गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

श्री सम्मेद शिखर पवित्र तीर्थ घोषित हो

*श्रीमान, धी-मान बताएं आपकी नजर में जैन समाज क्या है ?* ■ *दुनिया में एक मात्र जैन समुदाय है जो -* *कभी अपने निजी स्वार्थ के लिए कोई बड़ा आंदोलन नहीं करता।* -जिसमें कभी ट्रैन रोकी जाती हों? कभी नहीं। - कभी सड़कें जाम की जाती हों? कभी नहीं। -कभी आगजनी, तोडफ़ोड़ की जाती हो? कभी नहीं। -कभी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता हो ? कभी नहीं। - कभी किसी की हिंसा तो छोड़ो कभी पुतले को भी जलाया जाता हो? कभी नहीं ? *इसका अर्थ स्पस्ट है -* *जैन समाज राष्ट्र निर्माण खासकर जीडीपी /कर भुगतान में सबसे बड़ा योगदान देने बाला अहिंसक, शांतिप्रिय समुदाय है।* *फिर भी हैरानी होती है जब-* *- सरकार में बैठे नुमाइंदे स्वयं इस समुदाय की जायज बात सुनने तैयार नहीं होते।* *- राजनीतिक स्तर पर अधिकांशतः कोई प्रतिनिधित्व नही दिया जाता। न संसद सदस्य न राज्य सभा सदस्य।* *- प्रशासनिक स्तर पर देने में सर्वथा पीछे रखा जाता है निगम, मण्डल, आयोग अध्यक्ष तो छोड़िए सदस्य भी कहीं नहीं, कहीं नहीं।* *बताएं श्री मान, धी मान ...* *विश्व के सबसे शांत समाज के सर्वाधिक पावन तीर्थ को आपको पर्यटन स्थल बनाने की सनक क्यों छूटी ?* *जैन श्रद्धालु इस पर्वत की पहली रजकण से ही जूते-चप्पल का तक त्याग कर स्नान कर, शुद्ध वस्त्रों में बिना खान-पान किये दर्शन बन्दन को जाते हैं। यह 20 तीर्थंकर एवम अनन्त साधुओं की की निर्वाण स्थली होने से हमारा पूज्य स्थल है इस पर्वत का हर कण पावन है इस पर आप क्या करना चाहते हैं ?* *- क्या सैर-सपाटे,मनोरंजक, आराम गाह स्थल निर्माण?* *- क्या फाइव स्टार होटल जिसमें मदिरालय भी होंगे ? जिसमें मांसाहार भोजनालय भी होंगे ? जिसमें और भी गलत कार्य होंगे ?* *- आपसे यह सब मांगा किसने ? आखिर आपको क्या सूझा जो पूज्य पावन स्थल को एसो-आराम एवम भ्रमण की जगह बनाने पर आप तुले हैं ???* *भारतीय संस्कृति में अटूट श्रद्धा रखने बाले जैन समाज की भावनाएं आहत करने की पीछे आखिर मंशा क्या है ?* *मत छेड़िये, इस अहिंसक, शांतिप्रिय समाज को।* *एक बार विचार करें, बहुत गम्भीरता से विचार करें एवम निर्णय लें इसे पर्यटक स्थल नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करें।* जय पार्श्वनाथ।

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