रविवार, 6 नवंबर 2022

पैदल चलना हितकर है

*_— किसी व्यक्ति की हड्डियों और माँसपेशियों का ५०% दोनों 👣 पैरों में होता है। इसलिए 🦵पैदल चलिए।_* *_— मानव शरीर की हड्डियों का सबसे बड़ा और सबसे मज़बूत जोड़ पैरों में होता है। इसलिए प्रतिदिन १० हज़ार कदम पैदल चलें।_* *_— मज़बूत हड्डियाँ, मज़बूत माँसपेशियाँ और लचकदार जोड़ों का “लौह त्रिकोण” 🦿 पैरों में होता है, जो पूरे शरीर 🧍‍♂️का बोझ ढोते हैं।_* *_— मनुष्य जीवन में ७०% गतिविधियाँ और ऊर्जा का क्षय दोनों पैरों 🕺 द्वारा किया जाता है।_* *_— जवान मनुष्य की जाँघें इतनी मज़बूत होती हैं कि ८०० किग्रा वजन 🚗 की एक छोटी कार को भी उठा सकती हैं।_* *_— शरीर के इंजन का केन्द्र पैर 🦶 में होता है।_* *_— दोनों पैरों 👣 में मिलाकर पूरे मानव शरीर 🧘‍♂️ की ५०% नाड़ियाँ होती हैं। उनमें होकर ५०% रक्त कोशिकाएँ ❤️‍🔥और ५०% रक्त 🪸 बहता है।_* *_— यह रक्त प्रवाह का सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसलिए प्रतिदिन पैदल 🚶‍♂️चलिए।_* *_— यदि पैर स्वस्थ होंगे, तो रक्त का प्रवाह सामान्य रहता है। इसलिए जिनके पैरों की माँसपेशियाँ मज़बूत हैं, उनका हृदय 🫀 भी मज़बूत होगा। इसलिए पैदल चलिए।_* *_— वृद्धावस्था पैरों से ऊपर की ओर शुरू होती है। उम्र बढ़ने पर मस्तिष्क 🧠 से पैरों को आने वाले निर्देशों की शुद्धता और गति कम होती जाती है। युवाओं में ऐसा नहीं होता। इसलिए पैदल 🚶‍♂️ चलिए।_* *_— उम्र बढ़ने पर हड्डियों की खाद कैल्शियम की मात्रा कम होती जाती है, जिससे हड्डियों में टूटन 🦿 होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए पैदल चलिए।_* *_— हड्डियों में टूटन होने पर अनेक शिकायतों का सिलसिला शुरू हो सकता है। इनमें विशेष रूप से घातक बीमारियाँ जैसे ब्रेन 🧠 थॉम्बोसिस शामिल हैं।_* *_— पैरों के व्यायाम करने में कभी देरी नहीं होती। ६० की उम्र 🧙‍♂️ के बाद भी ये व्यायाम शुरू किए जा सकते हैं।_* *_— यद्यपि हमारे पैर समय के साथ वृद्ध होंगे, लेकिन इनका व्यायाम जीवन भर करना चाहिए। प्रतिदिन दस हज़ार पग पैदल चलिए।_* *_— पैरों को लगातार मज़बूत करके ही कोई वृद्ध होने की गति कम कर सकता है। इसलिए साल में ३६५ दिन पैदल चलिए।_* *_— क्या आप जानते हैं कि वृद्ध रोगियों में १५% की मृत्यु जाँघ की हड्डी में टूटन होने पर एक साल के अन्दर हो जाती है? इसलिए बिना चूके मप्रतिदिन पैदल चलिए।_* *_— अपने पैरों के पर्याप्त व्यायाम के लिए और पैरों की माँसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम ३०-४० मिनट पैदल चलिए।_* हिंदू संस्कृति में इसीलिए पैदल तीर्थ यात्राओं का महत्व अधिक है इसलिए तीर्थ यात्राओं को पैदल ही करें तभी शारीरिक पुण्य फल अधिक मिलते हैं।

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