शुक्रवार, 27 सितंबर 2019



ट्रम्प कितने विश्वासपात्र ?
September 27, 2019 • सुनील जैन राना
अमेरिका के ह्यूस्टन में २२ सितंबर को हुआ हाउदी मोदी कार्यक्रम अमेरिका और भारत के इतिहास में मील का पत्थर साबित होने वाला कार्यक्रम हुआ। जिसमे पचास हज़ार से अधिक प्रवासी भारतीयों ने मौज मस्ती के लिए नहीं बल्कि महंगा टिकट लेकर शिरकत की। यह भारत देश एवं मोदीजी के लिए ऐतिहासिक गर्व करने वाली बात है।
यूँ तो भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में मोदीजी के कार्यो और नीतियों की सभी सराहना करते हैं। पिछले पांच वर्ष से अधिक समय से ही मोदीजी विश्व पटल पर छाए हुए हैं। लेकिन इस कार्यक्रम के बाद मोदीजी का मान सम्मान सम्पूर्ण विश्व में और ज्यादा बढ़ा है। महंगा टिकट लेकर किसी नेता को सुनने इतनी भारी भरकम भीड़ पहली बार ही देखने में आयी है।
इस कार्यक्रम की दूसरी बड़ी बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का मौजूद रहना था। अमेरिका में ऐसा पहली बार ही हुआ होगा की वहां के वर्तमान राष्ट्रपति किसी बाहरी देश के प्रधानमंत्री का ऐसा स्वागत करें और जनता के बीच बैठकर उनको सुने। ऐसा होना मोदीजी और भारत के लिए भी गर्व की बात है। शायद इसका एक कारण यह भी हो सकता है की अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं और ट्रम्प को अमेरिका में स्थित बड़ी तादाद में प्रवासी भारतीयों के वोट की चाहना हो। कुछ भी हो जो हुआ वह बहुत बड़ी बात है। यह इतिहास के स्वर्ण पन्नो में दर्ज हो गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प एक कुशल वक्ता ,कुशल व्यापारी भी हैं। ट्रम्प ऐसे सुलझे हुए सौदागर भी हैं जो थोड़ा देकर ज्यादा लेना जानते हैं। अमेरिका की राजनीति में अनेको बार अपने बयानों से पलटी भी मार जाते हैं। अनेकों बार झूठ बोलने के आरोप भी उनपर लग चुके हैं। अमेरिका के पिछले राष्ट्रपति ओबामा जैसी गंभीरता भी उनमे कम ही दिखाई देती है। ऐसे में उनपर आँख मींचकर भरोसा करना कितना सही होगा यह तो समय ही बतायेगा। लेकिन कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ बातचीत पर उनके विरोधाभाषी बयान उनकी मानसिकता को दर्शाते हैं। ऐसे में यह देखना बहुत जरूरी हो जायेगा की भारत और मोदीजी के प्रति ट्रम्प कितने विश्वासपात्र साबित होंगे।            *सुनील जैन राना *

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