कि आपके पड़ोसी देश बांग्लादेश में हो रहा है, आपके राज्य बंगाल में हो रहा है, और कितने दर्जन देशों में इसका इतिहास है। हाँ वो अलग बात है कि तुम गलतफ़हमी में रहो कि मेरे साथ नहीं होगा और तब तक मैं किसी महंगाई या टैक्स के नाम पर विधवा-विलाप करता हूँ और सबक सिखाने निकल पड़ता हूँ। अतः हिन्दूओ अब जागो और अपने धर्म को, अपनी आनेवाली पीढ़ियों को बचाओ । एकजुट हो जाओ अपना स्वाभिमान जगाओ कब तक सोए रहोगे । जागो हिन्दू जागो। जाति पाति के चक्कर से बाहर निकलकर अपने , अपने परिवार, अपने समाज, अपने धर्म व अपने देश को बचाने के लिए एक हो जाओ। ये सब मतलबी नेता कोई भी साथ नहीं देंगे सब विधर्मियों के साथ मिल जाएंगे। ये मोदी जी ही हैं जिन की बजह से हम बच रहे हैं। साभार

बुधवार, 11 सितंबर 2024

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बुधवार, 4 सितंबर 2024

इच्छाएं कम करो

मैं जितने साल जी चुका हूँ, उससे अब कम साल मुझे जीना है। यह समझ आने के बाद मुझमें यह परिवर्तन आया है: **०१)** किसी प्रियजन की विदाई से अब मैं रोना छोड़ चुका हूँ क्योंकि आज नहीं तो कल मेरी बारी है। **०२)** उसी प्रकार, अगर मेरी विदाई अचानक हो जाती है, तो मेरे बाद लोगों का क्या होगा, यह सोचना भी छोड़ दिया है क्योंकि मेरे जाने के बाद कोई भूखा नहीं रहेगा और मेरी संपत्ति को कोई छोड़ने या दान करने की ज़रूरत नहीं है। **०३)** सामने वाले व्यक्ति के पैसे, पावर और पोजीशन से अब मैं डरता नहीं हूँ। **०४)** खुद के लिए सबसे अधिक समय निकालता हूँ। मान लिया है कि दुनिया मेरे कंधों पर टिकी नहीं है। मेरे बिना कुछ रुकने वाला नहीं है। **०५)** छोटे व्यापारियों और फेरीवालों के साथ मोल-भाव करना बंद कर दिया है। कभी-कभी जानता हूँ कि मैं ठगा जा रहा हूँ, फिर भी हँसते-मुस्कुराते चला जाता हूँ। **०६)** कबाड़ उठाने वालों को फटी या खाली तेल की डिब्बी वैसे ही दे देता हूँ, पच्चीस-पचास रुपये खर्च करता हूँ, जब उनके चेहरे पर लाखों मिलने की खुशी देखता हूँ तो खुश हो जाता हूँ। **०७)** सड़क पर व्यापार करने वालों से कभी-कभी बेकार की चीज़ भी खरीद लेता हूँ। **०८)** बुजुर्गों और बच्चों की एक ही बात कितनी बार सुन लेता हूँ। कहने की आदत छोड़ दी है कि उन्होंने यह बात कई बार कही है। **०९)** गलत व्यक्ति के साथ बहस करने की बजाय मानसिक शांति बनाए रखना पसंद करता हूँ। **१०)** लोगों के अच्छे काम या विचारों की खुले दिल से प्रशंसा करता हूँ। ऐसा करने से मिलने वाले आनंद का मजा लेता हूँ। **११)** ब्रांडेड कपड़ों, मोबाइल या अन्य किसी ब्रांडेड चीज़ से व्यक्तित्व का मूल्यांकन करना छोड़ दिया है। व्यक्तित्व विचारों से निखरता है, ब्रांडेड चीज़ों से नहीं, यह समझ गया हूँ। **१२)** मैं ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखता हूँ जो अपनी बुरी आदतों और जड़ मान्यताओं को मुझ पर थोपने की कोशिश करते हैं। अब उन्हें सुधारने की कोशिश नहीं करता क्योंकि कई लोगों ने यह पहले ही कर दिया है। **१३)** जब कोई मुझे जीवन की दौड़ में पीछे छोड़ने के लिए चालें खेलता है, तो मैं शांत रहकर उसे रास्ता दे देता हूँ। आखिरकार, ना तो मैं जीवन की प्रतिस्पर्धा में हूँ, ना ही मेरा कोई प्रतिद्वंद्वी है। **१४)** मैं वही करता हूँ जिससे मुझे आनंद आता है। लोग क्या सोचेंगे या कहेंगे, इसकी चिंता छोड़ दी है। चार लोगों को खुश रखने के लिए अपना मन मारना छोड़ दिया है। **१५)** फाइव स्टार होटल में रहने की बजाय प्रकृति के करीब जाना पसंद करता हूँ। जंक फूड की बजाय बाजरे की रोटी और आलू की सब्जी में संतोष पाता हूँ। **१६)** अपने ऊपर हजारों रुपये खर्च करने की बजाय किसी जरूरतमंद के हाथ में पाँच सौ हजार रुपये देने का आनंद लेना सीख गया हूँ। और हर किसी की मदद पहले भी करता था और अब भी करता हूँ। **१७)** गलत के सामने सही साबित करने की बजाय मौन रहना पसंद करने लगा हूँ। बोलने की बजाय चुप रहना पसंद करने लगा हूँ। खुद से प्यार करने लगा हूँ। **१८)** मैं बस इस दुनिया का यात्री हूँ, मैं अपने साथ केवल वह प्रेम, आदर और मानवता ही ले जा सकूंगा जो मैंने बाँटी है, यह मैंने स्वीकार कर लिया है। **१९)** मेरा शरीर मेरे माता-पिता का दिया हुआ है, आत्मा परम कृपालु प्रकृति का दान है, और नाम फॉइबा का दिया हुआ है... जब मेरा अपना कुछ भी नहीं है, तो लाभ-हानि की क्या गणना? **२०)** अपनी सभी प्रकार की कठिनाइयाँ या दुख लोगों को कहना छोड़ दिया है, क्योंकि मुझे समझ आ गया है कि जो समझता है उसे कहना नहीं पड़ता और जिसे कहना पड़ता है वह समझता ही नहीं। **२१)** अब अपने आनंद में ही मस्त रहता हूँ क्योंकि मेरे किसी भी सुख या दुख के लिए केवल मैं ही जिम्मेदार हूँ, यह मुझे समझ आ गया है। **२२)** हर पल को जीना सीख गया हूँ क्योंकि अब समझ आ गया है कि जीवन बहुत ही अमूल्य है, यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं है, कुछ भी कभी भी हो सकता है, ये दिन भी बीत जाएँगे। **२३)** आंतरिक आनंद के लिए मानव सेवा, जीव दया और प्रकृति की सेवा में डूब गया हूँ, मुझे समझ आया है कि अनंत का मार्ग इन्हीं से मिलता है। **२४)** प्रकृति और देवी-देवताओं की गोद में रहने लगा हूँ, मुझे समझ आया है कि अंत में उन्हीं की गोद में समा जाना है। *देर से ही सही, लेकिन समझ आ गया है* *शायद मुझे जीना आ गया है* *मुझे लगता है, यह स्वीकार करने जैसा है।*

उद्योगों से ही नॉकरियाँ हैं

एटलस साइकिल का नाम सुना होगा आपने! एटलस साइकिल भारत का प्रतिष्ठित साइकिल ब्रांड हुआ करता था। गांव गांव एटलस की साइकिलें मिला करती थीं। पिछले दिनों इसका अंतिम फैक्ट्री जो साहिबाबाद, गाज़ियाबाद में स्थित था, बंद हो गया। कल इसके मालिक रहे सलिल कपूर ने अपने तुगलक रोड, दिल्ली स्थित कोठी में आत्महत्या कर ली। इसके पहले 2021 में सलिल कपूर की पत्नी नताशा कपूर ने भी आत्महत्या कर लिया था Rags to Riches और फिर Riches to Rags का यह उदाहरण होगा। यह इस बात का उदाहरण होगा कि जैसे जैसे तकनीक बदलती है वैसे वैसे आपको भी बदलना होता है। जो नहीं बदलता है वह सरवाइव नहीं कर पाता। कॉरपोरेट्स पर, उद्योगपतियों पर भी बहुत दबाव होता है, यह भी ध्यान रखने की बात है। देश में करोड़ों लोगों को रोजगार इन्ही उद्यामोंं के रास्ते आता है। हम एक मिनट नहीं लगाते पूंजी और पूंजीपतियों को कोसने में। खैर!

क्रोध से मुक्ति

पति ने अपनी गुस्सैल पत्नी से तंग आकर एक दिन उसे कीलों से भरा एक थैला देते हुए कहा, तुम्हें जब भी क्रोध आए तुम थैले से एक कील निकाल कर आंगन की दीवार में ठोंक देना। पत्नी को अगले दिन जैसे ही क्रोध आया उसने एक कील आंगन की दीवार पर ठोंक दी। यह प्रक्रिया वह लगातार करती रही। धीरे धीरे उसकी समझ में आने लगा कि कील ठोंकने की व्यर्थ मेहनत करने से अच्छा तो अपने क्रोध पर नियंत्रण करना है और क्रमशः कील ठोंकने की उसकी संख्या कम होती गई। एक दिन ऐसा भी आया कि पत्नी ने दिन में एक भी कील नहीं ठोंकी। उसने खुशी खुशी यह बात अपने पति को बताई। उसका पति बहुत प्रसन्न हुआ और कहा, जिस दिन तुम्हें लगे कि तुम एक बार भी क्रोधित नहीं हुई, ठोंकी हुई कीलों में से एक कील निकाल लेना। पत्नी ऐसा ही करने लगी। एक दिन ऐसा भी आया कि आंगन की दीवार पर एक भी कील नहीं बची। उसने खुशी खुशी यह बात अपने पति को बताई। पति अपनी पत्नी को आंगन में लेकर आया और कीलों के छेद दिखाते हुए पूछा, क्या तुम ये छेद भर सकती हो? पत्नी ने कहा, नहीं जी पति ने उसके कन्धे पर हाथ रखते हुए कहा,अब समझ में आया, क्रोध में तुम्हारे द्वारा कहे गए कठोर शब्द, दूसरे के दिल में ऐसे छेद कर देते हैं, जिनकी भरपाई भविष्य में तुम कभी नहीं कर सकती। जब भी आपको क्रोध आये तो सोचिए कि कहीं आप भी किसी के दिल में शब्दो के द्वारा कील ठोंकने तो नहीं जा रहे। समय के साथ कील तो निकल जायेगी लेकिन निशान नहीं जायेंगे।शिष्टता एवं विनम्रता को अपने व्यवहार का आभूषण बनाए। सुप्रभात🙏

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