शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

गबन करो,जेल जाओ,फिर मौज करो

गबन करो,जेल जाओ,फिर मौज करो भारत देश मे यदि भ्र्ष्टाचार न होता तो आज अर्थव्यवस्था बहुत ऊंचाई पर होती।पिछली सरकारों में भ्र्ष्टाचार चरम सीमा पर था। कॉमनवेल्थ गेम में कलमाड़ी घोटाला समेत अन्य बहुत से लाखों करोड़ के बैंक घोटाले जो राजनेता, कॉरपोरेट्स एवं बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से हुए और सभी पर कोई कार्यवाही भी नही हुई।कुछ पर हुई तो कुछ दिन जेक में रहे फिर गबन राशि से मौज करी। बिहार में लालू चारा घोटाला एवं डोरंडा कोषागार 139 करोड़ का घोटाला जिसमे फिर से लालू को जेल हो रही है। जेल जाते ही ये नेतालोग बीमारी का ढोंग कर अस्पताल आ जाते है जब पैरोल पर छूटते हैं तो ठीक रहते हैं।सवाल यह है की लालू जैसो से गबन की रकम की पूर्ति क्यो नही की जाती है।गरीब घर मे रहा लालू परिवार आज करोड़ो का मालिक है। 2014 के बाद से मोदी सरकार में इन सभी घोटालेबाज़ों पर कार्यवाही की जा रही है। विजय माल्या जैसे की संपत्ति कब्जे में ली जा रही है।लचीले नियम जिनका फायदा गबन कर्ता उठाते थे ऐसे सभी नियम कानूनों को कड़ा किया जा रहा है। हालांकि अभी भी ऐसे भ्र्ष्टाचार पर पूर्ण रूप से पाबंदी तो नही लग पाई है लेकिन ऐसे मामलों में बहुत कमी आई है। जनता की भलाई का धन गबन करने वालो पर और भी सख्त कार्यवाही होनी चाहिए और गबन का धन उसकी सभी सम्पत्तियों को कुर्क कर बसूलना चाहिए। सुनील जैन राना

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें