नोट बंदी के बाद अब सोना बंदी ?
October 30, 2019 • सुनील जैन राना
नोटबंदी के बाद अब मोदी सरकार सोना बंदी करने जा रही है। सूत्रों से पता चल रहा की की काले धन से सोना खरीदने वालो पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार बहुत बड़ा कदम उठाने जा रही है। जानकार बताते हैं की सरकार *गोल्ड एमनेस्टी स्कीम * लाने की तैयारी चल रही है। जिसमे अब जनता को अपने पास रखे सोने की जानकारी सरकार को देनी होगी। इस स्कीम में आम आदमी द्वारा घोषित किये गए सोने की कीमत वैल्यूशन सैंटर से लगवाकर रसीद लेनी होगी। तय मात्रा से अधिक सोने पर टैक्स देना होगा। तय मात्रा से ज्यादा सोने मिलने पर जुर्माना देना होगा। मंदिर और ट्रस्ट आदि के पास रखे सोने के लिए भी कोई नियम पारित किया जा सकता है। इस स्कीम के द्वारा सरकार देश भर में जनता के पास एवं लॉकरों में रखे अकूत सोने को अर्थ व्यवस्था में शामिल कर सरकारी योजनाओं को गति देकर जनहित में कार्य करना चाहती है।
यह सब तो ठीक है लेकिन क्या जनता इसे स्वीकार करेगी ?नोटबंदी की मार से अनेको उद्योग अभी तक भी उबरे नहीं हैं ऐसे में सोना बंदी करना सरकार के लिए हानिकारक हो सकता है। सवाल यह भी है की सरकार किस प्रकार की जनता के सोने की जांच करेगी ?आम जनता ,गरीब जनता ,मध्यम वर्ग वाली जनता ,अमीर जनता या सिर्फ टैक्स देने वाली जनता। लगता है सिर्फ टैक्स देने वाली जनता यह कानून लागू होने वाला है। लेकिन ऐसा होना भी आसान नहीं है। किसके पास कितना सोना ,कितना पुराना सोना ,कितना नया सोना ,सोना किस प्रकार का ,डली -बिस्कुट या जेवर अड्डी अनेक पहलू इसमें बाधा बनेंगे।
मोदीजी देश में से काला धन खत्म करना या जब्त करना चाह रहे हैं। लेकिन भारत देश में क्या यह सम्भव है ?जहां आम आदमी -व्यापारी को जुगाड़ और सुविधाशुल्क से कार्य करने कराने की आदत पड़ी हो वहां सच्चाई से कैसे कार्य होगा ?कोई ठीक से कार्य करना भी चाहे तो इतने कड़े नियम -कानून हैं जिसकी पूर्ति बिना लिए -दिए होती नहीं। भ्र्ष्टाचार सभी का मूलभूत अधिकार सा बन गया है। नोटबंदी में सभी के नोट बदले गये, इसमें क्या भ्र्ष्टाचार नहीं हुआ ?जनहित में जनता से सोने के बारे में पूछने से ज्यादा कारगर अवैध प्रॉपर्टी कानून पर सख्ती से कार्यवाही होती। सोना तो आम मध्यम आदमी के जिंदगी की कमाई का हो सकता है जिसे वह सुख -दुःख में काम में लाता है। प्रॉपर्टी तो सिर्फ बड़े आदमियों पर ही होती है वैध भी अवैध भी। सोना तो छुपाकर रहा जा सकता है लेकिन प्रॉपर्टी तो दिखाई देती है। दिल्ली -गुरुग्राम में ही एक -एक प्रॉपर्टी करोड़ो -अरबों की होती है। ऐसे में पहले सरकार इन पर कार्यवाही कर राजस्व वसूले या प्रॉपर्टी जब्त करे। सोना तो जिनके पास है उनका पकड़ा नहीं जायेगा और आम टैक्स देने वाला परेशान हो जायेगा। इसलिए सरकार को सोनाबन्दी नहीं प्रॉपर्टी बंदी करनी चाहिए। *सुनील जैन राना *
यह सब तो ठीक है लेकिन क्या जनता इसे स्वीकार करेगी ?नोटबंदी की मार से अनेको उद्योग अभी तक भी उबरे नहीं हैं ऐसे में सोना बंदी करना सरकार के लिए हानिकारक हो सकता है। सवाल यह भी है की सरकार किस प्रकार की जनता के सोने की जांच करेगी ?आम जनता ,गरीब जनता ,मध्यम वर्ग वाली जनता ,अमीर जनता या सिर्फ टैक्स देने वाली जनता। लगता है सिर्फ टैक्स देने वाली जनता यह कानून लागू होने वाला है। लेकिन ऐसा होना भी आसान नहीं है। किसके पास कितना सोना ,कितना पुराना सोना ,कितना नया सोना ,सोना किस प्रकार का ,डली -बिस्कुट या जेवर अड्डी अनेक पहलू इसमें बाधा बनेंगे।
मोदीजी देश में से काला धन खत्म करना या जब्त करना चाह रहे हैं। लेकिन भारत देश में क्या यह सम्भव है ?जहां आम आदमी -व्यापारी को जुगाड़ और सुविधाशुल्क से कार्य करने कराने की आदत पड़ी हो वहां सच्चाई से कैसे कार्य होगा ?कोई ठीक से कार्य करना भी चाहे तो इतने कड़े नियम -कानून हैं जिसकी पूर्ति बिना लिए -दिए होती नहीं। भ्र्ष्टाचार सभी का मूलभूत अधिकार सा बन गया है। नोटबंदी में सभी के नोट बदले गये, इसमें क्या भ्र्ष्टाचार नहीं हुआ ?जनहित में जनता से सोने के बारे में पूछने से ज्यादा कारगर अवैध प्रॉपर्टी कानून पर सख्ती से कार्यवाही होती। सोना तो आम मध्यम आदमी के जिंदगी की कमाई का हो सकता है जिसे वह सुख -दुःख में काम में लाता है। प्रॉपर्टी तो सिर्फ बड़े आदमियों पर ही होती है वैध भी अवैध भी। सोना तो छुपाकर रहा जा सकता है लेकिन प्रॉपर्टी तो दिखाई देती है। दिल्ली -गुरुग्राम में ही एक -एक प्रॉपर्टी करोड़ो -अरबों की होती है। ऐसे में पहले सरकार इन पर कार्यवाही कर राजस्व वसूले या प्रॉपर्टी जब्त करे। सोना तो जिनके पास है उनका पकड़ा नहीं जायेगा और आम टैक्स देने वाला परेशान हो जायेगा। इसलिए सरकार को सोनाबन्दी नहीं प्रॉपर्टी बंदी करनी चाहिए। *सुनील जैन राना *
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