देश में बुलेट -तेजस जरूरी या साधारण रेल
October 23, 2019 • सुनील जैन राना
भारत देश आगे बढ़ रहा है। देश में सभी मोर्चो पर सुधार के कार्य चल रहे हैं। रेलवे में भी अनेक कार्य सुधार समेत तकनीकी कार्य हो रहे हैं। हाल ही में दिल्ली -लखनऊ के लिए तेजस ट्रेन चलाई गई। बहुत सुंदर -फ़ास्ट और सुविधाजनक सीटों वाली इस रेल को सभी ने पसंद किया। अब भारत में भी विदेशो की तर्ज पर रेल बन रही हैं जो प्रत्येक दृस्टि से सही हैं। इससे पहले मोदीजी ने देश में बुलेट ट्रेन चलने की बात कही थी जिसे विरोधियों ने जुमला करार दिया था। लेकिन रेल में विकास की रफ्तार देखते हुए बुलेट ट्रेन भी सम्भव है। लेकिन इस पर होने वाला भारी भरकम खर्च अभी देशहित में नहीं है। क्योकि बुलेट ट्रेन चलाने के लिए नई रेल लाइन की जरूरत होगी ,साथ ही मजबूती और रास्ते की रुकावटों को ध्यान में रखना होगा जो अभी सम्भव नहीं लगता।
भारत की बढ़ती आबादी को देखते हुए अभी बुलेट व तेजस से ज्यादा जरूरी हैं ट्रेनों की संख्या बढ़ाना ,ट्रेनों में सुधार होना ,रेल के डब्बो की संख्या बढ़ाना ,बिना फाटक के क्रॉसिंग पर फाटक बनाना ,रेल में खाने की क्वालिटी में सुधार करना ,एसी डब्बो में से चुहिया -कॉकरोच का निराकरण करना ,ट्रेनों की लेटलतीफ़ी को नियमित करना आदि अनेको सुधार की अभी भी और जरूरत है। बुलेट ट्रेन या तेजस ट्रेन भी भारत की शान बने यह अच्छी बात है लेकिन अभी भारत में ऐसी ट्रेन में बैठने वाले और इतना खर्च करनेवालो की बहुत कमी है। तेजस ट्रेन का दिल्ली -लखनऊ किराया लगभग ४३०० रूपये बताया जा रहा है। जो इतनी दुरी के हवाईजहाज के किराये से भी अधिक है। ऐसे में सिर्फ कुछ ही लोगो के लिए इतना भरी भरकम खर्च करना शायद देशहित में नहीं है। अभी देश की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए साधारण लेकिन सुंदर -उपयोगी एक्सप्रेस ट्रेनों की जरूरत ज्यादा है।
*सुनील जैन राना *
भारत की बढ़ती आबादी को देखते हुए अभी बुलेट व तेजस से ज्यादा जरूरी हैं ट्रेनों की संख्या बढ़ाना ,ट्रेनों में सुधार होना ,रेल के डब्बो की संख्या बढ़ाना ,बिना फाटक के क्रॉसिंग पर फाटक बनाना ,रेल में खाने की क्वालिटी में सुधार करना ,एसी डब्बो में से चुहिया -कॉकरोच का निराकरण करना ,ट्रेनों की लेटलतीफ़ी को नियमित करना आदि अनेको सुधार की अभी भी और जरूरत है। बुलेट ट्रेन या तेजस ट्रेन भी भारत की शान बने यह अच्छी बात है लेकिन अभी भारत में ऐसी ट्रेन में बैठने वाले और इतना खर्च करनेवालो की बहुत कमी है। तेजस ट्रेन का दिल्ली -लखनऊ किराया लगभग ४३०० रूपये बताया जा रहा है। जो इतनी दुरी के हवाईजहाज के किराये से भी अधिक है। ऐसे में सिर्फ कुछ ही लोगो के लिए इतना भरी भरकम खर्च करना शायद देशहित में नहीं है। अभी देश की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए साधारण लेकिन सुंदर -उपयोगी एक्सप्रेस ट्रेनों की जरूरत ज्यादा है।
*सुनील जैन राना *
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