मंगलवार, 11 जुलाई 2017



अमरनाथ यात्रा पर हमला
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कल रात अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकियों ने

एक बस पर लगातार गोलियां दागी जिसमे लगभग

सात यात्रियों की मौत हो गई और अनेको घायल हो

गये।

बताया जाता है की बस गुजरात से आयी हुई थी।

बस के ड्राइवर के कारण अनेक लोगो की जान

बच गई। ड्राइवर ने हमला होने पर बस को और

तेज भगाकर सबकी जान बचाई। बस ड्राइवर एक

भारतीय मुसलमान है। जिसने आतंकवाद की निंदा

करते हुए इसे जड़ से खत्म कर देने की बात कही।

आज दिनभर टीवी चैनलों पर इसी मुद्दे पर डिबेट

चलती रही। विडंबना की बात है की ये टीवी वाले

अलगाववादियों -पाकिस्तानियों -समर्थको जैसे को

टीवी पर बुलाते ही क्यों हैं। ये सब भारत विरोधी

बात करते हैं। आज शबनम लोन कई टीवी चैनलों

पर दिखाई दी। एंकर की सीधी बात का एक बार

भी उन्होंने सीधा जबाब नहीं दिया। वो कभी भी

पाकिस्तान के आतंकी को आतंकी नहीं कहती।

बस हर बात में भारत सरकार की खामियाँ गिनाती

रहती हैं।

दरअसल मुख्य बात यह है की कश्मीर समस्या का
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समाधान कभी नहीं होगा। क्योकि कश्मीरी आवाम

भले ही पाकिस्तान की बोली बोलता हो ,पाकिस्तान

के झंडे लगाता हो लेकिन वह कभी भी पाकिस्तान

के साथ नहीं जाना चाहेगा। आज भी कश्मीरी आवाम

भारत के साथ ही सहज है।

कश्मीरी तो कश्मीर को आज़ाद मुल्क बनाना चाहते

हैं। वे दोनों देशों को गाली बकते हैं। वे खाते हो भले

ही भारत का लेकिन भारत के प्रति उनकी मानसिकता

ठीक नहीं है। इसमें बहुत बड़ा हाथ अलगाववादियों

का है। अलगाववादियों ने अपनी नेतागिरी चमकाने और

सरकारी मदद पाने को यह हंगामा मचा रखा है।

सोचने की बात यह है की ये अलगाववादी नेता खुद तो

मौज से रहते हैं। इनके बच्चे विदेशो में पढ़ते हैं। कश्मीरी

आवाम के बच्चों के हाथ में पत्थर देकर सेना के आगे

भेज देते हैं। कश्मीरी आवाम को चंद रुपयों की खातिर

इन्होने गलत राह पर भेज दिया है।

इस सबका हल क्या है ?
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जब तक कश्मीरी अलगाववादियों का हुक्का पानी बंद

नहीं होगा ,इनपर समुचित कार्यवाही नहीं होगी ये लोग

कश्मीर को शांत नहीं होने देंगे। ये सब पाकिस्तान से

मिले हुए हैं और आतंकवादियों से इनके संबंध हैं जिससे

ये कश्मीर को सुलगता ही रहना देना चाहते हैं।

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