बुधवार, 28 दिसंबर 2022
शंख की महिमा
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रविवार, 25 दिसंबर 2022
मोदीजी हैं तो मुमकिन है
भाईयो
लो कल्लो अपना खून गरम।
जम कर मोदी को गाली दो।
दुनियाँ के 25 सबसे ताकतवर देशों की हुई लिस्ट जारी ,,, भारत आया नम्बर 3 पर, हम से आगे अमेरिका, रूस हैं l ये है मोदी युग ,,,*
🔺 दूसरी उपलब्धि* ,,, 1.4- 1.5 लाख करोड़ के पार पहुँचा GST का मासिक टैक्स कलेक्शन ,,,,, ये है ! एक चाय वाले का अर्थशास्त्र ,,,*
🔺 तीसरी उपलब्धि* ,,, नए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में , अमेरिका और जापान को पीछे छोड़ , भारत पहुँचा दूसरे स्थान पर ,,,,*
🔺 चौथी उपलब्धि* ,,,,, 2017-18 में दो गुना हुआ , सौर ऊर्जा का उत्पादन ,,,, चीन और अमेरिका भी दंग हैं ,,, *
🔺 पाँचवी उपलब्धि* ,,, भारत की आसमान छू रही , GDP को देखकर ,,, भारत की GDP 8.2% , चीन की 6.7% और अमेरिका की 4.2% ! अब भी कहेंगे , भारतीय की मोदी विदेश क्यों जाते हैं,,,*
🔺 छठी उपलब्धि* ,,, जल , थल और आकाश ; तीनों क्षेत्रों से सुपरसोनिक मिसाइल दागने वाला , दुनियाँ का पहला देश बना भारत ,,, ये है मोदी युग ,,, अगर आपको गर्व हुआ हो , तो जय हिन्द लिखना न भूलें ,,,,*
🔺 सातवीं उपलब्धि* ,,,, 70 सालों में पाकिस्तान को कभी गरीब नहीं देखा ,, लेकिन मोदी जी के आते ही पाकिस्तान कंगाल हो गया ,,, दरअसल पाकिस्तान की कमाई का जरिया , भारतीय नकली नोटों का व्यापार था ,,,, जिसे मोदी जी ने खत्म कर दिया ,,,*
🔺 आठवीं उपलब्धि* को भी पढ़ें ,,,,,, एक बात समझ में नहीं आयी ,,, 2014 में कांग्रेसी रक्षामंत्री ऐ. के. एंटोनी ने कहा था , देश कंगाल है , हम राफेल तो क्या , छोटा जेट भी नहीं ले सकते ,,,, पर मोदीजी ने ईरान का कर्ज भी चुका दिया ,,, राफेल डील भी करली ,,, S - 400 भी ले रहे हैं ! आखिर कांग्रेस के समय देश का पैसा कहाँ जाता था ,,, ❓*
🔺 नवीं उपलब्धि* ,,, सेना को मिला बुलेटप्रूफ स्कार्पियो का सुरक्षा कवच ,,, जम्मू कश्मीर में मिली सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो ,,,*
🔺 दसवीं उपलब्धि* ,,, अब आपको बताता हूँ , भारत का इन 4 सालों में विकास क्या हुआ ,,,अर्थ व्यवस्था में फ्रांस को पीछे धकेल नम्बर 6 बना ,,,*
🔺 ग्यारहवीं उपलब्धि* ,,, ऑटो मार्केट में जर्मनी को पीछे छोड़ नम्बर 4 बना ,,,*
🔺 बारहवीं उपलब्धि* ,,,, बिजली उत्पादन में रूस को पीछे छोड़ नम्बर 3 बना ,,,*
🔺 तेरहवीं उपलब्धि* ,,, टेक्सटाइल उत्पादन में इटली को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना ,,,*
🔺 चोदहवीं उपलब्धि* ,,, मोबाइल उत्पादन में वियतनाम को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना,,, *
🔺 पंद्रहवी उपलब्धि* ,,, स्टील उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ नम्बर 2 बना ,,,*
🔺 सोलहवीं उपलब्धि* ,,, चीनी उत्पादन में ब्राजील को पीछे छोड़ नम्बर 1 बना ,,,*
🔺 सतरहवीं उपलब्धि* ,,, हमेशा सोए रहने वाले हिंदूओं में *राष्ट्रवाद* जगा दिया , पूरी दुनियां के सवा सौ करोड़ हिंदुओं का एक भी राष्ट्र नहीं है ! मैं इस काम को सबसे महत्वपूर्ण मानता हूँ
आतंकियों का सफाया ,,,8 महीनों में 230 आतंकियों को 72 हूरों के पास जहन्नुम में पहुंचाया❗
कृपया करके :-- 2 minute का समय निकाल कर इसे देश हित में जरूर शेयर करें विशेष रूप से मोदी जी से अविश्वास करने वाले लोगों को
🙏🙏
शनिवार, 24 दिसंबर 2022
पेंशन एवं मुफ्त घोषणाएं
पुरानी पेंशन एवं मुफ्त चुनावी घोषणाएं
देश के अधिकतर अर्थशास्त्री पुरानी पेंशन योजना एवं मुफ्त चुनावी घोषणाओं को देश की अर्थव्यवस्था के लिये घातक मान रहे हैं। यहां तक की कांग्रेस के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह तक ने इसे गलत माना था। लेकिन आज सत्ता से बेदखल हुई कांग्रेस सत्ता पाने को चुनावी लाभ के लिये पुरानी पेंशन का लाभ दे रही है। यही हाल मुफ्त चुनावी घोषणाओं का है जो वोटों को लुभाने के लिये की जा रही हैं।
हालांकि ये चुनावी घोषणाएं बाद में चुनावी राज्यों पर ही भारी पड़ रही हैं। हिमाचल प्रदेश में राजस्व का 80% पेंशन पर खर्च हो रहा है। बिहार में 60%, पंजाब में 35%, राजस्थान में 30%से ज्यादा राजस्व सिर्फ पेंशन पर खर्च हो रहा है। यदि सरकारी कर्मचारी का वेतन आदि जोड़ ले तो कुछ राज्यो में तो 90% तक इन्ही पर खर्च हो रहा है। जिसके कारण राज्यों के पास स्वास्थ, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन आदि पर खर्च करने को कुछ ज्यादा नहीं बचता।
देश के करदाताओं का कर के द्वारा दिया गया धन अधिकांशतः पेंशन पर खर्च हो जाना देश हित में नही है। जानकारी मिली है की देश की सिर्फ 2% सरकारी कर्मचारी आबादी पर राजस्व का 12% धन खर्च देना किसी भी प्रकार से ठीक नहीं माना जा रहा है। इससे देश की अन्य जरूरतों के लिये धन की कमीं पड़ जाती है। देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, गरीबी उन्मूलन, राशन, स्कूल, अस्पताल आदि के कार्यों में कमी आती है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
इसी तरह चुनावी लाभ के लिये मुफ्त घोषणाएं जैसे मुफ्त बिजली, पानी, लेपटॉप, स्कूटी आदि पर भी लगाम लगनी चाहिये। जिस पार्टी को जो देना है अपनी पार्टी फंड से दे, सरकारी धन का दुरूपयोग करने पर पाबंदी लगनी चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप कर कानून बना देना चाहिए।
सुनील जैन राना
गुरुवार, 22 दिसंबर 2022
श्री सम्मेद शिखर पवित्र तीर्थ घोषित हो
*श्रीमान, धी-मान बताएं आपकी नजर में जैन समाज क्या है ?*
■
*दुनिया में एक मात्र जैन समुदाय है जो -*
*कभी अपने निजी स्वार्थ के लिए कोई बड़ा आंदोलन नहीं करता।*
-जिसमें कभी ट्रैन रोकी जाती हों? कभी नहीं।
- कभी सड़कें जाम की जाती हों? कभी नहीं।
-कभी आगजनी, तोडफ़ोड़ की जाती हो? कभी नहीं।
-कभी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता हो ? कभी नहीं।
- कभी किसी की हिंसा तो छोड़ो कभी पुतले को भी जलाया जाता हो? कभी नहीं ?
*इसका अर्थ स्पस्ट है -*
*जैन समाज राष्ट्र निर्माण खासकर जीडीपी /कर भुगतान में सबसे बड़ा योगदान देने बाला अहिंसक, शांतिप्रिय समुदाय है।*
*फिर भी हैरानी होती है जब-*
*- सरकार में बैठे नुमाइंदे स्वयं इस समुदाय की जायज बात सुनने तैयार नहीं होते।*
*- राजनीतिक स्तर पर अधिकांशतः कोई प्रतिनिधित्व नही दिया जाता। न संसद सदस्य न राज्य सभा सदस्य।*
*- प्रशासनिक स्तर पर देने में सर्वथा पीछे रखा जाता है निगम, मण्डल, आयोग अध्यक्ष तो छोड़िए सदस्य भी कहीं नहीं, कहीं नहीं।*
*बताएं श्री मान, धी मान ...*
*विश्व के सबसे शांत समाज के सर्वाधिक पावन तीर्थ को आपको पर्यटन स्थल बनाने की सनक क्यों छूटी ?*
*जैन श्रद्धालु इस पर्वत की पहली रजकण से ही जूते-चप्पल का तक त्याग कर स्नान कर, शुद्ध वस्त्रों में बिना खान-पान किये दर्शन बन्दन को जाते हैं। यह 20 तीर्थंकर एवम अनन्त साधुओं की की निर्वाण स्थली होने से हमारा पूज्य स्थल है इस पर्वत का हर कण पावन है इस पर आप क्या करना चाहते हैं ?*
*- क्या सैर-सपाटे,मनोरंजक, आराम गाह स्थल निर्माण?*
*- क्या फाइव स्टार होटल जिसमें मदिरालय भी होंगे ? जिसमें मांसाहार भोजनालय भी होंगे ? जिसमें और भी गलत कार्य होंगे ?*
*- आपसे यह सब मांगा किसने ? आखिर आपको क्या सूझा जो पूज्य पावन स्थल को एसो-आराम एवम भ्रमण की जगह बनाने पर आप तुले हैं ???*
*भारतीय संस्कृति में अटूट श्रद्धा रखने बाले जैन समाज की भावनाएं आहत करने की पीछे आखिर मंशा क्या है ?*
*मत छेड़िये, इस अहिंसक, शांतिप्रिय समाज को।*
*एक बार विचार करें, बहुत गम्भीरता से विचार करें एवम निर्णय लें इसे पर्यटक स्थल नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करें।*
जय पार्श्वनाथ।
बुधवार, 21 दिसंबर 2022
सम्राट अशोक
*"सम्राट अशोक" की जन्म-जयंती हमारे देश में क्यों नहीं मनाई जाती ??*
बहुत सोचने पर भी, "उत्तर" नहीं मिलता! आप भी इन "प्रश्नों" पर विचार करें!🤔🤔🤔
*सम्राट अशोक*
*पिताजी का नाम - बिन्दुसार गुप्त*
*माताजी का नाम - सुभद्राणी*
जिस "सम्राट" के नाम के साथ संसारभर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं
जिस -"सम्राट" का राज चिन्ह "अशोक चक्र" भारतीय अपने ध्वज में लगाते है l
जिस "सम्राट" का राज चिन्ह "चारमुखी शेर" को भारतीय "राष्ट्रीय प्रतीक" मानकर सरकार चलाते हैं l और "सत्यमेव जयते" को अपनाया है l
जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान, सम्राट अशोक के नाम पर, "अशोक चक्र" दिया जाता है l
जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ"...जिसने "अखंड भारत" (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक-छत्र राज किया हो l
सम्राट अशोक के ही, समय में "२३ विश्वविद्यालयों" की स्थापना की गई l जिसमें तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला, कंधार, आदि विश्वविद्यालय प्रमुख थे l इन्हीं विश्वविद्यालयों में विदेश से छात्र उच्च शिक्षा पाने भारत आया करते थे।
जिस -"सम्राट" के शासन काल को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार, भारतीय इतिहास का सबसे "स्वर्णिम काल" मानते हैं।
जिस "सम्राट" के शासन काल में भारत "विश्व गुरु" था l "सोने की चिड़िया" था l जनता खुशहाल और भेदभाव-रहित थी l
जिस सम्राट के शासन काल में, सबसे प्रख्यात महामार्ग "ग्रेड ट्रंक रोड" जैसे कई हाईवे बने l २,००० किलोमीटर लंबी पूरी "सडक" पर दोनों ओर पेड़ लगाये गए l "सरायें" बनायीं गईं..l
मानव तो मानव..,पशुओं के लिए भी, प्रथम बार "चिकित्सा घर" (हॉस्पिटल) खोले गए l पशुओं को मारना बंद करा दिया गया l
ऐसे *"महान सम्राट अशोक"* जिनकी जयंती उनके अपने देश भारत में क्यों नहीं मनायी जाती ?? न ही कोई छुट्टी घोषित की गई है?
दुख: है कि, जिन नागरिकों को ये जयंती मनानी चाहिए...वो अपना इतिहास ही भुला बैठे हैं, और जो जानते हैं, वो ना जाने क्यों मनाना नहीं चाहते??
*"जो जीता वही चंद्रगुप्त"* ना होकर, *"जो जीता वही सिकन्दर"* कैसे हो गया??
जबकि ये बात सभी जानते हैं, कि सिकन्दर की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रभाव को देखते हुए ही लड़ने से मना कर दिया था। बहुत ही बुरी तरह से मनोबल टूट गया था और सिकंदर को "वापस लौटना" पड़ा था।
*आइए हम सब मिलकर इस "ऐतिहासिक भूल" को सुधार करने की शपथ लें।
साभार
सोमवार, 19 दिसंबर 2022
जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी
मावल (महाराष्ट्र) लोक सभा सांसद श्री
श्रीरंग अप्पा बरने जी द्वारा लोक सभा मे श्री सम्मेद शिखर जी की पवित्रता और संरक्षण की केंद्र सरकार और झारखण्ड सरकार से मांग...
"श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आंदोलन" सफलता की और पांचवी कड़ी
केंद्रीय वन मंत्रालय के उच्च अधिकारियों द्वारा अगामी एक सप्ताह में कार्यवाही का आश्वासन लेकिन मंत्रालय व झारखण्ड सरकार से हमारी मांगो के लिखित कार्यवाही होने तक आंदोलन ज्ञापन के माध्यम से जारी रहेगा और इस सप्ताह में गजट मे कार्यवाही न होने पर 26 दिसंबर से आमरण अनशन आरम्भ होगा।
कुछ लोग आंदोलन को असफल करने हेतु तीन माह बाद 31 मार्च को आंदोलन करने का प्रचार कर रहे जिसका पुरजोर विरोध है अब सभी मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा चाहे कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
जैनियों का सबसे पावन तीर्थ पर्वराज सम्मेद शिखर जी जैनियों का था, जैनियों kaaा है, जैनियों का रहेगा।
जैन तीर्थ गिरनार जी
सोमवार १९ दिसंबर २०२२
सम्पर्क : ७८६९९-१७०७०
निर्मलकुमार पाटोदी, इंदौर
सम्पर्कः ७८६९९-१७०७०
——— गिरनार तीर्थ हाथ से गया नहीं है…
तीर्थ पर अधिकार की लड़ाई जारी है।——समाज भ्रमित नहीं हो———सही जानकारी यह है…….
———————————-
जैन धर्म के २२ वें तीर्थंकर अरिष्ट नेमिनाथ जी की गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर निर्वाण स्थली है। इस पर प्राचीन काल से पाषाण से निर्मित पवित्र चरण-चिह्न स्थापित किए हुए हैं। उर्जंयत गिरि गिरनार पर्वत की हमारी आस्था की परम वंदनीय प्रभु नेमिनाथ जी की यह सिद्ध भूमि है।
अपना जीवन धन्य करने के लिए हज़ारों वर्षों से हम जैन श्रद्धालु अपने इस तीर्थक्षेत्र की वंदना करने आते रहे हैं।
पिछले २०-२२ वर्षों से अधार्मिक, अपराधी प्रवृत्ति के कुछ असामाजिक लोग हमारी धार्मिक पाँचवीं टोंक के अंदर नेमिनाथ भगवान के चरण-चिह्न के पास न केवल बैठने लगे थे, अपितु चरणों को फूलों से ढक कर मालिक की तरह हमारे यात्रियों से निर्लज्ज व्यवहार करने लगे। उनके साथ मारपीट, हाथापाई, धक्कामुक्की और धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल करने लगे हैं। यही नहीं हमारे द्वारा लिए गए अहमदाबाद उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश का गुजरात प्रशासन द्वारा समुचित पालन व्यवस्था नहीं किए जाने और उन्हें सरकारी प्रश्रय मिलने के कारण हमारी परंपरागत पाँचवीं टोंक में
न केवल छेडछाड़ करना प्रारम्भ कर दिया बल्कि पहले दत्तात्रय की छोटी मूर्ति रख दी, इसके बाद बड़ी मूर्ति रख दी गई। चरण-चिह्न के पीछे के भाग में नीचे की ओर पाषाण में उत्कीर्ण भगवान नेमिनाथ जी मूर्ति को सीमेंट से ढक दिया गया। सुनने में आया है कि अब तो इस मूर्ति को छतिग्रस्त कर दिया गया है। यह अपराधिक कार्य है।
गुजरात राज्य सरकार को ज्ञात है कि पाँचवीं पुरातत्व संरक्षित है। इसके बावजूद भी इस टोंक के अंदर और बाहर किसी भी प्रकार से पुरातत्ववीय नियमों का न स्वयं पालन किया गया और न पालन करने की व्यवस्था की गयी। सरकार की इसी लापरवाही के फलस्वरूप हमारी पाँचवीं टोंक के अंदर अकल्पनीय परिवर्तन कर दिया गया है। जिसका फ़ोटू हमारे समाज में व्यापक रूप से प्रसारित हुआ है वह यह है। इसे देख कर लगता है यह हमारे जैन धर्म का वंदनीय तीर्थ है ही नहीं।
अधार्मिक लोगों द्वारा पाँचवीं टोंक के अंदर किए गए परिवर्तनों के संबंध में गुजरात राज्य की अहमदाबाद खण्डपीठ में कम से कम पाँच प्रकरण विचाराधीन है। हमारे नेमिनाथ भगवान की इस सिद्ध स्थली के धार्मिक स्वरूप को अपरिमित नुक़सान पहुँचाने का प्रयास संविधान में प्रदत्त धार्मिक अधिकारों के बावजूद हुआ है। हमारे जैन धर्म मिली अल्पसंख्यक मान्यता के रहते हुआ है। सर्व ज्ञात है कि पांचवी टोंक की वंदना करके वापस लौटते समय हमारे मुनिराज श्री प्रबलसागर जी पर चाकू से तीन-चार बार प्राणघातक हमला किया जा चुका है। पहाड़ पर परिवर्तन किया गया है। पूरे पहाड़ को जैन धर्म की पहचान मिटाने की योजना अनुसार सब कुछ दत्तात्रय का है, यह चेष्टा कर दी गई है।
हमारे जैन धर्म और इतिहास से संबंधित दूसरी टोंक, तीसरी टोंक, चौथी टोंक पर भी हर संभव छेड़खानी की गई है। विचारणीय यह है कि सब कुछ परिवर्तन भारत के जैन समाज के के रहते हुए और समाज की राष्ट्रीय संस्थाओं के रहते हुए हुआ है।
संतोष की बात यह है कि भगवान नेमिनाथ जी की इस तप, कल्याण और मोक्ष स्थली गिरनार पर्वत पर जैन धर्म के समाज को पुनःअधिकार मिलें, इसके लिए राजस्थान और मध्यप्रदेश के दो व्यक्तियों ने संकल्प के साथ पूरे साक्ष्य जुटाकर जूनागढ़ ज़िले के न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर दिया है आर्थिक सहयोग के अभाव में भी ये दोनों श्रद्धालु कमजोरी दिखाना नहीं चाहते हैं।
धनाढ्य दिगंबर जैन समाज
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सिद्ध तीर्थराज गिरनार पर अधिकार
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के लिए सहयोग करने को तत्पर हो।
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पूरे सम्मेद शिखर जी तीर्थराज पर्वत को पर्यटन, मौज-मस्ती, पर्वतारोहण से बचाने के लिए उसे शाकाहार, अहिंसक पवित्र जैन तीर्थ घोषित कराने के लिये
समाज में जागरूकता आ गई है। यह ऐतिहासिक चेतना ही वांछित सफलता दिलायेगी
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अंतरिक्ष पार्शवनाथ जी सिद्ध और तीर्थ क्षेत्र का प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं।
जैनियों के साथ यह तो अन्याय हो रहा है।
शनिवार, 17 दिसंबर 2022
ॐ की महिमा
🕉️ *ॐ' का जाप न केवल आध्यात्मिक बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।*
रोजाना सिर्फ पांच मिनट *'ॐ'* का जाप करने से मानसिक और शारीरिक लाभ होता है।
*'ॐ' का उच्चारण कैसे करें?*
'ओम' का जाप करने के लिए आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं। अपनी आंखें बंद करें और गहरी सांस लें और फिर 'ओम' का जाप करते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस दौरान पूरे शरीर को वाइब्रेट करने की कोशिश करें।
*ॐ कर जप का महत्व और प्रभाव :*
*1)* मानव मन को शुद्ध करने के लिए।
*2)* मानव मन की भावनाओं को नियंत्रित करना।
*3)* मन, स्मृति और बुद्धि की एकाग्रता बढ़ाने के साथ-साथ मन की किसी बात को समझने की क्षमता को बढ़ाने के लिए।
*4)* शारीरिक, मानसिक रूप से तनावमुक्त, साथ ही भावनाओं पर नियंत्रण।
*'ॐ' कार जप* ➡️
ए …… यू …… एम ………
ए …… उम …… एम ……
ए …… यू ……… एम ……… ..
*ओंकार जप से करें कई रोगों पर नियंत्रण।*
ओंकार जप से भौतिक स्तर पर अनेक लाभ होते हैं।
*1. थायराइड -*
ओंकार का पाठ करने से कंठ में स्पंदन उत्पन्न होता है। इसका थायरॉयड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
*2. बेचैनी-*
यदि आप असहज महसूस करते हैं, तो अपनी आंखें बंद करें और पांच गहरी सांसों के साथ ओंकार का जाप करें।
*3. तनाव -*
इससे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
*4. खून का दौरा -*
इससे हृदय स्वस्थ रहता है और रक्त प्रवाह सुचारू रहता है।
*5. पाचन-*
ओंकार के जाप से पाचन क्रिया में सुधार होता है।
*6. प्रेरणा -*
ओंकार शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है।
*7. थकान -*
थकान के लिए इससे बेहतर कोई उपाय नहीं है।
*8. सोना -*
ओंकार के नियमित जाप से कुछ ही दिनों में अनिद्रा दूर हो जाती है। इसलिए सोने से पहले ओंकार का पाठ जरूर करना चाहिए।
*9. फेफड़े -*
ओंकार का जाप करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
*10. मेरुदण्ड -*
ओंकार द्वारा निर्मित कंपन रीढ़ को मजबूत करता है।
साभार
बुधवार, 14 दिसंबर 2022
शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022
कैसा कानून ?
कैसा कानून? हत्यारा है तो सज़ा दो
पहले कसाब अब आफताब। सारी दुनिया ने क़साब को टीवी पर आतंक मचाते देखा, हत्या करते देखा फिर भी उस पर लम्बा मुकदमा चला। जेल में रखकर उसे मनपसन्द बियानियाँ खिलाई गई। लाखों रुपये उसके खाने पर खर्च किये गये। तब जाकर उसे कोर्ट से सज़ा का एलान हुआ। अब उसी की तर्ज पर आफताब पुलिस की हिरासत में है।
लड़की की हत्या का दोषी। जघन्य अपराध किया। लड़की से प्रेम के बहाने उस पर दबाब बनाकर ब्लैकमेल किया और फिर उसकी हत्या कर उसके शरीर के 35 टुकड़े कर फ्रिज़ में रखे। कितना दर्दनाक है यह सुनना और होना। पकड़े जाने पर उसने जुल्म भी कबूल लिया लेकिन कानूनी प्रकिर्या पूरी करने को उसे लेकर उन स्थानों पर ले जाया गया जहां उसने शरीर के टुकड़े डाले थे एवं हत्या करने का सामान चाकू आदि फेंके होंगे।
एक छोटे मुजरिम को पकड़ कर पुलिस उसकी ऐसी सिकाई कर देती है की वह चलने लायक नहीं रहता। लेकिन हत्यारा तो मुहँ ढककर पुलिस के साथ बड़ी शान से आ- जा रहा है जैसे उसे किसी का ख़ौफ़ ही नहीं है। पता नहीं ऐसे हत्यारों को पुलिस मुहँ ढकने ही क्यों देती है। ऐसे हत्यारे का चेहरा तो जनता को दिखाना चाहिये।
सब कुछ जान लेने, पता कर लेने के बाद भी हत्यारे का पॉलीग्राफ टेस्ट, नार्को टेस्ट आदि करने की कानूनी प्रकिर्या जनता की समझ से बाहर है। जनता में इस बात को लेकर आक्रोश है की सब कुछ जान लेने जुल्म कबूल लेने के बाद भी इतनी लंबी प्रकिर्या का क्या मतलब?
बलात्कार से लेकर ऐसे जघन्य अपराध करने वाला अपराधी चाहे कोई भी हो उसके मुक़दमे को जल्दी से जल्दी निपटा कर सज़ा का एलान कोर्ट को करना ही चाहिये। देश में बलात्कार की घटनाएं बहुत हो रही हैं। सिर्फ सज़ा से बलात्कारियों में ख़ौफ़ नहीं है। सर्वप्रथम बलात्कारी का अंग भंग करना चाहिये ताकि उसे भी जीवन भर एक एहसास रहे जैसा पीड़िता को रहता है। ततपश्चात कठोर सज़ा दी जानी चाहिये।
सुनील जैन राना
प्राचीन भारतीय संस्कृति
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हल खींचते समय यदि कोई बैल गोबर या मूत्र करने की स्थिति में होता था तो किसान कुछ देर के लिए हल चलाना बन्द करके बैल के मल-मूत्र त्यागने तक खड़ा रहता था ताकि बैल आराम से यह नित्यकर्म कर सके,यह आम चलन था
हमनें (ईश्वर वैदिक) यह सारी बातें बचपन में स्वयं अपनी आंखों से देख हुई हैं जीवों के प्रति यह गहरी संवेदना उन महान पुरखों में जन्मजात होती थी जिन्हें आजकल हम अशिक्षित कहते हैं यह सब अभी 30-40 वर्ष पूर्व तक होता रहा
उस जमाने का देसी घी यदि आजकल के हिसाब से मूल्य लगाएं तो इतना शुद्ध होता था कि 2 हजार रुपये किलो तक बिक सकता है । उस देसी घी को किसान विशेष कार्य के दिनों में हर दो दिन बाद आधा-आधा किलो घी अपने बैलों को पिलाता था ।
टटीरी नामक पक्षी अपने अंडे खुले खेत की मिट्टी पर देती है और उनको सेती है। हल चलाते समय यदि सामने कहीं कोई टटीरी चिल्लाती मिलती थी तो किसान इशारा समझ जाता था और उस अंडे वाली जगह को बिना हल जोते खाली छोड़ देता था । उस जमाने में आधुनिक शिक्षा नहीं थी ।
सब आस्तिक थे । दोपहर को किसान जब आराम करने का समय होता तो सबसे पहले बैलों को पानी पिलाकर चारा डालता और फिर खुद भोजन करता था । यह एक सामान्य नियम था ।
बैल जब बूढ़ा हो जाता था तो उसे कसाइयों को बेचना शर्मनाक सामाजिक अपराध की श्रेणी में आता था । बूढा बैल कई सालों तक खाली बैठा चारा खाता रहता था, मरने तक उसकी सेवा होती थी । उस जमाने के तथाकथित अशिक्षित किसान का मानवीय तर्क था कि इतने सालों तक इसकी माँ का दूध पिया और इसकी कमाई खाई है , अब बुढापे में इसे कैसे छोड़ दें , कैसे कसाइयों को दे दें काट खाने के लिए ? जब बैल मर जाता तो किसान फफक-फफक कर रोता था और उन भरी दुपहरियों को याद करता था जब उसका यह वफादार मित्र हर कष्ट में उसके साथ होता था । माता-पिता को रोता देख किसान के बच्चे भी अपने बुड्ढे बैल की मौत पर रोने लगते थे । पूरा जीवन काल तक बैल अपने स्वामी किसान की मूक भाषा को समझता था कि वह क्या कहना चाह रहा है ।
वह पुराना भारत इतना शिक्षित और धनाढ्य था कि अपने जीवन व्यवहार में ही जीवन रस खोज लेता था । वह करोड़ों वर्ष पुरानी संस्कृति वाला वैभवशाली भारत था
वह अतुल्य भारत था !
आजकल हर इंसान दुःखी और तनाव ग्रस्त है क्योंकि वो अपनी संस्कृति और संस्कारों को भूल कर स्वार्थ में लिप्त हो चुका है।
गुरुवार, 8 दिसंबर 2022
अकेली नारी कैसे बचें?
1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ?
Police का कहना है: जब आप लिफ़्ट में प्रवेश करें और आपको 13 वीं मंज़िल पर जाना हो, तो अपनी मंज़िल तक के सभी बटनों को दबा दें ! कोई भी व्यक्ति उस परिस्थिति में हमला नहीं कर सकता जब लिफ़्ट प्रत्येक मंजिल पर रुकती हो !
2. जब आप घर में अकेली हों और कोई अजनबी आप पर हमला करे तो क्या करें ? तुरन्त रसोईघर की ओर दौड़ जायें
Police का कहना है: आप स्वयं ही जानती हैं कि रसोई में पिसी मिर्च या हल्दी कहाँ पर उपलब्ध है ! और कहाँ पर चक्की व प्लेट रखे हैं !यह सभी आपकी सुरक्षा के औज़ार का कार्य कर सकते हैं ! और भी नहीं तो प्लेट व बर्तनों को ज़ोर- जोर से फैंके भले ही टूटे !और चिल्लाना शुरु कर दो !स्मरण रखें कि शोरगुल ऐसे व्यक्तियों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है ! वह अपने आप को पकड़ा जाना कभी भी पसंद नहीं करेगा !
3. रात में ऑटो या टैक्सी से सफ़र करते समय !
Police का कहना है: ऑटो या टैक्सी में बैठते समय उसका नं० नोट करके अपने पारिवारिक सदस्यों या मित्र को मोबाईल पर उस भाषा में विवरण से तुरन्त सूचित करें जिसको कि ड्राइवर जानता हो ! मोबाइल पर यदि कोई बात नहीं हो पा रही हो या उत्तर न भी मिल रहा हो तो भी ऐसा ही प्रदर्शित करें कि आपकी बात हो रही है व गाड़ी का विवरण आपके परिवार/ मित्र को मिल चुका है ! . इससे ड्राईवर को आभास होगा कि उसकी गाड़ी का विवरण कोई व्यक्ति जानता है और यदि कोई दुस्साहस किया गया तो वह अविलम्ब पकड़ में आ जायेगा ! इस परिस्थिति में वह आपको सुरक्षित स्थिति में आपके घर पहुँचायेगा ! जिस व्यक्ति से ख़तरा होने की आशंका थी अब वह आपकी सुरक्षा का ध्यान रखेगा !
4. यदि ड्राईवर गाड़ी को उस गली/रास्ते पर मोड़ दे जहाँ जाना न हो और आपको महसूस हो कि आगे ख़तरा हो सकता है - तो क्या करें ?
Police का कहना है कि आप अपने पर्स के हैंडल या अपने दुपट्टा/ चुनरी का प्रयोग उसकी गर्दन पर लपेट कर अपनी तरफ़ पीछे खींचती हैं तो सैकिण्डो में वह व्यक्ति असहाय व निर्बल हो जायेगा ! यदि आपके पास पर्स या दुपट्टा न भी हो तो भी आप न घबरायें ! आप उसकी क़मीज़ के काल़र को पीछे से पकड़ कर खींचेंगी तो शर्ट का जो बटन लगाया हुआ है वह भी वही काम करेगा और आपको अपने बचाव का मौक़ा मिल जायेगा !
5. यदि रात में कोई आपका पीछा करता है !
Police का कहना है: किसी भी नज़दीकी खुली दुकान या घर में घुस कर उन्हें अपनी परेशानी बतायें ! यदि रात होने के कारण बन्द हों तो नज़दीक में एटीएम हो तो एटीएम बाक्स में घुस जायें क्योंकि वहाँ पर सीसीटीवी कैमरा लगे होते हैं ! पहचान उजागर होने के भय से किसी की भी आप पर वार करने की हिम्मत नहीं होगी !
आख़िरकार मानसिक रुप से जागरुक होना ही आपका आपके पास रहने वाला सबसे बड़ा हथियार सिद्ध होगा !
कृपया समस्त नारी शक्ति जिसका आपको ख़्याल है उन्हें न केवल बतायें बल्कि उन्हें जागरुक भी कीजिए ! अपनी नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये ऐसा करना ! न केवल हम सभी का नैतिक उत्तरदायित्व है बल्कि कर्त्तव्य भी है !
प्रिय मित्रों इससे समस्त नारी शक्ति -अपनी माताश्री,बहन, पत्नी व महिला मित्रों को अवगत करावें !
सोमवार, 5 दिसंबर 2022
रविवार, 4 दिसंबर 2022
मलेरिया का उपचार
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घरेलू उपचार
मलेरिया :--------
* बुखार में सेब का सेवन करने से, बुखार जल्दी सही हो जाता है । मलेरिया आने के समय से पहले , सेब का सेवन करने से , बुखार नही आता है ।
* मलेरिया में , नमक व कालीमिर्च को , नींबू में भरकर चूसने से, बुखार की गर्मी दूर हो जाती है ।
* दो नींबू का रस, नींबू के छिलकों सहित, 500 ग्राम पानी में मिलाकर, मिट्टी की हांडी में , रात में उबालकर, आधा रहने पर रख दें। सुबह उसका सेवन करने से, मलेरिया बुखार आना बंद हो जाता है ।
* पानी में नींबू निचोड़कर, स्वाद के अनुसार, चीनी मिलाकर सेवन करने से, चार दिन में , मलेरिया आना बंद हो जाता है ।
* मलेरिया में , उल्टी होने पर, नींबू में नमक भरकर चूसे।
* नींबू व गन्ने का रस का सेवन करना भी , लाभ देता है । उल्टी आना बंद हो जाता है ।
* नींबू मलेरिया की प्राकृतिक औषध है ।
* चाय में , दूध के स्थान पर, नींबू डालकर सेवन करें । मलेरिया में लाभ देता है ।
* भोजन करते समय, हरिमिर्च पर नींबू निचोड़ कर सेवन करें ।
* फिटकरी भून कर, कालीमिर्च व सेंधा नमक को समान मात्रा में मिलाकर, पीस लें। नींबू की एक फांक पर, यह चौथाई चम्मच भरकर, गर्म करके, बुखार आने के , एक घंटे पहले, यह चूर्ण चौथाई चम्मच भरकर, गर्म करके, आधे -आधे घंटे के अंतर से चूसे। मलेरिया बुखार नही आएगा। दो-तीन दिन, इस प्रयोग करें ।
* दो संतरे के छिलके, दो कप पानी में उबाले। जब आधा पानी रह जाएं तो, उतार कर व छानकर, गर्म - गर्म सेवन करें । संतरे का सेवन करें या रस का सेवन करें ।
* मलेरिया में , अमरूद का सेवन करें । 3 - 4 दिन के अंतराल से , आने वाले मलेरिया बुखार में नित्य सेवन करना लाभदायक है ।
* मूंग या मोंठ की दाल के पानी का सेवन करें ।
* एक गिलास दूध में , 8 मुनक्का, आधा चम्मच सौंठ डालकर व उबालकर, नित्य सुबह - शाम सेवन करें । मलेरिया ठीक हो जाता है ।
* छाछ का सेवन करें , मलेरिया में लाभदायक है ।
* एक चम्मच, जीरा का चूर्ण बनाकर, उसमें तीन गुना गुड़ मिलाकर, इसकी तीन गोलियां बना लें। समय के अंतराल से सर्दी देकर आने वाले, मलेरिया बुखार में , एक - एक घंटे के अंतर से, एक -एक गोली का सेवन करें । कुछ दिन नित्य सेवन करें । मलेरिया ठीक हो जाएगा।
* मलेरिया आने पर, 1 चम्मच करेले के रस में , 1-1चम्मच जीरा व गुड़ मिलाकर, 3 बारसेवन करने से भी लाभ होता है ।
* एक हरीमिर्च के बीज निकालकर, मलेरिया आने के दो घंटे पहले , अँगूठे में पहनाकर बांध दें। इसप्रकार तीन बार बांधनें से, मलेरिया बुखार आना बंद हो जाता है ।
* पिसी हुई कलौंजी 1 चम्मच, 1 चम्मच शहद में मिलाकर, नित्य एकबार सेवन करें । चौथें दिन आने वाला मलेरिया बुखार सही हो जाता है ।
ऐसा आयुर्वेद में बताया गया है।
हैलमेट चैकिंग
हैलमेट चैकिंग नगर सीमा से बाहर हो
प्रदेश के अधिकांश शहरों में सड़कों पर अतिक्रमण, अवैध पार्किंग, असंवैधानिक वाहनों की समस्या बहुतायत में है। सभी शहरों- नगरों में समय-समय पर स्थानीय प्रशाशन द्वारा इनके निदान का उपाय भी किया जाता है लेकिन समस्या का स्थायी निदान नहीं हो पाता है।
सहारनपुर की बात करें तो यहां भी इसी प्रकार की समस्या सभी सड़कों पर देखने मे आ रही है। इन समस्या का निदान तो हो नहीं रहा जनता के लिये एक नई समस्या उभर कर आ रही है जिससे नगर की जनता में आक्रोश भी है।जिसे समस्या बताया जा रहा है दरअसल प्रशासन द्वारा की भलाई के लिये ही नियम बनाया गया है लेकिन जनता का कहना है की वाहन चलाते समय हैलमेट पहनने की अनिवार्यता नगर की सीमाओं से बाहर होनी चाहिये। नगर की भीड़भाड़ वाली सड़को पर जहां वाहन 20 की स्पीड से भी नहीं चल पाता वहां वाहन चलाते समय हैलमेट से छूट दी जानी चाहिये। कई शहरों - नगरों में इस प्रकार की छूट दी जा रही है।
नगर की सीमाओं के बाहर हैलमेट वास्तव में अत्यंत जरूरी है यह बात अब जनता भी समझ चुकी है। लेकिन अत्यंत भीड़भाड़ वाले इलाके जैसे खुम रान पुल, नबबाबगंज चौक, चिलकाना चुंगी, देहरादून चौक, अस्पताल चौक, दर्पण सिनेमा, कचहरी आदि अनेको क्षेत्रों में बिना हैलमेट वाहन चालकों के चालान काटे जा रहे हैं इस पर हैलमेट से छूट मिलनी चाहिये। जबकि सड़को पर बिना परमिट डग्गा वाहन, ई वाहन चल रहे हैं, अनेको प्रदूषण युक्त वाहन चल रहे हैं उन पर कार्यवाही नहीं हो रही। जनहित में प्रशासन को आर टी ओ विभाग से बातचीत कर समस्या का समाधान करना चाहिये।
सुनील जैन राना
शुक्रवार, 2 दिसंबर 2022
पीएम, कैसे- कैसे
एक धनी प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *नेहरू* ने साबित किया।
एक गरीब प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *शास्त्री जी* ने साबित किया.।
एक बुजुर्ग प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *मोरारजी* ने साबित किया।
एक युवा प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *राजीव गांधी* ने साबित किया।
एक औरत प्रधानमंत्री बन सकती है
ये *इंदिरा गांधी* ने साबित किया।
एक अनपढ़ प्रधानमंत्री बन सकता है
*चौ. चरण सिंह* ने साबित किया।
एक राजघराने का व्यक्ति प्रधानमंत्री हो सकता है
ये *वी.पी. सिंह* ने साबित किया।
एक शिक्षित एवं बहुआयामी व्यक्ति प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *पी.वी.नरसिंहा राव* ने साबित किया।
एक कवि प्रधानमन्त्री बन सकता है
ये *अटल बिहारी बाजपेयी* ने साबित किया।
कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है
ये *एच.डी.देवगौडा* ने साबित किया।
एक प्रधानमंत्री की आवश्यकता ही नहीं है
ये *डा. मनमोहन सिंह* ने साबित किया।
देश पर बिना प्रधान मंत्री बने भी शासन किया जा सकता है
ये *सोनिया गांधी* ने साबित किया।
*परन्तु एक चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन सकता है* और *इन सबसे बेहतर कार्य कर सकता है* तथा *भारत माता का परचम पूरी दुनिया में लहरा सकता है* ये
*नरेन्द्र मोदी जी* ने साबित किया।
सारी कायनात लगी है एक शख्स
को झुकाने में... खुदा भी सोचता होगा,
जाने किस मिटटी का इस्तेमाल किया मैंने "मोदी" को बनाने में!!
JARA SOCHO...
.
जो व्यक्ति
PM बनने से पहले
यदि
अमरीका को झुका सकता है,
भूखे नंगे देश
पाकिस्तान में
हडकंप
मचा सकता है,
चीन जैसे गद्दार देश के
अखबारों की
सुर्खियों में आ सकता है
तो भाई
वह भारत को विश्व गुरु
बना सकता है
यह बात पक्की है!
" देश की जरुरत है मोदी "
.
"मैं मुफ्त भोजन दूंगा" - राहुल गांधी
.
"मैं मुफ्त पानी दूंगा" - केजरीवाल
.
"न तो मैं
मुफ्त पानी दूँगा ,
ना ही मुफ्त भोजन
कि बात करूंगा ,
बल्कि मैं
इतने रोजगार पैदा करूँगा,
भारत के युवाओं
को इतना सक्षम कर दूंगा,
की
मेरे देश का हरेक व्यक्ति .
स्वाभिमान से
अपना भी
पेट भरेगा
और
दूसरों की भी
प्यास
बुझाएगा"
- नरेंद्र मोदी
.
दिक्कत केजरीवाल में नहीं,
भारत की जनता में है
जो मुफ्त की
चीज पाने के लिए
लादेन
को भी वोट दे देगी !!!
.
अगर देश के लिए कुछ करना है तो यह सन्देश 3 लोगो को भेजना है।
बस आपको तो एक कड़ी जोड़नी है देखते ही देखते पूरा देश जुड़ जायेगा।
जय श्रीराम।
मूंगफली की महत्ता
*भीगी मूंगफली है सेहत का खजाना.....!*
अक्सर हम में से कई लोग रोजाना रात को बादाम (Almond) को भिगोकर सुबह खाते हैं, क्योंकि बादाम में एक से बढ़कर एक फायदे होते है जो हमें तंदरुस्त रखते है।लेकिन क्या आपने कभी बादाम की जगह मूंगफली ट्राई की है?
मूंगफली (Peanut) का सेवन अगर रात में भिगोने के बाद सुबह उठकर किया जाए तो उसके कई बेहतरीन स्वास्थ्य फायदे देखने को मिल सकते हैं।
पोटेशियम, कॉपर, केल्शियम, आयरन और सेलेनियम जैसे गुणों से भरपूर मूंगफली को भिगोकर खाने से उसकी पौष्टिकता और भी बढ़ जाती है।
यहां जानिए आखिर कैसे भीगी हुई मूंगफली ज्यादा फायदेमंद है (Benefits of soaked peanut)....
हार्ट के लिए बढि़या....
भीगी मूंगफली ब्लड सर्कुलेशन कंट्रोल करके शरीर को हार्ट अटैक के साथ कई हार्ट प्रॉब्लम से बचाती है ।इसलिए दिल की सेहत को ठीक रखने के लिये भीगी मूंगफली खाना लाभकारी रहता है।
.मसल्स करे टोंड.....
अगर आप अपने शरीर के आढ़ी-टेढ़ी मसल्स से परेशान हैं या फिर ये आपका लुक खराब कर रहे हैं तो रोजाना भीगी हुई मूंगफली खाएं ।इससे धीरे-धीरे आपकी मसल्स टोंड होंगी।
गैस और एसिडिटी होती है दूर.....
पोटेशियम,मैग्नीज, कॉपर, केल्सियम,आयरन, सेलेनियम के गुणों से भरपूर मूंगफली को भिगो कर सुबह खाली पेट खाने से गैस और एसिडिटी की परेशानी दूर होती है।
गैस और एसिडिटी करे ठीक.....
सर्दियों में भारी भरकम खाना पेट को फुला देता है. इस वजह से आप भरपेट नाश्ता और लंच नहीं कर पाते ।इसे ठीक करने के लिए रोज रात एक मुठ्ठी मूंगफली के दाने भिगोएं और सुबह उठकर खा लें।
जोड़ो और कमर दर्द में दे आराम....
सर्दियों में कमर और जोड़ों का दर्द बहुत दिक्कत देता है. ऐसे में मूंगफली इस रोग से आपको आराम दिला सकती है. बस भीगी हुई मूंगफली को थोड़े गुड़ के साथ खाएं।
याद्दाश्त बढ़ाता है.....
बच्चों को सुबह भीगी मूंगफली के कुछ दाने खिलाने से इसमें मौजूद विटामिन आंखों की रोशनी और याद्दाश्त तेज करते है। मूंगफली को खाने से शरीर में खून की कमी भी पूरी हो जाती है ।इसके अलावा इससे शारीरिक उर्जा और स्फूर्ती भी बनी रहती है।
स्किन के लिए अच्छा....
इसमें ओमेगा 6 फैटी एसिड्स होते हैं. ये स्किन सेल्स के लिए काफी फायदेमंद होता है. इससे रंग गोरा होता है ।
गुरुवार, 1 दिसंबर 2022
तीर्थ यात्रा का महत्व
तीर्थ यात्राओं से शरीर की बहुत सी नाड़ियां खुल जाती है !
तीर्थ यात्रा का महत्व उस समय अधिक बढ़ जाता है,जब आप तीर्थ यात्रा पैदल करें, इसलिए अधिकांश मंदिर नगर से अलग या तो निर्जन स्थान अथवा किसी पहाड़ी पर मिलेंगे।
नंगे पैर तीर्थ यात्रा करने से पैरों के तलवों के एक्यूप्रेशर बिंदुओं में दाब पड़ता है, और शरीर तथा मस्तिष्क की अवरुद्ध नाड़ियां खुलती हैं।
तीर्थ यात्राओं का १००% लाभ लेने के लिए तीर्थ यात्राओं के मध्य भोजन के रूप में फल या सलाद का अधिक प्रयोग करें और होटलों में फास्ट फूड ना खाएं या फिर पहाड़ी क्षेत्रों में होम स्टे करें वहां पर साधारण घर का भोजन उपलब्ध हो जाता है।
वर्तमान समय में मनुष्य मंदिरों तक अपने वाहन ले जा रहे हैं जो कि तीर्थ यात्रा के शारीरिक और आध्यात्मिक महत्व को कम कर देता है।
केवल उन्हीं मंदिरों मे तीर्थ यात्रा को करें जहां आपको कम से कम ५ किमी से अधिक पैदल चलना पड़े।
पैदल चलने से शरीर के बहुत से रोग दूर होते हैं।
ईश्वर भक्ति से मानसिक शांति मिलती है।
मानसिक और शारीरिक कष्टों को अध्यात्म से जोड़ देने पर तीर्थ योग बन जाते हैं और शरीर को शुद्ध और निर्मल करते हैं।
पर्वतों पर बने तीर्थों पर मनुष्य उपर नीचे चलते है, जिससे शरीर और फेफड़ों के सभी व्यायाम होते है, इसलिए अधिकांश मंदिर दूर पर्वतों के उपर मिलते हैं।
पहाड़ी मंदिरों में जंगल होने के कारण वहां आक्सीजन की मात्रा भी अधिक होती है, और प्राण वायु भी शुद्ध होती है।
बिना पैदल चलें तीर्थ का महत्व कम हो जाता है अतः पैदल ही तीर्थ करें घोड़े - पालकी और हवाई जहाज का प्रयोग केवल वे लोग करें जो शारीरिक रूप से वृद्ध और पैदल चलने में असक्षम हैं।
बुधवार, 23 नवंबर 2022
सोमवार, 21 नवंबर 2022
श्री सिद्ध चक्र विधान
*श्री सिद्धचक्र विधान और कविवर संतलाल जी : संक्षिप्त परिचय*
1️⃣
*जन्म एवं जन्म स्थान*
*कविवर संतलालजी का जन्म सन् 1834 में नकुड(सहारनपुर,उ.प्र.) निवासी लाला शीलचंद जी के परिवार में हुआ।*
2️⃣
*देहपरिवर्तन समय*
🍁
*कविवर संतलाल जी का देहपरिवर्तन सन् 1886 में समाधिपूर्वक 52 वर्ष की आयु में हुआ ।*
3️⃣
*शिक्षा*
🍁
*आरंभिक शिक्षा नकुड (सहारनपुर) में की, बाद में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए रूड़की (उत्तराखंड) के थामसन कालेज में अध्ययन किया।स्वत: स्वाध्याय के बल से शास्त्र अभ्यास में विशेष दक्ष थे, वे अल्प आयु में ही जिनागम के मर्मज्ञ बन गये थे। जिनागम के गहन अध्ययन से वे अध्यात्मविद्या में विशेष पारंगत हो गये थे।*
4️⃣
*कर्तृत्व*
🍁
*उन्होंने अनेकों बार अन्य मतावलंबियों के साथ शास्त्रार्थ किया और जिनधर्म की सत्यता /महत्ता को उत्तर भारत में सब जगह प्रचारित किया। उनके सत्य संभाषण से सभी जगह जिनधर्म का प्रचार-प्रसार हुआ। उन्होंने जैन धर्मावलंबियों में प्रचलित अनेकों कुरीतियों को समाप्त किया।*
*उस समय उत्तर भारत में प्राय: हिंदू रीति-रिवाज से विवाह आदि संस्कार किए जाते थे, उन्होंने जैन विधि-विधान से विवाह आदि संस्कार प्रारंभ किए और भी अनेकों गृहीत मिथ्यात्व पोषक कार्यों से समाज को मुक्त कराया।*
*बचपन से असत्य भाषण न करने तथा शुभ कार्यों में ही रत रहने का संकल्प होने से इनका संतलाल नाम प्रचलित हो गया।*
5️⃣
*कृति*
🍁
*हिंदी (पद्यमय )भाषा में लिखा गया सिद्धचक्र विधान आपकी सर्वोत्कृष्ट रचना है।*
*यह सभी विधानों का राजा है।यह अष्टान्हिका पर्व पर विशेष रूप से किया जाता है,पर इसे अन्य शुभ अवसर पर भी किया जा सकता है।अष्टान्हिका के आठ दिन,मैनासुंदरी-श्रीपाल कथा और विधान की आठ पूजाओं के संयोग जुड़ने से यह विधान विशेष रूप से अष्टान्हिका पर्व पर किया जाता है।*
*संतलाल जी का नाम छहढाला के रचनाकार कविवर दौलतराम जी की तरह अमर हो गया। अद्भुत भेंट उन्होंने जैनसमाज को प्रदान की, जिसका उपकार जैनसमाज कभी भी सदियों तक विस्मृत नहीं कर सकता।*
*उन्हें अमर बनाने वाली यह महान रचना है।*
🌷
*सिद्धचक्र विधान की विशेषताएँ*
🍁
*यह आपकी स्वतंत्र रचना है, जो कि किसी की नकल नहीं है।*
*इसके पहले सिद्धचक्र विधान संस्कृत भाषा में भट्टारक शुभचंद और ललितकीर्ति ने लिखें थे। जिसमें पूजन के जलादि अष्टक छंद संस्कृत भाषा में है पर अर्घावली के मंत्र तो द्विगुणित रूप में है पर छंद किसी भी अर्घावली के साथ नहीं है।*
*हर पूजा की अर्घावली में दूने-दूने अर्घों/गुणों का विकास देखने में आता है, जो अन्य किसी भी विधान में नहीं है। इसके पीछे यही अभिप्राय है कि प्रतिदिन भावों की विशुद्धि दूनी-दूनी बढ़ती जाए तभी उत्कृष्ट विशुद्धि लब्धि से जीव करणलब्धि का उद्यम कर सकेगा।*
🍁
एक विधान में अनेक विधानों का समावेश हुआ है।
*प्रथम, द्वितीय और तृतीय पूजा में सिद्ध परमात्मा की विशेष आराधना के बाद चतुर्थ पूजा में गणधर वलय के 48 अर्घों के माध्यम से चौषठ ऋद्धि विधान समाहित है और सिद्धों का गुणगान है। पंचम पूजा में पापदहन विधान के माध्यम से पापाश्रव के 108 भेदों का दहन करने का उपाय बताया और छठवीं पूजा कर्मदहन विधान के रूप में प्रसिद्ध है। सातवीं पूजा पंचपरमेष्ठी विधान के रूप में विख्यात है और अंतिम पूजा सहस्रनाम विधान के रूप में है। सहज ही एक विधान में अनेक विधानों का लाभ भव्यजीवों का उपलब्ध होता है- जो इस विधान को सर्वोत्तम विधान सिद्ध करता है।*
*अध्यात्म का दिशाबोध कराने वाला यह हिंदी का समयसार है।*
*संतलाल जी अध्यात्म के विशेष ज्ञाता थे,इसी कारण विधान में अशुद्ध आत्मा को शुद्ध आत्मा बनाने का सरल उपाय भक्ति परक छंदों में निबद्ध किया है।*
*संसारी से सिद्ध होने का संविधान जिनागम में क्या है?*
*इसका सरलता से विधान/उपाय प्रथमपूजा की जयमाला से समझाया गया है।*
*विधान की आठों जयमालायें सिद्ध परमात्मा के स्वरूप, महिमा और उसे प्राप्त करने का सुगम विधान बता रही हैं, जो मूलतः पठनीय है।*
*प्रथम गुणस्थान से गुणस्थानातीत होने की सरल विधि क्या हो सकती है?*
*यह यदि जानना/समझना हो तो विधान का पूजन के साथ-साथ स्वाध्याय भी कीजिए।*
*इस कृति में भक्ति और अध्यात्म का अनूठा संगम है।*
*सिद्धभक्ति से आत्मशक्ति और आत्मशक्ति से मुक्ति का संविधान इसी कृति में उद्घाटित किया गया है।*
*इस विधान की अद्भुत महिमा है। इसे श्रीपाल के कुष्ठ -रोग निवारण और मैनासुंदरी की भक्ति तक सीमित नहीं किया जा सकता है।यह विधान भवरोग के निवारण में पूर्णतः समर्थ है।* *अशरीरी होने का विधान है।*
*वे छंदशास्त्र के मर्मज्ञ थे,*
*इसमें लगभग 48 छंदों का प्रयोग किया गया है।*
🍁
*अन्यकृति*
*इसके अलावा पद्यमय 'संतविलास' नाम से आपकी अन्यकृति भी उपलब्ध है। जो 2272 पद्यमय छंदों में निबद्ध है। जिसमें स्तुति,पद,भजन आदि गर्भित है।*
🍁
*आज संपूर्ण भारतवर्ष में हजारों सिद्धचक्र विधान अष्टान्ह्रिका पर्व हो रहे हैं, सिद्ध परमात्मा की आराधना तो हम सभी मनोयोग से करें ही ,पर जिन्होंने हमें सिद्ध परमात्मा से मिलने का संविधान बताया है, उन कविवर संतलाल जी को भी स्मरण करते रहें।*
🙏🙏
*सिद्धभगवान जयवंत रहे।*
🙏
*सिद्धचक्र विधान जयवंत रहे।*
🙏
*संतलाल कविवर जयवंत रहे।*
🙏
प्रस्तुति
*डॉ अशोक जैन गोयल दिल्ली*
9810509141
किसानों के कर्तव्य
किसान अधिकार चाहते- कर्तव्य निभाते नहीं
देश मे किसानों के लिये बहुत कुछ किया जा रहा है। मोदीजी सरकार में किसानों की आय बढ़ाने को अनेको कार्य हो रहे हैं। किसानों को उत्पाद का उचित मूल्य मिले, कृषि उपकरणों पर सब्सिडी, समय-समय पर बैंक लोन में माफ़ी आदि अनेको तरीको से किसानों को मदद की जा रही है। दुर्भाग्यपूर्ण है की फिर भी कुछ किसान नेता अपनी नेतागिरी चमकाने को गैरजरूरी आंदोलन करते रहते हैं। विडम्बना यह है की इन किसानों को अपने अधिकारों का तो पता होता है लेकिन इनके कुछ कर्तव्य भी हैं यह भूल जाते हैं।
ट्रैक्टर- ट्रॉली के पीछे लाल लाईट नही लगवाते जिससे सड़क पर रात्रि में पीछे आने वाले वाहनों को परेशानी होती है। ट्रॉली में बेहताशा गन्ना आदि भर कर चलते हैँ जिससे सड़क घिर जाती है। पीछे आने वाले वाहनों को रास्ता नहीं मिल पाता है। कई किसान समय पर बैंक लोन नहीं चुकाते। नेताओं के कहने पर बेबात आंदोलन पर उतारू हो जाते हैं। राकेश टिकैत जैसे किसान नेता किसानों को भड़काते हैं और कहते हैं की किसान आंदोलन करेगा तभी बचेगा। ऐसी निराधार बातें किसानों के हित में नहीं होती हैं। कुछ किसान मालदार हो गया है तो कुछ किसान गरीब है। जो गरीब है उसकी सहायता को सरकार मदद कर रही है। खेती के नए तरीके, नई-नई फसलों के बारे में जानकारी व सुविधाएं दी जा रही हैं।
किसान देश के अन्न की पूर्ति करते हैं। सरकार को उनका ध्यान रखना ही चाहिये। लेकिन किसानों को भी अपने अधिकारों की तरह अपने कर्तव्यों का निर्वाह भी करना चाहिए।
सुनील जैन राना
शुक्रवार, 18 नवंबर 2022
गुरुवार, 17 नवंबर 2022
सम्राट अशोक
*"सम्राट अशोक" की "जन्म- जयंती" हमारे देश में "नहीं मनाई जाती" ??
बहुत सोचने पर भी, "उत्तर" नहीं मिलता! आप भी, इन "प्रश्नों" पर, "विचार" करें!
जिस -"सम्राट" के नाम के साथ, -"संसार" भर के, "इतिहासकार"- “महान” शब्द लगाते हैं
जिस -"सम्राट" का राज चिन्ह "अशोक चक्र"-" भारतीय", "अपने ध्वज" में लगाते है l
जिस -"सम्राट" का -"राज चिन्ह", "चारमुखी शेर" को, "भारतीय",- "राष्ट्रीय प्रतीक" मानकर,:- " सरकार" चलाते हैं l और "सत्यमेव जयते" को "अपनाया" है l
जिस देश में - "सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान", "सम्राट अशोक" के "नाम" पर, "अशोक चक्र" दिया जाता है l
जिस -"सम्राट" से -"पहले या बाद" में :- "कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ"...l जिसने : -"अखंड भारत" (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान, और अफगानिस्तान) जितने, "बड़े भूभाग" पर:-"एक-छत्र राज" किया हो l
सम्राट अशोक" के ही, समय में :- "२३ विश्वविद्यालयों" की "स्थापना" की गई l जिसमें :- तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला, कंधार, आदि "विश्वविद्यालय", "प्रमुख" थे l इन्हीं "विश्वविद्यालयों" में "विदेश" से "छात्र", "उच्च शिक्षा" पाने, :- "भारत आया करते थे"
जिस -"सम्राट" के "शासन काल" को -"विश्व" के "बुद्धिजीवी" और "इतिहासकार", "भारतीय इतिहास" का सबसे -"स्वर्णिम काल" मानते हैं
जिस -"सम्राट" के "शासन काल" में :- "भारत"- "विश्व गुरु" था l "सोने की चिड़िया" था l जनता -"खुशहाल" और "भेदभाव-रहित" थी l
जिस सम्राट के शासन काल में, सबसे "प्रख्यात" "महामार्ग", :- "ग्रेड ट्रंक रोड" जैसे कई -"हाईवे" बने l २,००० किलोमीटर लंबी पूरी "सडक" पर, "दोनों ओर", "पेड़" लगाये गए l "सरायें" बनायीं गईं..l मानव तो मानव..,पशुओं के लिए भी, प्रथम बार "चिकित्सा घर" (हॉस्पिटल) खोले गए l "पशुओं को मारना बंद" करा दिया गया l
ऐसे -"महान सम्राट अशोक", जिनकी -"जयंती" उनके -"अपने देश भारत" में :-"#क्यों नहीं मनायी जाती"#?? न ही, कोई -"छुट्टी" घोषित की गई है?*
दुख: है, कि :-जिन नागरिकों को ये -"जयंती", "मनानी" चाहिए..? वो अपना -"इतिहास" ही, "भुला" बैठे हैं l और , जो :- "जानते" हैं ? "वो":- "ना जाने क्यों" ? "मनाना":- "नहीं चाहते"
*पिताजी का नाम - बिन्दुसार गुप्त
*माताजी का नाम - सुभद्राणी
"जो जीता, वही:- "चंद्रगुप्त" ना होकर ...? "जो जीता", वही :-"सिकन्दर" कैसे हो गया
जबकि - "ये बात" सभी जानते हैं, कि:- "सिकन्दर" की सेना ने -"चन्द्रगुप्त मौर्य" के "प्रभाव" को देखते हुए ही, :- "लड़ने से मना कर दिया" था!🧐🤔 बहुत ही ,"बुरी तरह" से "मनोबल टूट गया था"! और "वापस लौटना" पड़ा था ।
कृपया - अपने सभी समुहों में भेजने का कष्ट करें l और हम सब मिल कर, बाक़ी साथियों को भी,"जागरूक" करें!
आइए मिल कर - इस "ऐतिहासिक भूल" को, "सही करने" का,:-
"हर संभव प्रयास" करें .🙏
शनिवार, 12 नवंबर 2022
अपने लिये भी जियो
*1. एक ६७ वर्षीय रिटायर्ड अधिकारी द्वारा WhatsApp पर सभी वरिष्ठ साथियों व रिटायर होने वाले साथियों के लिए share किया गया एक उत्तम संदेश::::*
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*2. कृपया अंत तक अवश्य पढ़ें*..
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3.● *जीवन मर्यादित है और उसका जब अंत होगा तब इस लोक की कोई भी वस्तु साथ नही जाएगी*....
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4. ● *फिर ऐसे में कंजूसी कर, पेट काट कर बचत क्यों की जाए.... ? आवश्यकतानुसार खर्च क्यों ना करें..? जिन अच्छी बातों में आनंद मिलता है, वे करनी ही चाहिए....*
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5. ● *हमारे जाने के पश्चात क्या होगा, कौन क्या कहेगा, इसकी चिंता छोड़ दें, क्योंकि देह के पंचतत्व में विलीन होने के बाद कोई तारीफ करे या टीका टिप्पणी करे, क्या फर्क पड़ता है....?*
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6. ● *उस समय जीवन का और मेहनत से कमाए हुए धन का, आनंद लेने का वक्त निकल चुका होगा....*
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7. ● *अपने बच्चों की जरूरत से अधिक फिक्र ना करें....*
*उन्हें अपना मार्ग स्वयं खोजने दें....*
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8. *अपना भविष्य उन्हें स्वयं बनाने दें। उनकी इच्छाओं, आकांक्षाओं और सपनो के गुलाम आप ना बनें....*
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9. ● *बच्चों को प्रेम करें, उनकी परवरिश करें, उन्हें भेंट वस्तुएं भी दें, लेकिन कुछ आवश्यक खर्च स्वयं अपनी आकांक्षाओं पर भी अवश्य करें....*
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10. ● *जन्म से लेकर मृत्यु तक सिर्फ कष्ट करते रहना ही जीवन नहीं है।*
*यह ध्यान रखें....*
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11. ● *आप ६ दशक पूरे कर चुके है,*
*अब जीवन और आरोग्य से खिलवाड़ करके पैसे कमाना अनुचित है, क्योंकि अब इसके बाद पैसे खर्च करके भी आप आरोग्य खरीद नही सकते....*
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12. ● *इस आयु में दो प्रश्न महत्वपूर्ण है: पैसा कमाने का कार्य कब बन्द करें, और कितने पैसे से अब बचा हुआ जीवन सुरक्षित रूप से कट जाएगा....*
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13. ● *आपके पास यदि हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन भी हो, तो भी पेट भरने के लिए कितना अनाज चाहिए_? आपके पास अनेक मकान हों, तो भी रात में सोने के लिए एक ही कमरा चाहिए....*
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14. ● *एक दिन बिना आनंद के बीते तो, आपने जीवन का एक दिन गवाँ दिया और एक दिन आनंद में बीता तो एक दिन आपने कमा लिया है, यह ध्यान में रखें....*
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15. ● *एक और बात: यदि आप खिलाड़ी प्रवृत्ति के और खुश-मिजाज हैं तो बीमार होने पर भी बहुत जल्द स्वस्थ्य होंगे और यदि सदा प्रफुल्लित रहते हैं, तो कभी बीमार ही नही होंगे....*
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16. ● *सबसे महत्व-पूर्ण यह है कि अपने आसपास जो भी अच्छाई है, शुभ है, उदात्त है, उसका आनंद लें और उसे संभाल- कर रखें....*
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17. ● *अपने मित्रों को कभी न भूलें। उनसे हमेशा अच्छे संबंध बनाकर रखें। अगर इसमें सफल हुए तो हमेशा दिल से युवा रहेंगे और सबके चेहते रहेंगे....*
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18. ● *मित्र न हो, तो अकेले पड़ जाएंगे और यह अकेलापन बहुत भारी पड़ेगा....*
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19. ● *इसलिए रोज व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क में रहें, हँसते-हँसाते रहें, एक दूसरे की तारीफ करें.... जितनी आयु बची है, उतनी आनंद में व्यतीत करें....*
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20. ● *प्रेम व स्नेह मधुर है, उसकी लज्जत का आनंद लें....*
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21. ● *क्रोध घातक है। उसे हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दें....*
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22.● *संकट क्षणिक होते हैं, उनका सामना करें....*
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23. ● *पर्वत-शिखर के परे जाकर सूर्य वापिस आ जाता है, लेकिन दिल से दूर गए हुए प्रियजन वापिस नही आते....*
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24. ● *रिश्तों को संभालकर रखें, सभी में आदर और प्रेम बाँटें। जीवन तो क्षणभंगुर है, कब खत्म होगा, पता भी नही चलेगा। इसलिए आनंद दें,आनंद लें....*
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25. *दोस्ती और दोस्त संभाल कर रखें....*
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26. *जितना हो सके उतने “गैट-टूगेदर*
*(Get-together) करते रहे....*
पैसे दो, सब कुछ मिलेगा?
पैसे दो, सब कुछ मिलेगा?
भ्र्ष्टाचार के कारण देश के विकाश में बाधाएं आती हैं। मोदीजी- योगीजी के कार्यकाल में ऊपरी स्तर के भ्र्ष्टाचार में तो बहुत कमी आयी है लेकिन निचले स्तर का भ्र्ष्टाचार पहले से ज्यादा ही हुआ है कम तो बिल्कुल नही हुआ है। अधिकांश सरकारी विभागों में बिना सुविधा शुल्क कार्य नही होता। महंगाई के हिसाब से सुविधा शुल्क में भी बढ़ोतरी हो गई है।
पैसे दो, सब कुछ मिलेगा यह जुमला देश की जेलों में साक्षात रूप से चलता है। जैसा अपराधी वैसा व्यवहार। जैसे पैसे वैसा सहयोग। नेता लोगो के लिये तो जेल में वीआईपी सुविधा उपलब्ध हो ही जाती हैं लेकिन शातिर अपराधियों को भी सहयोग अनुसार सब कुछ उपलब्ध हो जाता है। बहुत शर्मनाक है ऐसा होना।
अपराधी को रहने, खाने-पीने की चीजें उपलब्ध कराने तक तो बात समझ मे आती है लेकिन जेल से नशे का कारोबार हो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।बात तो यहां तक चिंताजनक है की जो आम आदमी छोटे- मोटे अपराध में जेल जाता है वह कुछ ही महीनों में नशेड़ी बन जाता है। सिर्फ नशेड़ी नहीँ बल्कि कर्जदार भी बन जाता है। सहारनपुर की जेल में ऐसा ही हो रहा है। सहारनपुर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा बहुत सतर्कता से नशे के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं। अनेक नशे के कारोबारियों को जेल भेज गया है लेकिन फिर भी आम नशेड़ी को पैसे देकर नशा मिल ही जाता है।
जेल में नशे के कारोबारियों का बन्द होना और ज्यादा घातक है। वहां भी उनका कारोबार चलता रहता है। बल्कि यों कहिये की जो आप अपराधी जिसने कभी नशा नहीं किया वह भी इनकी चपेट में आ जाता है। उसके पास पैसे नहीं होते तब उसे नशे की वस्तु उधार दे देते हैं और कहते हैं पैसे बाद में दे देना। जेल में रहते हुए उसे नशेड़ी बना देते हैं। उसके जेल से बाहर आने के बाद उसके गुर्गे उससे पैसा बसूलते हैं। यह सब खाकी के संरक्षण में होता है। एक आम घरेलू अपराधी किसी मुक़दमे में जेल गया तो बाहर निकल कर शातिर अपराधी बन जाता है।
जेल में सुविधाशुल्क का खेल तो देश की अधिकांश जेलों में चल रहा है लेकिन सुविधा सिर्फ रहने, खाने-पीने तक सीमित होती तब किसी का नुकसान तो नहीं होता लेकिन नशे के कारोबार से तो एक आम आदमी की जिंदगी भी दुष्कर हो रही है यह बहुत चिंता जनक है। सरकार एवं प्रशासन को इस ओर गम्भीरता से चिंतन कर कार्यवाही करनी चाहिये।
सुनील जैन राना
गुरुवार, 10 नवंबर 2022
फ्रिज़ हानिकारक
*🗣️ आप विश्वास करें या ना करें , परंतु है सत्य बात !*
*🔆 कैंसर का रोग बढ़ाने में फ्रीज का सबसे बड़ा योगदान 🔆*
श्री देवाय एक्यूप्रेशर चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र , गोपाल जी का रास्ता , जौहरी बाजार जयपुर !
*👏 सादर जयजिनेद्र सा 👏*
*🤔 कैंसर व अन्य कई रोगों से बचने के लिए जल्द से जल्द फ्रीज से छुटकारा पाएं !*
*👉 आजकल महिलाओं में कैंसर का रोग तेजी से बढ़ रहा है !*
*🫡 क्या आप जानते हैं π फ्रीज के आइटम और कैंसर के बीच क्या संबंध है π?*
*🤔 आपकी यह गलतफहमी है कि फ्रीज में रखी हुई हर वस्तु बहुत अच्छी रहती है ¶¶ लेकिन ये सभी वस्तुएं "" कैंसर का वायरस बनाती जा रही है !*
*यह महिलाओं 🧕 का रवैया ( आदत ) है कि फ्रीज में कुछ कुछ भरती रहती है !*
*🧕 अधिकांश महिलाएं फ्रीज में जो आइटम भरती है 👇 !*
*🤔 आटा • रवा • साबुदाना • सोया • साॅस • दूध • दही • मक्खन • अचार • मसाले • बादाम • काजू • किसमिस • सब्जियां !*
*⚛️ केवल यही नहीं ये भी रखती हैं ! >>*
*बचा हुआ खाना • एक दिन पहले बनी दाल , व अगले दिन के लिए दाल • चावल • सब्जियां • ख़ाने के बाद कटा हुआ फल व सलाद • सभी प्रकार के मसाले के पैकेट • शीतल पेय • मिठाइयां तथा और भी अनेक महंगी वस्तुएं !*
*🫡 बंबई के जानेमाने होस्पिटल के डाक्टर मकरंद द्वारा जारी समाचार के अनुसार 👇 !!*
*आप सोच 🤔 सकते हैं कि एक अध्ययन में पाया गया है कि १००० हजार में से ५३८ लोगों में कैंसर का पता चला था π उनमें ज्यादातर 👩🦰 महिलाएं थीं π और हैरानी की बात यह है कि फ्रीज में रखी चीज में कैंसर के सुख दु:ख की दुनिया बढ़ती जा रही है !*
*🗣️ डाक्टर मकरंद का कहना है कि कोई भी वस्तु फ्रीज में स्टोर करने के बजाय , जितना हो सके उतना ही लाकर बनाया जाय ¶ विशेष ~~ "" सांबर • ताजी इडली • डोसा • बड़ा आदि "" π चने के आटे में , अन्य आटे में , मैदा , मक्का व बाजरे के आटे में कीट बहुत जल्दी प्रवेश कर जाते हैं !*
*🍃 दो दिन के लिए जितनी आवश्यकता हो उतने फल और सब्जियां लाएं ∆ एवं बचा हुआ अतिरिक्त दूध ४८ घंटे में फैंक दें 👏 !*
*👏 यह जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं 👏
राम जी नाम अद्भुत
*राम* शब्द में दो अर्थ व्यंजित हैं। सुखद होना और ठहर जाना जैसे अपने मार्ग से भटका हुआ कोई पथिक किसी सुरम्य स्थान को देखकर ठहर जाता है। हमने सुखद ठहराव का अर्थ देने वाले जितने भी शब्द गढ़े, सभी में *राम* अंतर्निहित है, यथा *आराम, विराम, विश्राम, अभिराम, उपराम, ग्राम*
जो *रमने* के लिए *विवश* कर दे, वह *राम*
जीवन की आपाधापी में पड़ा *अशांत* मन जिस आनंददायक *गंतव्य* की सतत तलाश में है, वह गंतव्य है *राम*
भारतीय मन हर स्थिति में *राम* को *साक्षी* बनाने का आदी है।
दुःख में *हे राम*,
पीड़ा में *अरे राम*,
लज्जा में *हाय राम*,
अशुभ में *अरे राम राम*,
अभिवादन में *राम राम*,
शपथ में *रामदुहाई*,
अज्ञानता में *राम जाने*,
अनिश्चितता में *राम भरोसे*,
अचूकता के लिए *रामबाण*,
मृत्यु के लिए *रामनाम सत्य*,
सुशासन के लिए *रामराज्य*
जैसी अभिव्यक्तियां पग-पग पर *राम* को साथ खड़ा करतीं हैं। *राम* भी इतने सरल हैं कि हर जगह खड़े हो जाते हैं। हर भारतीय उन पर अपना अधिकार मानता है। जिसका कोई नहीं उसके लिए *राम* हैं- *निर्बल के बल राम*। असंख्य बार देखी सुनी पढ़ी जा चुकी *रामकथा* का आकर्षण कभी नहीं खोता। *राम* पुनर्नवा हैं। हमारे भीतर जो कुछ भी अच्छा है, वह *राम* है। जो *शाश्वत* है, वह *राम* हैं।
*सब-कुछ लुट जाने के बाद जो बचा रह जाता है, वही तो राम है। घोर निराशा के बीच जो उठ खड़ा होता है, वह भी राम ही है।*
*राम राम*
सोमवार, 7 नवंबर 2022
रविवार, 6 नवंबर 2022
पैदल चलना हितकर है
*_— किसी व्यक्ति की हड्डियों और माँसपेशियों का ५०% दोनों 👣 पैरों में होता है। इसलिए 🦵पैदल चलिए।_*
*_— मानव शरीर की हड्डियों का सबसे बड़ा और सबसे मज़बूत जोड़ पैरों में होता है। इसलिए प्रतिदिन १० हज़ार कदम पैदल चलें।_*
*_— मज़बूत हड्डियाँ, मज़बूत माँसपेशियाँ और लचकदार जोड़ों का “लौह त्रिकोण” 🦿 पैरों में होता है, जो पूरे शरीर 🧍♂️का बोझ ढोते हैं।_*
*_— मनुष्य जीवन में ७०% गतिविधियाँ और ऊर्जा का क्षय दोनों पैरों 🕺 द्वारा किया जाता है।_*
*_— जवान मनुष्य की जाँघें इतनी मज़बूत होती हैं कि ८०० किग्रा वजन 🚗 की एक छोटी कार को भी उठा सकती हैं।_*
*_— शरीर के इंजन का केन्द्र पैर 🦶 में होता है।_*
*_— दोनों पैरों 👣 में मिलाकर पूरे मानव शरीर 🧘♂️ की ५०% नाड़ियाँ होती हैं। उनमें होकर ५०% रक्त कोशिकाएँ ❤️🔥और ५०% रक्त 🪸 बहता है।_*
*_— यह रक्त प्रवाह का सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसलिए प्रतिदिन पैदल 🚶♂️चलिए।_*
*_— यदि पैर स्वस्थ होंगे, तो रक्त का प्रवाह सामान्य रहता है। इसलिए जिनके पैरों की माँसपेशियाँ मज़बूत हैं, उनका हृदय 🫀 भी मज़बूत होगा। इसलिए पैदल चलिए।_*
*_— वृद्धावस्था पैरों से ऊपर की ओर शुरू होती है। उम्र बढ़ने पर मस्तिष्क 🧠 से पैरों को आने वाले निर्देशों की शुद्धता और गति कम होती जाती है। युवाओं में ऐसा नहीं होता। इसलिए पैदल 🚶♂️ चलिए।_*
*_— उम्र बढ़ने पर हड्डियों की खाद कैल्शियम की मात्रा कम होती जाती है, जिससे हड्डियों में टूटन 🦿 होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए पैदल चलिए।_*
*_— हड्डियों में टूटन होने पर अनेक शिकायतों का सिलसिला शुरू हो सकता है। इनमें विशेष रूप से घातक बीमारियाँ जैसे ब्रेन 🧠 थॉम्बोसिस शामिल हैं।_*
*_— पैरों के व्यायाम करने में कभी देरी नहीं होती। ६० की उम्र 🧙♂️ के बाद भी ये व्यायाम शुरू किए जा सकते हैं।_*
*_— यद्यपि हमारे पैर समय के साथ वृद्ध होंगे, लेकिन इनका व्यायाम जीवन भर करना चाहिए। प्रतिदिन दस हज़ार पग पैदल चलिए।_*
*_— पैरों को लगातार मज़बूत करके ही कोई वृद्ध होने की गति कम कर सकता है। इसलिए साल में ३६५ दिन पैदल चलिए।_*
*_— क्या आप जानते हैं कि वृद्ध रोगियों में १५% की मृत्यु जाँघ की हड्डी में टूटन होने पर एक साल के अन्दर हो जाती है? इसलिए बिना चूके मप्रतिदिन पैदल चलिए।_*
*_— अपने पैरों के पर्याप्त व्यायाम के लिए और पैरों की माँसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम ३०-४० मिनट पैदल चलिए।_*
हिंदू संस्कृति में इसीलिए पैदल तीर्थ यात्राओं का महत्व अधिक है इसलिए तीर्थ यात्राओं को पैदल ही करें तभी शारीरिक पुण्य फल अधिक मिलते हैं।
सोमवार, 31 अक्तूबर 2022
वरिष्ठ नागरिकों के लिये
*🌳🌴*
*1. एक ६७ वर्षीय रिटायर्ड अधिकारी द्वारा WhatsApp पर सभी वरिष्ठ साथियों व रिटायर होने वाले साथियों के लिए share किया गया एक उत्तम संदेश::::*
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*2. कृपया अंत तक अवश्य पढ़ें*..
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3.● *जीवन मर्यादित है और उसका जब अंत होगा तब इस लोक की कोई भी वस्तु साथ नही जाएगी*....
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4. ● *फिर ऐसे में कंजूसी कर, पेट काट कर बचत क्यों की जाए.... ? आवश्यकतानुसार खर्च क्यों ना करें..? जिन अच्छी बातों में आनंद मिलता है, वे करनी ही चाहिए....*
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5. ● *हमारे जाने के पश्चात क्या होगा, कौन क्या कहेगा, इसकी चिंता छोड़ दें, क्योंकि देह के पंचतत्व में विलीन होने के बाद कोई तारीफ करे या टीका टिप्पणी करे, क्या फर्क पड़ता है....?*
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6. ● *उस समय जीवन का और मेहनत से कमाए हुए धन का, आनंद लेने का वक्त निकल चुका होगा....*
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7. ● *अपने बच्चों की जरूरत से अधिक फिक्र ना करें....*
*उन्हें अपना मार्ग स्वयं खोजने दें....*
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8. *अपना भविष्य उन्हें स्वयं बनाने दें। उनकी इच्छाओं, आकांक्षाओं और सपनो के गुलाम आप ना बनें....*
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9. ● *बच्चों को प्रेम करें, उनकी परवरिश करें, उन्हें भेंट वस्तुएं भी दें, लेकिन कुछ आवश्यक खर्च स्वयं अपनी आकांक्षाओं पर भी अवश्य करें....*
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10. ● *जन्म से लेकर मृत्यु तक सिर्फ कष्ट करते रहना ही जीवन नहीं है।*
*यह ध्यान रखें....*
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11. ● *आप ६ दशक पूरे कर चुके है,*
*अब जीवन और आरोग्य से खिलवाड़ करके पैसे कमाना अनुचित है, क्योंकि अब इसके बाद पैसे खर्च करके भी आप आरोग्य खरीद नही सकते....*
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12. ● *इस आयु में दो प्रश्न महत्वपूर्ण है: पैसा कमाने का कार्य कब बन्द करें, और कितने पैसे से अब बचा हुआ जीवन सुरक्षित रूप से कट जाएगा....*
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13. ● *आपके पास यदि हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन भी हो, तो भी पेट भरने के लिए कितना अनाज चाहिए_? आपके पास अनेक मकान हों, तो भी रात में सोने के लिए एक ही कमरा चाहिए....*
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14. ● *एक दिन बिना आनंद के बीते तो, आपने जीवन का एक दिन गवाँ दिया और एक दिन आनंद में बीता तो एक दिन आपने कमा लिया है, यह ध्यान में रखें....*
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15. ● *एक और बात: यदि आप खिलाड़ी प्रवृत्ति के और खुश-मिजाज हैं तो बीमार होने पर भी बहुत जल्द स्वस्थ्य होंगे और यदि सदा प्रफुल्लित रहते हैं, तो कभी बीमार ही नही होंगे....*
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16. ● *सबसे महत्व-पूर्ण यह है कि अपने आसपास जो भी अच्छाई है, शुभ है, उदात्त है, उसका आनंद लें और उसे संभाल- कर रखें....*
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17. ● *अपने मित्रों को कभी न भूलें। उनसे हमेशा अच्छे संबंध बनाकर रखें। अगर इसमें सफल हुए तो हमेशा दिल से युवा रहेंगे और सबके चेहते रहेंगे....*
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18. ● *मित्र न हो, तो अकेले पड़ जाएंगे और यह अकेलापन बहुत भारी पड़ेगा....*
......................................................
19. ● *इसलिए रोज व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क में रहें, हँसते-हँसाते रहें, एक दूसरे की तारीफ करें.... जितनी आयु बची है, उतनी आनंद में व्यतीत करें....*
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20. ● *प्रेम व स्नेह मधुर है, उसकी लज्जत का आनंद लें....*
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21. ● *क्रोध घातक है। उसे हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दें....*
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22.● *संकट क्षणिक होते हैं, उनका सामना करें....*
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23. ● *पर्वत-शिखर के परे जाकर सूर्य वापिस आ जाता है, लेकिन दिल से दूर गए हुए प्रियजन वापिस नही आते....*
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24. ● *रिश्तों को संभालकर रखें, सभी में आदर और प्रेम बाँटें। जीवन तो क्षणभंगुर है, कब खत्म होगा, पता भी नही चलेगा। इसलिए आनंद दें,आनंद लें....*
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25. *दोस्ती और दोस्त संभाल कर रखें....*
...............................................
26. *जितना हो सके उतने “गैट-टूगेदर*
*(Get-together) करते रहे....*
धन्यवाद।
रविवार, 30 अक्तूबर 2022
शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2022
धर्म विरोध, विदेशों से
🔥 *अमेरिकी यूनिवर्सिटी हावर्ड से धर्म विरोधी आक्रमण*..
https://youtu.be/ArrPoX1DPks
👆👆👆👆👆👆👆👆
👉 *सुपर इंडिया न्यूज़ टीवी का अब तक का सबसे🔥 ज्वलंत समाचार*
👉 *भारत विरोधी बौद्धिक आक्रमण*
👉 *क्योंकि हावर्ड यूनिवर्सिटी झांसी संस्थाओं से होने वाला बौद्धिक प्रहार हमारे संपूर्ण अस्तित्व को चुनौती देता है,, इसलिए हमें उसका प्रतिकार करना ही होगा*
👉 *भारत पर आक्रमण तो हमेशा से होते रहे हैं!! पहले उत्तर पश्चिम सीमा से आक्रमणकारी आते थे बाद में समुद्री मार्ग से आए और कालांतर में यही अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया!! हिमालय पर्वत श्रंखला से हम उत्तरी सीमा को सुरक्षित समझते थे,, किंतु चीन ने उसे भी पार करके 1962 में हमला किया!! ऐसे हमलों से इतर वर्तमान में भारत पर एक ऐसा आक्रमण हो रहा है,, जिससे न केवल अधिकांश जनता बल्कि हमारे शासक भी अनभिज्ञ से हैं!! यह आक्रमण बौद्धिक स्तर पर हो रहा है,, जिसका लक्ष्य भारत की सभ्यता और संस्कृति पर ऐसे प्रहार करना है कि यह मूल रूप से नष्ट हो जाए !! इस आक्रमण का केंद्र बिंदु अमेरिका की विख्यात हावर्ड यूनिवर्सिटी है!! हावर्ड के कुछ विद्वानों ने एक नया दर्शन प्रतिपादित किया है!! जिसे क्रिटिकल रेस थ्योरी यानी सीआरटी का नाम दिया गया है!! इसके अनुसार वर्तमान व्यवस्था दूषित हो चुकी है और समाज में जो भी अन्याय- शोषण हैं,, यह इसी कारण हो रहा है !! भारत के संदर्भ में इसके अनुसार हिंदू धर्म को नष्ट कर देना चाहिए,, क्योंकि यह जाति व्यवस्था पर आधारित है,, जिसमें 1 वर्ग दूसरे वर्ग का शोषण करता है!! इसमें हमारी परिवारिक व्यवस्था पर भी सवाल उठाए गए हैं!! इस दर्शन को मानने वालों के अनुसार यह व्यवस्था पुरुष प्रधान हैं,, जिस कारण महिलाओं का उत्पीड़न और शोषण होता है!! हमारे धर्म गुरु बेकार हैं!! उन्हें अपदस्थ किया जाना चाहिए,, क्योंकि उनके विरुद्ध समय-समय पर शिकायतें मिलती रहती है!! संस्कृत भाषा को त्याग देना चाहिए,, क्योंकि यह मर चुकी है !! हिंदू त्योहारों का कोई औचित्य नहीं !! उन्हें पानी की बर्बादी से लेकर प्रदूषण तक होता है!! वेदों के बारे में कहा गया है कि उनमें जो लिखा है,, वही हिंदू धर्म की कमजोरी अन्याय और शोषण का आधार है !! इसलिए उनका पठन-पाठन बंद कर दिया जाना चाहिए*!!
👉 *संक्षेप में कहें तो इस सिद्धांत का सार यही है कि हिंदू सभ्यता और हिंदू संस्कृति का विनाश समाज के हित में है और बुद्धिजीवियों को इसी दिशा में काम करना चाहिए!! दुष्प्रचार का ऐसा प्रहार कई वर्षों से जारी है!! इसका प्रतिकार करने के लिए हमें राजीव मल्होत्रा और विजया विश्वनाथन का कृतज्ञ होना पड़ेगा,, उन्होंने अपनी पुस्तक "स्नेकस इन द गंगा" में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं!! यह पुस्तक गहन शोध और अकाट्य तथ्यो के आधार पर लिखी गई है!! पुस्तक पढ़ने के बाद पहला सवाल यही कौधा कि क्या वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने उन बिंदुओं को लेकर भारत सरकार को अवगत कराया था,, जिनका पुस्तक में उल्लेख है. ❓ मुझे बताया गया कि ऐसी कोई चेतावनी नहीं आई थी !! आखिर हमारे दूतावासों के अधिकारी क्या करते रहते हैं.. ❓ भारत की सभ्यता और संस्कृति पर हावर्ड से इतना बड़ा प्रहार होता है और उसके बारे में भी सरकार को कुछ नहीं बताते... ❓ क्या खुफिया एजेंसी "रा" ने इस संबंध में कोई रिपोर्ट भेजी थी.. ❓ यदि हां,, तो उस पर क्या कार्रवाई हुई और यदि नहीं तो उनकी भी जवाबदेही होनी चाहिए*!!
👉 *अफसोस की बात यह है कि इस बौद्धिक प्रहार के पीछे हावर्ड में कार्यरत कई भारतीय भी हैं!! उनमें से एक है प्रोफेसर अजंता सुब्रमण्यम!! उन्होंने एक किताब लिखी है जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों यानी आईआईटी पर सवाल उठाया है!! उनके अनुसार यह संस्थान फैक्ट्री की तरह काम कर रहे हैं,, और जातीय असमानता को स्थायित्व दे रहे हैं,, इसीलिए इन्हें बंद कर दिया जाना चाहिए!! वास्तविकता तो यही है कि आईआईटी के छात्र अमेरिका सहित दुनिया भर के संस्थानों में छाए हुए हैं और जब उनसे प्रतिस्पर्धा नहीं हो पा रही तो उन्हें ही बंद कराने का दुष्प्रचार शुरू कर दिया गया !! कैनेडी स्कूल में सीनियर फेलो सूरज यगड़े हिंदू धर्म पर अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं!! थेनमोझी सौंदर्यराजन कई राज्यों में हिंदुओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज करा रही है!! उनके अनुसार हिंदुओं के विरुद्ध नक्सलवाद का आरोप बनता है*!!
👉 *मल्होत्रा के अनुसार हावर्ड यूनिवर्सिटी की घुसपैठ भारत के अधिकांश वर्गों में हो चुकी है !! सरकारी अधिकारी हावर्ड जाना बड़े गर्व की बात समझते हैं और वहां के ज्ञान को बिना सोचे - समझे निगल जाते हैं !! लगभग यही हाल मीडिया के कई प्रतिनिधियों का भी है!! उद्योग जगत के बड़े-बड़े दिग्गज हावर्ड को दान देकर स्वम को गौरवान्वित महसूस करते हैं!! अशोका यूनिवर्सिटी खुद को बड़े गर्व से "भारत का हावर्ड" कहलाती है!! दूसरी तरफ मोदी जी कहते हैं कि गुलामी के सारे निशानों को मिटा दिया जाए,, लेकिन दिमागी गुलामी से हम कब स्वतंत्र होंगे....*❓
👉 *मल्होत्रा और विश्वनाथन ने हावर्ड यूनिवर्सिटी को सांपों का घरौंदा बताया है!! दुर्भाग्य है इन सांपों को हम हिंदुस्तान में दूध पिला रहे हैं!! टाटा समूह ने हावर्ड को 5 करोड़ डालर दान में दिए हैं!! लक्ष्मी मित्तल समूह ने ढाई करोड़ डालर और महिंद्रा समूह ने एक करोड़ डालर!! इन दानवीर उसे पूछा जाए कि यदि उन्हें दान देना ही था तो क्या उस राशि का सदुपयोग सुनिश्चित किया... ❓ साथ ही यह भी कि आपने इतनी संपदा विदेशी संस्थानों को दी तो उसकी तुलना में भारतीय संस्थानों को कितना दान दिया है*......❓
👉 *हावर्ड के तथाकथित विद्वानों के अनुसार भारत की जाति व्यवस्था पश्चिम की नस्लीय व्यवस्था जैसी है!! उन्होंने भारत की उच्च जातियों की तुलना अमेरिका के श्वेत श्रेष्ठतावाद वाली ग्रंथि से की है और भारत के दलितों को अमेरिकी अश्वेतो के समकक्ष बताया है!! जाति और नस्ल को एक जैसा समझना दिमागी दिवालियापन का प्रतीक है!! दोनों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि एकदम अलग है,, परंतु अमेरिकी बुद्धिजीवी दोनों को एक तराजू पर तोलकर भारतीयों के अमेरिका में अस्तित्व को और विशेष तौर से हिंदुओं की पहचान समाप्त करना चाहते हैं!! हैरत की बात यह है कि यही बुद्धिजीवी इस्लाम को पीड़ित बताते हैं*!!
👉 *भारत सरकार को चाहिए कि इन खतरों की गंभीरता का उचित आकलन कर उनसे निपटने की आवश्यक योजना बनाएं!! अमेरिका से होने वाला बौद्धिक प्रहार हमारे अस्तित्व को चुनौती देता है!! इस शास्त्रार्थ में भारत को पश्चिम की आसुरी शक्तियों को परास्त करना होगा*!!
👉 *केवल ज्वलंत 🔥मुद्दों पर समाचार, सुपर इंडिया न्यूज़ टीवी की अनोखी पहल*
सुपर इंडिया न्यूज़ टीवी की ब्रेकिंग न्यूज़ में आपका स्वागत है मैं हूं सहारनपुर ब्यूरो चीफ व न्यूज़ एंकर राजेश आर्य, आपके बीच में ज्वलंत मुद्दों पर समाचार लेकर आता हूं, कृपया मेरे चैनल को शेयर लाइक एंड बैल 🔔आइकन दबाकर सब्सक्राइब जरूर करें, ताकि आपको अगले समाचारों का नोटिफिकेशन मिलता रहे, समाचारों विज्ञापनों के लिए संपर्क करें 9368 771792 पर *यदि आपके फोन में लिंक नहीं खुल रहा है तो सुपर इंडिया न्यूज़ टीवी के नाम से 93687 71792 नंबर फीड करें*
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साभार
सिर्फ आलोचना ठीक नहीं
*"हिजड़ों ने भाषण दिए लिंग-बोध पर,*
*वेश्याओं ने कविता पढ़ी आत्म-शोध पर"।*
*महिलाओं का दैहिक शोषण करने वाले नेता ने भाषण दिया नारी अस्मिता पर।*
*भ्रष्ट अधिकारियों ने शुचिता और पारदर्शिता पर उद्बोधन दिया विश्वविद्यालय मैं कभी ना पढ़ाने वाले प्रोफेसर कर्म योग पर व्याख्यान दे रहे हैं।*
असल मे दोष इनका नहीं है।
*इस देश की प्रजा प्रधानमंत्री को मंदिर में पूजा करते देखने की आदी नहीं है।*
*इस देश ने एडविना माउंटबेटन की कमर में हाथ डाल कर नाचते प्रधानमंत्री को देखा है।*
इस देश ने
*मजारों पर चादर चढ़ाते प्रधानमंत्री को देखा है।*
यह जनता *प्रधानमंत्री को*
*पार्टी अध्यक्ष के सामने नतमस्तक होते देखती आयी है। मंदिर में भगवान के समक्ष नतमस्तक प्रधानमंत्री को लोग कैसे सहन करें ?*
बिहार के *एक बिना अखबार के पत्रकार मंदिर से निकल कर सूर्य को प्रणाम करते प्रधानमंत्री का उपहास उड़ा रहे हैं।*
एक महान लेखक जिनका सबसे बड़ा प्रशंसक भी उनकी चार किताबों का नाम नहीं जानता,
*प्रधानमंत्री के भगवा चादर की आलोचना कर रहे हैं।*
एक कवियित्री जो अपनी कविता से अधिक मंच पर चढ़ने के पूर्व सवा घण्टे तक मेकप करने के लिए जानी जाती हैं, *प्रधानमंत्री के पहाड़ी परिधान की आलोचना कर रही हैं।*
भारत के इतिहास में आलोचना कभी इतनी निर्लज्ज नहीं रही, ना ही बुद्धिजीविता इतनी लज्जाहीन हुई कि
*गांधीवाद के स्वघोषित योद्धा भी*
*बंगाल की हिंसा के लिए ममता बनर्जी का समर्थन करें।*
क्या कोई व्यक्ति इतना हताश हो सकता है कि किसी की पूजा की आलोचना करे ?
*क्या इस देश का प्रधानमंत्री अपनी आस्था के अनुसार ईश्वर की आराधना भी नहीं कर सकता ?*
क्या बनाना चाहते हैं देश को आप ?
*सेक्युलरिज्म की यही परिभाषा गढ़ी है आपने ?*
एक हिन्दू नेता का टोपी पहनना उतना ही बड़ा ढोंग है, जितना किसी ईसाई का तिलक लगाना।
लेकिन जो लोग इस ढोंग को भी बर्दाश्त कर लेते हैं, उनसे भी
*प्रधानमंत्री की शिव आराधना बर्दाश्त नहीं हो रही।*
संविधान की प्रस्तावना में वर्णित
*"धर्म, आस्था और विश्वास की स्वतंत्रता" का*
*यही मूल्य है आपकी दृष्टि में ?*
व्यक्ति विरोध में अंधे हो चुके मूर्खों की यह टुकड़ी चाह कर भी नहीं समझ पा रही कि
*मोदी एक व्यक्ति भर हैं,*
*आज नहीं तो कल हार जाएगा*
*कल कोई और था,*
*कल कोई और आएगा।*
*देश न इंदिरा पर रुका था,*
*न मोदी पर रुकेगा।*
समय को इस बूढ़े से जो करवाना था वह करा चुका।
*मोदी ने भारतीय राजनीति की दिशा बदल दी है।*
मोदी ने *ईसाई पति की पत्नी से*
*महाकाल मंदिर में रुद्राभिषेक करवाया है.*
मोदी ने *मिश्रित DNA वाले इसाई को हिन्दू बाना धारण करने के लिए मजबूर कर दिया है।*
मोदी ने *ब्राम्हणिक वैदिक के विरोध मे राजनीतिक यात्रा शुरू करनेवाले से शिवार्चन करवाया है। मोदी ने रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले के पुत्र से राममंदिर का चक्कर लगवाया है।*
*हिन्दुओं में हिन्दुत्व की चेतना जगानेवाले*
*मोदी के बाद*
*अब वही आएगा*
जो *मोदी से भी बड़ा मोदी होगा।*
*"मोदी नाम केवलम"* का
जाप करने वाले *मूर्ख जन्मान्ध विरोधियों, अब मोदी आये न आये, तुम्हारे दिन कभी नहीं आएंगें।*
_*अब ऐसी कोई सरकार नहीं आएगी जो घर बैठा कर मलीदा खिलाये!*_
.
💐💐 *भारत बदल चुका है।* 💐💐
सोमवार, 17 अक्तूबर 2022
स्नान कब करें?
*स्नान कब और कैसे करें शास्त्रों के अनुसार-*
१. मुनि_स्नान=जो सुबह 4 से 5 के बीच किया जाता है।
२. देव_स्नान=जो सुबह 5 से 6 के बीच किया जाता है।
३. मानव_स्नान=जो सुबह 6 से 8 के बीच किया जाता है।
४. राक्षसी_स्नान=जो सुबह 8 के बाद किया जाता है।
१.मुनि स्नान सर्वोत्तम है।
२.देव स्नान उत्तम है।
३.मानव स्नान सामान्य है।
४.राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है।
▪️ *मुनि स्नान* ....👉🏻घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विद्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है।
▪️ *देव स्नान* ...👉🏻 आप के जीवन में यश , कीर्ती , धन, वैभव, सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है।
▪️ *मानव स्नान*....👉🏻काम में सफलता ,भाग्य, अच्छे कर्मों की सूझ, परिवार में एकता, मंगलमय , प्रदान करता है।
▪️ *राक्षसी स्नान*...👉🏻 दरिद्रता , हानि , क्लेश ,धन हानि, परेशानी, प्रदान करता है ।
किसी भी मनुष्य को 8 बजे के बाद स्नान नहीं करना चाहिए, पुराने_जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे।
खास कर जो घर की स्त्री होती थी, चाहे वो स्त्री माँ के रूप में हो, पत्नी के रूप में हो, बहन के रूप में हो।
ऐसा करने से धन, वैभव_लक्ष्मी, आप के घर में सदैव वास करती है।
उस समय...... एक मात्र व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा भरा परिवार पल जाता था, और आज परिवार में चार सदस्य भी कमाते हैं तो भी पूरा नहीं होता, उस की वजह हम खुद ही हैं।
*पाँच जगह हँसना करोड़ों पाप के बराबर है*
श्मशान में,अर्थी के पीछे,शोक में,मन्दिर में,कथा में
अकेले हो?==परमात्मा को याद करो ।
परेशान हो?==ग्रँथ पढ़ो ।
उदास हो?==कथाएं पढ़ो।
टेन्शन में हो?==भगवत् गीता पढ़ो ।
*क्या आप जानते हैं ?*
हिन्दू ग्रंथ रामायण, गीता, आदि को सुनने,पढ़ने से #कन्सर नहीं होता है बल्कि कैन्सर अगर हो तो वो भी खत्म हो जाता है।
व्रत,उपवास करने से तेज बढ़ता है, सरदर्द और बाल गिरने से बचाव होता है ।
आरती----के दौरान ताली बजाने से दिल मजबूत होता है....
"जय श्री राम" 🚩्
रविवार, 16 अक्तूबर 2022
शनिवार, 15 अक्तूबर 2022
सनातन विरोधी खड़गे
दलित नेता और लोकसभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा में जमकर ड्रामा किया और पीएम के सामने रो पड़े थे ।
उन्होंने कहा, इस देश में, कृपया दलितों को जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े आवंटित करें , जिससे वे अपनी झोपड़ियां बना सकें और एक सम्मानजनक जीवन जी सकें!"
उसी स्थान पर 15 मिनट के भीतर ही पीएम ने दिखाया मल्लिकार्जुन खड़गे की संपत्ति का विवरण!
उनके पास बंगलौर में बन्नेरुघाट रोड पर 500 करोड़ रुपये का एक बड़ा परिसर है।चिकमंगलोर में उनका 300 एकड़ का कॉफी बागान है ।
इसी जिले में उनका 50 करोड़ ₹ मूल्य का घर भी है ।
केंगेरी में उनके पास 40 एकड़ का फार्म हाउस है।
एम.एस.रामय्या कॉलेज के पास, उनके पास 25 करोड़ की एक इमारत है।
आर टी नगर, बैंगलोर में एक और बंगला है ।
बल्लारी रोड पर 17 एकड़ जमीन है ।
इंदिरा नगर में तीन मंजिल की इमारत है ।
बैंगलोर में सदाशिव नगर में दो अतिरिक्त बंगले हैं ।
इसके अलावा, उनके और उनके रिश्तेदारों के पास मैसूर, गुलबर्गा, चेन्नई, गोवा, पूना, नागपुर, मुंबई और दिल्ली में कई रियल एस्टेट संपत्तियां हैं।
यह हमारे देश में दलित अवधारणा की विडंबना है कि दलितों में कुछ खास लोगों ने अधिकांश हिस्सा हड़प लिया है और सार्वजनिक मंचों पर दलित के लिये मगरमच्छी आँसू बहाकर खुद को दलितों के मसीहा साबित करते हैं।
यह संदेश भारत के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिये फलस्वरूप दलित और गैर-दलित गरीब भारतीयों को न्याय के लिए लड़ने की प्रेरणा मिले।।
वाह कैसे दलित हैं ये कांग्रेसी।
खड़गे ने अपने भाषण में कहा था की मोदी को आने से रोको, यदि यह आ गया तो देश मे सनातन धर्म छा जाएगा। ऐसी मानसिकता है कांग्रेस और कांग्रेसियों की।
साभार
सरकारी प्राइमरी स्कूल
बेहताशा सेलरी,पढ़ाना आता नहीं
देश में कई राज्यों के प्राइमरी सरकारी स्कूलों में बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। इन सरकारी स्कूलों पढ़ाने वाले शिक्षकों का यह हाल है की खुद से ही नही पढ़ सकते बच्चों को क्या पढ़ायेंगे।
इन स्कूलों के शिक्षकों की बेहताशा सैलरी होने के बाद भी योग्यता ज़ीरो है। पता नहीं कैसे इनका चयन हो जाता है। वैसे तो इनका चयन भ्र्ष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है। लेकिन यही तक भी बात खत्म नहीं होती। कहीं -कहीं तो शिक्षकों की डिग्री भी फर्जी होती है और कहीं-कहीं तो यह हाल है की नियुक्ति किसी की हुई पढ़ा रहा अन्य कोई है। ऐसा इसलिये हो रहा है की जिस शिक्षक की नियुक्ति हुई उसने अपनी जगह बहुत कम पैसे पर अन्य किसी को पढ़ाने का जिम्मा दे दिया होता है। ऐसा स्कूल के हेडमास्टर की मिलीभगत से होता है।
सरकारी प्राइमरी स्कूल के शिक्षक की सैलरी लगभग 50 हज़ार के करीब होती है। जबकि प्राइवेट स्कूल के शिक्षक की सैलरी 5 से 10 हज़ार ही होती है। प्राइवेट स्कूलों में कम सैलरी में भी अच्छी पढ़ाई कराई जाती है जबकि सरकारी स्कूल के शिक्षक बहुत से ऐसे हैं जिन्हें खुद से ही पढ़ना- पढ़ाना नहीं आता। ऐसे में वे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ही करते हैं। इसमें सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों का दोष ज्यादा है जो भारत की भावी पीढ़ी को अनपढ़ ही बना देना चाह रहे हैं। भ्र्ष्टाचार के कारण ही ऐसे सब कुछ हो रहा है। जनहित में यह बहुत चिंताजनक है।
सुनील जैन राना
सोमवार, 10 अक्तूबर 2022
शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2022
सीनियर सिटीजन से बेरुखी
क्या सीनियर सिटीजन होना गुनाह है ?
भारत में 70 वर्ष की आयु के बाद वरिष्ठ नागरिक चिकित्सा बीमा के लिए पात्र नहीं हैं ।
इन्हें ई.एम.आई. पर ऋण नहीं मिलता है ।
ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिया जाता है ।
इन्हें आर्थिक आय हेतु कोई नौकरी नहीं दी जाती है ।
ये वृद्ध लोग दूसरों पर निर्भर रहते हैं ।
इन्होंने अपनी युवावस्था में सभी प्रकार के करों का भुगतान किया होता है ।
किंतु आय-विहीन सीनियर सिटीजन बनने के बाद भी इन्हें सारे टैक्स चुकाने पड़ते हैं ।
भारत में वरिष्ठ नागरिकों के जीवन-यापन के लिए कोई योजना नहीं है ।
आय-विहीन वृद्धजनों के लिए रेल यात्रा के किराए में मिलने वाली 50% छूट भी बंद कर दी गई है ।
दुःख तो इस बात है कि राजनीति में जितने भी वरिष्ठ नागरिक हैं, चाहे MLA हों या MP हों या Ministers हों,उन्हें सब कुछ मिलेगा और पेंशन भी लेकिन हम सिनीअर सिटीज़न पूरी जिंदगी भर सरकार को कई तरह के टैक्स देने के बाद भी बुढ़ापे में पेंशन से वंचित रहते हैं ।
सोचिए यदि किसी भी कारण से औलाद इन वृद्ध जनों की सेवा नहीं कर पाती तो बुढ़ापे में ये बेरोजगार, आय विहीन
वृद्धजन कहां जायेंगे ?
यह अत्यंत भयानक और पीड़ा दायक बात है ।
वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल कौन करेगा ?
वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में उन पर आई किसी भी प्रकार की परेशानी से उन्हे बचाने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया गया है ।
सरकार यह ये महसूस क्यों नहीं करती कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक योजना आवश्यक है ।
इसके विपरीत बैंक भी ब्याज दर घटाकर वरिष्ठ नागरिकों की आय कम कर रहा है ।
एक भारतीय वरिष्ठ नागरिक होना अब गुनाह लगता है...!
यदि आप सोशल मीडिया से जुड़े हैं तो आइए वरिष्ठ नागरिकों की आवाज में
अपनी आवाज मिला कर सरकार के कानों तक पहुंचाएं ।
कृपया इस जानकारी को वरिष्ठ नागरिकों के प्रति जागरूकता के लिए साझा करें ।
वरिष्ठ नागरिक इस अनसुनी आवाज को इतना जोर से सुनना चाहते हैं कि ये एक जन आंदोलन का रूप ले सके ।
हम सभी को वरिष्ठ नागरिकों के हक में अपने मित्रों के साथ साझा करना चाहिए। 🙏🏻
सोमवार, 3 अक्तूबर 2022
पुरानी बातें भूले हम
*गाँव बेचकर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है।*
*जीवन के उल्लास बेच के, खरीदी हमने तन्हाई है।*
*👉🏻बेचा है ईमान धरम तब, घर में शानो शौकत आई है।*
*संतोष बेच, तृष्णा खरीदी, देखो कितनी मंहगाई है।।*
*बीघा बेच स्कवायर फीट खरीदा, ये कैसी सौदाई है।*
*संयुक्त परिवार के वट वृक्ष से टूटी, ये पीढ़ी मुरझाई है।।*
*👉🏻रिश्तों में है भरी चालाकी, हर बात में दिखती चतुराई है।*
*कहीं गुम हो गई मिठास, जीवन से, हर जगह कड़वाहट भर आई है।।*
*रस्सी की बुनी खाट बेच दी, मैट्रेस ने जगह बनाई है*।
*अचार, मुरब्बे को धकेल कर, शो केस में सजी दवाई है।।*
*माटी की सोंधी महक बेच के, रुम स्प्रे की खुशबू पाई है।*
*मिट्टी का चुल्हा बेच दिया, आज गैस पे बेस्वाद सी खीर बनाई है।।*
*पांच पैसे का लेमनचूस बेचा, तब कैडबरी हमने पाई है।*
👉🏻 *बेच दिया भोलापन अपना, फिर मक्कारी पाई है।।*
*सैलून में अब बाल कट रहे, कहाँ घूमता घर- घर नाई है।*
*दोपहर में अम्मा के संग, गप्प मारने क्या कोई आती चाची ताई है।।*
*मलाई बरफ के गोले बिक गये, तब कोक की बोतल आई है।*
*मिट्टी के कितने घड़े बिक गये, तब फ्रिज में ठंढक आई है ।।*
*खपरैल बेच फॉल्स सीलिंग खरीदा, हमने अपनी नींद उड़ाई है।*
*बरकत के कई दीये बुझा कर, रौशनी बल्बों में आई है।।*
*गोबर से लिपे फर्श बेच दिये, तब टाईल्स में चमक आई है।*
*देहरी से गौ माता बेची, फिर संग लेटे कुत्ते ने पूँछ हिलाई है ।।*
👉🏻 *बेच दिये संस्कार सभी, और खरीदी हमने बेहयाई है।*
*ब्लड प्रेशर, शुगर ने तो अब, हर घर में ली अंगड़ाई है।।*
*दादी नानी की कहानियां हुईं झूठी, वेब सीरीज ने जगह बनाई है।*
*बहुत तनाव है जीवन में, ये कह के दो पैग लगाई है।।*
*👉🏻खोखले हुए हैं रिश्ते सारे, नहीं बची उनमें सच्चाई है।।*
👉🏻 *चमक रहे हैं बदन सभी के, दिल पे जमी गहरी काई है।*
*गाँव बेच कर शहर खरीदा, कीमत बड़ी चुकाई है।।*
*जीवन के उल्लास बेच के, खरीदी हमने तन्हाई है।
ज़मीन किसकी ?
वक्फ बोर्ड की बढ़ती बेहताशा सम्पत्ति
- देश इस रास्ते पर है कि वक्फ बोर्ड में सभी 7 सदस्य मुस्लिम होंगे । जबकि हिन्दू मंदिर का ट्रस्ट सरकारी होगा उसके सदस्य भी गैर हिन्दू होंगे | वक्फ बोर्ड की संपत्ति मुस्लिम समाज की होगी और मुस्लिम समाज गजवा ए हिंद के लिए वो संपत्ति खर्च करेगा लेकिन हिन्दू मंदिरों की संपत्ति सरकारी होगी और हिन्दू मंदिरों का पैसा हिन्दू मंदिरों, हिन्दू समाज पर नहीं बल्कि ईसाई और मुस्लिम समाज पर सरकारी योजनाओं के माध्यम से खर्च होगा |
- *वक्फ बोर्ड ने इतनी जमीन कब्जा कर ली है कि खुद को छोटा देश घोषित कर सकता है ! भारत की सेना के पास करीब 18 लाख एकड़ जमीन है रेलवे के पास करीब 12 लाख एकड़ में फैली हैं । और देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन हैं ।* *मतलब जमीन के मामले में वक्फ बोर्ड सेना और रेलवे के बाद तीसरे नंबर पर है । और यहां से जो पैसा आता है वो भारत में धर्मांतरण लव जिहाद के लिए इस्तेमाल होता है ।*
- 2009 में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां 4 लाख एकड़ जमीन पर फैली थी और *13 सालों में वक्फ बोर्ड की संपत्ति दोगुनी होकर 8 लाख एकड़ हो गई ।* दरअसल, वक्फ बोर्ड जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है । अवैध मजारों, नई-नई मस्जिदों की देश में बाढ़ आई हुई है। इन मजारों और आसपास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा अपने आप हो जाता है।
- नरसिम्हा राव के जमाने में बना 1995 का वक्फ एक्ट कहता है कि *अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो जमीन के कागज वक्फ बोर्ड को नहीं दिखाने हैं बल्कि ज़मीन का कागज उसे दिखाना है जिसकी जमीन वक्फ बोर्ड छीन रहा है ।* और पूर्वजों की जमीन के कागज अक्सर कई परिवारों के पास नहीं होते हैं । इसका फायदा वक्फ बोर्ड उठाता है ।
- *बड़ी बात है कि अगर आपकी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति बता दी गई तो आप उसके खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकते। आपको वक्फ बोर्ड से ही गुहार लगानी होगी।* वक्फ बोर्ड का फैसला आपके खिलाफ आया, तब भी आप कोर्ट नहीं जा सकते। *तब आप वक्फ ट्राइब्यूनल में जा सकते हैं जिसमें सारे मुस्लिम मेंबर ही होते हैं* । वक्फ एक्ट का सेक्शन 85 कहता है कि ट्राइब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती है । लेकिन इस कानून के खिलाफ अब वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने अर्जी लगाई है ।
- मोदी सरकार के दौरान भी वक्फ बोर्ड को मजबूत बना दिया । *सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने नियम बनाया कि अगर वक्फ की जमीन पर स्कूल, अस्पताल आदि बनते हैं तो पूरा खर्च सरकार का होगा । ये तब हुआ जब मुख्तार अब्बास नकवी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे । एक तरफ सरकार मंदिरों के पैसे लेती है, दूसरी तरफ वक्फ को अनुदान देती है।*
- 1947 में भारत के टुकड़े हो गए लेकिन बचे हुए भारत के इस्लामीकरण की प्रक्रिया नेहरू की मिलीभगत से दोबारा शुरू हो गई । *1950 में नेहरू-लियाकत समझौते के मुताबिक भारत छोड़कर पाकिस्तान गए मुसलमानों की ज़मीन को वक्फ़ की संपत्ति घोषित कर दिया गया । लेकिन पाकिस्तान से भारत आए हिंदुओं की ज़मीन पर पाकिस्तानी मुसलमानों ने कब्जा कर लिया ।*
-दुनिया के किसी इस्लामी देश में वक्फ बोर्ड नाम की कोई संस्था नहीं है। ये सिर्फ भारत में है जिसके संविधान के धर्मनिर्पेक्ष होने का दावा किया जाता है । वक्फ का मतलब होता है अल्लाह की संपत्ति और जो लोग वक्फ के मेंबर होते हैं उनको अल्लाह का खजांची कहा जाता है ।
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एक जमाना था... खुद ही स्कूल जाना पड़ता था क्योंकि साइकिल बस आदि से भेजने की रीत नहीं थी, स्कूल भेजने के बाद कुछ अच्छा बुरा होगा ऐसा हमारे म...