गुरुवार, 20 अगस्त 2020

नई पीढ़ी कैसे रहेगी स्वस्थ ?

नई पीढ़ी कैसे रहेगी स्वस्थ ? https://suniljainrana.blogspot.com/ August 20, 2020 • सुनील जैन राना • जनहित पुराने जमाने के हमारे माँ -बाप जो कहते हैं की हमने तो देशी घी खाया है अधिकांशतः स्वस्थ ही रहते हैं। बीच के जमाने के हम यानि ४० से ६० साल वाले भी जैसे -तैसे अपना जीवन जी रहे हैं। हमारे बच्चे यानि २० से ३० वाले युवा -शादीशुदा भी दवाइयों के सहारे जीवन यापन कर रहे हैं। अब मुख्य बात यह की पैदा होने से लेकर पांचवी कक्षा तक के बच्चे ,उनका रहन -सहन ,पढ़ाई -लिखाई ,खाना -पीना आदि बातें चिंता प्रधान हैं। समझ में नहीं आ रहा की यह नई पीढ़ी कैसे स्वस्थ रहेगी ?बाजार में वैसे ही कुछ भी असली नहीं मिल रहा है। दूध -घी -मावा सिंथेटिक ,फल -सब्ज़ी कैमिकल युक्त। यह सब तो आज की पीढ़ी कम ही खाती है जो खाती है वह इन सबसे भी ज्यादा हानिकारक है कोल्डड्रिंक -टॉफी -चॉकलेट - फास्टफूड पिज़ा -बर्गर -चौमिन आदि अनेको जंकफूड आज की पीढ़ी ख़ुशी से खाती है ,घर का भोजन पसंद नहीं करती। ऐसे में बच्चों का स्वास्थ कैसे ठीक रहेगा ?जंकफूड बच्चों का पेट खराब कर रहा है एवं टॉफी -चॉकलेट से दाँत खराब हो रहे हैं। बाकी रही सही कसर मोबाईल ने पूरी कर दी है जिसके ज्यादा देखने के कारण छोटेपन से हो बच्चो की आँखों पर चश्मे लगने शुरू हो गये हैं ऊपर से ऑनलाइन पढ़ाई सोने में सुहागा का कार्य कर रही है। आधुनिक -भौतिक युग में बच्चो के माँ -बाप छोटेपन से ही बच्चो को दूध पिलाते ,खाना खिलाते समय मोबाईल दिखाते हैं जो आगे चलकर बहुत गंभीर समस्या बन जाती है। थोड़ा समझदार होते ही बच्चो को नेट वाला मोबाईल चाहिए होता है। दरअसल आज के युग के व्यस्त माता -पिता खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे है। बच्चा न रोये इस कारण उसकी हर मांग पूरी करना बहुत दुखदायी हो जाता है। लेकिन शायद मियां बीबी राज़ी तो क्या करेगा काज़ी वाली बात हो रही है। मांग पूरी करने से बच्चा भी खुश ,माँ -बाप भी खुश। चिंता की बात तो यह लगती है की भविष्य के इन बच्चों में अधिकांश की आँखों पर मोटा चश्मा लगा होगा ,पेट की आंते खराब होंगी, ,मुँह के दाँत ठीक नहीं रहेंगे। इसलिए युवा माँ -बापों थोड़ा चिंतन कर सम्भल जाओ और अपने सुख की खातिर अपने प्यारे बच्चो के स्वास्थ से मत खेलों। * सुनील जैन राना *

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