शनिवार, 23 मार्च 2024
केजरीवाल गए जेल
केजरीवाल का सच से सामना
अन्ना हज़ारे के आंदोलन से निकला एक पतला दुबला एक सरकारी अफसर। जिसने भ्र्ष्टाचार पर लंबे-लंबे भाषण देकर जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। जिसने अपने बच्चों की कसमें खाकर पद पर बैठकर किसी भी प्रकार की सुख सुविधा, गाड़ी, बंगला लेने से मना किया।
केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर काबिज होकर भी भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध बड़ी-बड़ी बातें करते रहे। लेकिन भ्र्ष्टाचार के आरोपो में उनके मंत्री जेल जाते रहे। इसी बीच उन्होंने अपने लिये करोड़ो की लागत से एक शीशमहल भी बनवा लिया। उन्होंने जोड़तोड़ की राजनीति का विरोध किया लेकिन खुद गठबंधन में शामिल हो गए। सैंकड़ो पन्नो के सबूत जो कांग्रेस के विरुद्ध लेकर आये थे उन्ही के साथ मिल गए। जिस ईडी पर आरोप लगाते थे की वह कांग्रेस पर कार्यवाही नहीं करती आज उसी ईडी पर उंगली उठा रहे हैं।
अपने भाषणों में सबको चोर बताने वाले केजरीवाल बहुत चतुर दिमाग के धनी हैं। भ्र्ष्टाचार कहाँ, कैसे होता है यह सब जानते हैं। इसी कारण उन्होंने अपने पास कोई विभाग नहीं रखा। सदैव दूसरों के कंधों पर बंदूक चलाना जारी रखा।
कोई कितना भी शातिर हो यदि गलत किया है तो कभी न कभी शिकंजे में आ ही जाता है। यही केजरीवाल के साथ हुआ। 22 मार्च 2024 को केजरीवाल को गिरफ़्तार कर लिया गया। अब उन्हें सच से सामना करना ही होगा। विपक्ष अक्सर केंद्र सरकार पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाता है। लेकिन विपक्ष यह नहीं सोचता की ईडी बिना सबूतों के किसी को जेल नहीं भेज सकती। यदि कोई बेदाग है तो न्यायालय से उसे न्याय जरूर मिलेगा।
सुनील जैन राना
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