मंगलवार, 4 जुलाई 2017



पुराने नोट फिर बदले जाये ?
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देश में नोटबंदी हुई -अफरातफरी मची -कुछ परेशान हुए ,

कुछ के मज़े आये। काफ़ी समय दिया गया पुराने नोट बदलवाने

के लिए। लगभग सभी के बदले भी गए।

सफेद धन वालो के खातों में बदले गए ,काले धन वालो के बातों

से बदले गए। अब इसमें किसका कितना दोष यह तो सरकार

पता लगा रही है। काफी का पता लगा भी लिया है।

अब एक बार फिर से सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार

लगाई है की क्यों नहीं एक बार फिर से पुराने नोट बदलने का

मौका दे रही सरकार ?

हालाँकि इसमें सही लोग और सही नोट वालो की बात कही

गई है लेकिन समझ में यह नहीं आ रहा की अब आठ महीने

बाद सुप्रीमकोर्ट को क्या याद आ गई सही लोगो और सही नोटों

की ?ये सही लोग और सही नोट वाले तब क्या सो रहे थे ?

जनता में हलचल है की ऐसा करने का अब क्या ओचित्य है ?

कुछ जनता ऐसी वाणी भी बोल रही है की कुछ बड़े नेताओं ,

कुछ राजनीतिक पार्टियों के पास आज भी गोदाम भर भर कर

पुराने नोट हैं जो समय रहते बदले नहीं जा सके थे।

ऐसे में क्या ये नेता लोग नोट बदलने का फायदा नहीं उठाएंगे ?

सरकार तो सुप्रीमकोर्ट को जबाब देगी ही लेकिन आम जनता

अब दोबारा नोट बदलने की बात से सहमत नहीं है। 


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