शुक्रवार, 21 दिसंबर 2018


सरकारी गोदामों में सड़ रहा अनाज -क्यों ?
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एक समाचार से पता चला की  Fci के भंडारण में पिछले चार सालो में 33700 टन खाद्यान बर्बाद हो गया।

कितने दुर्भाग्य की बात है एक तरफ हमारे देश में करोड़ो लोग भूखे रह जाते हैं वहीं दूसरी तरफ हज़ारो टन

अनाज उचित भंडारण की कमी के कारण बारिश में भीग कर बर्बाद हो जाता है।

ऐसा पिछले चार सालों से नहीं बल्कि कई दशकों से हो रहा है। गोदामों की कमी के कारण अनाज को बाहर

खुले में रख दिया जाता है। बरसात के दिनों में अनाज पर तिरपाल आदि से ढक दिया जाता है। फिर भी

लापरवाही के कारण बहुत सा अनाज पूरी तरह ना ढकने के कारण भीग जाता है और खराब हो जाता है।

अनाज भीग जाता है या भिगोया जाता है ?
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सरकारी गोदामों में अनाज का भीगना कोई साधारण बात नहीं है। लाखों रूपये प्रति माह वेतन लेने वाले अधिकारी अनाज भीगने पर जिम्मेदार क्यों नहीं होते ?क्यों हज़ारो रूपये की तिरपाल की लापरवाही के कारण
करोड़ो रूपये का अनाज भीगने दिया जाता है। जबकि यह प्रत्येक साल की प्रकिर्या है।

पिछले वर्ष मैंने एक वीडियो जो फ़ेसबुक पर आया था उसे ब्लॉग पर पोस्ट किया था। वीडियो में किसी गोदाम में अनाज को पानी के पाईप से कर्मचारी द्वारा भिगोया जा रहा था। ऐसा तो जानबूझकर ही किया जा रहा होगा ?
ऐसे में खले में भरी बारिश से अनाज भीगने पर तो अधिकारी पर कहने को बहुत कुछ होता है।

शराब माफ़िया को बेचा जाता है भीगा अनाज़ ?
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सूत्र बताते हैं की अनाज़ को भीगने देने के पीछे भ्र्ष्टाचार का बहुत बड़ा हाथ होता है। अनाज़ भीग जाने पर वह बिकने योग्य तो रहता नहीं। कागजो में उससे बीमारी फैलने -उसमे जानवर पैदा होने को दर्शाया जाता है। मज़े की बात यह भी सुनने को मिलती है की अब उस अनाज़ की उठवाई के भारी बिल बनाये जाते हैं। जबकि यह
सब सुनियोजित हो रहा है और भीगा अनाज़ शराब माफ़िया को बेचा जाता है जिससे बीयर आदि बनाई जाती है।

जबाबदेही क्यों नहीं ?
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इस सब मामले में जब तक संबंधित अधिकारियों की जबाबदेही तय नहीं होगी तब तक ऐसा ही चलता रहेगा।
बताया जाता है की घटतौली और घटिया क्वालिटी का अनाज़ सबकी जांच से बचने के लिए भी अनाज़ को भीगने दिया जाता है। भारत जैसे देश में जहां आज भी करोड़ो गरीब भूखे पेट सोते हो ऐसे में करोड़ो रूपये के अनाज़ की ऐसी बर्बादी दुर्भाग्यपूर्ण ही है। वे कैसे इंसान हैं जो गरीब के पेट पर लात मारकर अपने पेट भरने में लगे रहते हैं। उनपर ऊपर वाले की लाठी पता नहीं कब पड़ेगी ?                          http://suniljainrana.blogspot.com/




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