शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2021

शराब की बिक्री कार्ड से हो

शराब की बिक्री कार्ड से हो , यह बात छोटी सी है लेकिन इसके परिणाम बहुत बड़े निकलेंगे। मोदी सरकार में जब सब कार्यो को डिजीटल या आधार कार्ड से किया जा रहा है तो शराब की बिक्री के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य कर देना चाहिए। जब बिजली ,पानी ,राशन ,गैस ,बैंक आदि में सब जगह आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है तो शराब की बिक्री को आधार से जोड़ने पर अनेको फायदे मिलेंगे। जिस प्रकार आधार से राशन को जोड़ते ही लाखों फर्जी राशन कार्ड खत्म किये गए ,आधार से गैस को जोड़ते ही लाखों फर्जी गैस कैन्कशन खत्म हो गए ,लाखों फर्जी मदरसे जो सरकार से इमदाद लेते थे वे बंद हो गए। लाखों फर्जी एनजीओ जिनके पास विदेशो से पैसा आता था वो बंद हो गए ठीक उसी प्रकार शराब को आधार से जोड़ते ही यह पता चल जायेगा की गरीबी की रेखा वाले लोग जिन्हे राशन एवं सब्सिडी आदि मिल रही है जिनके जनधन खाते में धन आ रहा है वे उसका उपयोग यदि शराब खरीदने में करते हैं तो उनकी सभी प्रकार की सरकारी सहायता बंद कर दी जायेगी। ऐसा करने से एक तो यह पता चल जाएगा की जो लोग किसी भी प्रकार की सब्सिडी या सरकारी सहायता लेकर उसका उपयोग शराब खरीदने में कर रहे हैं और फिर भी गरीबी का रोना रो रहे हैं उनकी सभी प्रकार की सुहलियते बंद कर दी जाए। लोक डाउन में शराब के ठेके खुलते ही लम्बी -लम्बी लाइने लग रही थी। जिनमें अधिकांश मध्यम वर्ग एवं गरीब वर्ग दिखाई दे रहा था। एक तरफ ऐसे लोग राशन के लिए भी लाइनों में लगे दिखाई देते थे दूसरी तरफ शराब के ठेको की लाइनों में दिखाई दे रहे थे। ऐसे लोग जिनके पास खाने को पैसे नहीं हैं तो शराब खरीदने के पैसे कहां से आ जाते होंगे। दरअसल गरीबी की पहचान नए तरिके से होनी चाहिए। बाज़ारो में बेहताशा भीड़ है ,सब काम में लगे हैं ,दूकान के लिए नौकर नहीं मिल रहे है ,कोई खाली दिखाई नहीं दे रहा है। पेट्रोल और डीजल के बेहताशा दाम बढ़ने के बावजूद दो पहियाँ और चार पहियाँ वाहनों की बिक्री पहले से ज्यादा है। रेस्टोरेंट और ढाबों पर भारी भीड़ रहती है। फिर ऐसे कौन लोग हैं जिन्हे भर पेट खाना नहीं मिल पाता है ,ऐसे लोगो की पहचान कर उनके लिए भरपूर मदद होनी चाहिए। शराब की बिक्री आधार से कर देने पर सरकार को राजस्व में भी भारी बढ़ोतरी मिलेगी। किस वर्ग के लोग शराब का ज्यादा सेवन करते हैं यह भी पता चल पायेगा। अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगेगा। कुल मिलाकर शराब की बिक्री को आधार से जोड़ने पर देश की जनता की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति का पता चल सकेगा जो राष्ट्र नीति में सहायक हो सकता है। * सुनील जैन राना *

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