गोमाता बनाम गोरक्षक
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देश में गाय बचाओ आंदोलन जोर -शोर से चल रहा है।
गोरक्षक गाय को बचाने के लिए जी जान से जुटे हैं।
सरकार भी गो रक्षा के लिए कार्य कर रही है। लेकिन
कहीं कहीं कार्य ठीक होने की बजाय गलत भी होता
दिखाई दे रहा है। कई बार गोरक्षक कानून अपने हाथ
में ही ले लेते हैं। कई जगह हमला करने वाली भीड़ का
ही पता नहीं चलता की इसमें कौन लोग शामिल हैं।
कुछ भी हो लेकिन यदि हमे गाय बचानी है तो पहले
अपने आप को ही इस योग्य बनाना चाहिए। आज
गोपालक गाय को दूहकर सड़क पर छोड़ देता है
चरने के लिए। गोशाला वाले सिर्फ दुधारू गाय को
ही गोशाला में रखना चाहते हैं। आवारा गाय को कोई
रखना नहीं चाहता। गाय के बछड़ा देते ही बछड़े को
बेच देते हैं। गाय के बाँझ होते ही गाय को बेच देते हैं।
तब हम यह भी नहीं सोचते की जिस गाय को हम बेच
रहे हैं उसका खरीददार कौन होगा -शायद कसाई ?
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