सौ रूपये में पॉल्यूशन मुक्त हो जाता है वाहन ?
October 9, 2019 • सुनील जैन राना
यह मेरा भारत महान है जिसमें अनोखे -अनोखे होते हैं काम। माननीय गडकरी जी ने विदेशो की तर्ज पर भारत में भी सड़को पर चलने वाले वाहनों के नियम सख्त कर दिए हैं। नियमो की पूर्ति न होने पर जुर्माने की राशि में भी बेहताशा बढ़ोतरी कर दी है। यह सब तो ठीक है लेकिन सरकारी खामियों को दूर करने या जनता को दी जाने वाली सुहलियतो की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। यहां तक की पुलिस वालो की ज्यादती -मारपीट पर भी कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा।
सड़को की हालत ठीक नहीं है ,RTO विभाग में भ्र्ष्टाचार व्याप्त है ,आम आदमी का कार्य मुश्किल से ही हो पाता है। ऐसे में एक नै बात जो अब तक चार पहियाँ वाहनों के लिए ही होती थी अब दो पहियाँ वाहन पर भी लागू कर दी गई है वो है पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का अनिवार्य होना। इसमें भी झंझट यह की यदि उत्तर प्रदेश में पॉलुशन सर्टिफिकेट छ माह के लिए बना है तो वह दिल्ली में सिर्फ तीन माह के लिए ही मान्य होगा। क्या नादिरशाही फरमान है यह ?इसे बदलना ही चाहिए ,देश के सभी राज्यों में समान रूप से समान समय की मान्यता होनी चाहिए।
अब इसमें भी यह बात समझ में नहीं आती की जब नए वाहनों के लिए पॉलुशन के नए नियम बना दिए गए हैं तो फिर नए सर्टिफिकेट की क्या जरूरत है ?जब BS -4 -5 -6 के नियम के हिसाब से इंजन बन रहे हैं तो पॉलुशन सर्टिफिकेट की क्या जरूरत रह जाती है ?पुराने वाहनों के लिए यह सर्टिफिकेट जरूरी किया जाना तो समझ में आता है लेकिन क्या उपभोक्ता को पेट्रोल -डीजल सही मिल रहा है ?देश में मिलावटी तेल के खेल से सभी परिचित हैं। मिलावटी तेल की धर पकड़ को कोई कार्यवाही नहीं हो रही। बस कभी -कभी किसी पेट्रोल पंप पर जांच कर इतिश्री कर लिया जाता है।
इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है की मात्र सौ रूपये में जनता का कैसा भी वाहन हो उसे पॉलुशन फ्री सर्टिफिकेट मिल जाता है। सड़को पर धुआँ छोड़ते ,पॉलुशन फ्री सर्टिफिकेट प्राप्त वाहन चलते मिल जाएंगे। फिर इस नियम का क्या औचित्य ? *सुनील जैन राना *
सड़को की हालत ठीक नहीं है ,RTO विभाग में भ्र्ष्टाचार व्याप्त है ,आम आदमी का कार्य मुश्किल से ही हो पाता है। ऐसे में एक नै बात जो अब तक चार पहियाँ वाहनों के लिए ही होती थी अब दो पहियाँ वाहन पर भी लागू कर दी गई है वो है पॉल्यूशन सर्टिफिकेट का अनिवार्य होना। इसमें भी झंझट यह की यदि उत्तर प्रदेश में पॉलुशन सर्टिफिकेट छ माह के लिए बना है तो वह दिल्ली में सिर्फ तीन माह के लिए ही मान्य होगा। क्या नादिरशाही फरमान है यह ?इसे बदलना ही चाहिए ,देश के सभी राज्यों में समान रूप से समान समय की मान्यता होनी चाहिए।
अब इसमें भी यह बात समझ में नहीं आती की जब नए वाहनों के लिए पॉलुशन के नए नियम बना दिए गए हैं तो फिर नए सर्टिफिकेट की क्या जरूरत है ?जब BS -4 -5 -6 के नियम के हिसाब से इंजन बन रहे हैं तो पॉलुशन सर्टिफिकेट की क्या जरूरत रह जाती है ?पुराने वाहनों के लिए यह सर्टिफिकेट जरूरी किया जाना तो समझ में आता है लेकिन क्या उपभोक्ता को पेट्रोल -डीजल सही मिल रहा है ?देश में मिलावटी तेल के खेल से सभी परिचित हैं। मिलावटी तेल की धर पकड़ को कोई कार्यवाही नहीं हो रही। बस कभी -कभी किसी पेट्रोल पंप पर जांच कर इतिश्री कर लिया जाता है।
इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है की मात्र सौ रूपये में जनता का कैसा भी वाहन हो उसे पॉलुशन फ्री सर्टिफिकेट मिल जाता है। सड़को पर धुआँ छोड़ते ,पॉलुशन फ्री सर्टिफिकेट प्राप्त वाहन चलते मिल जाएंगे। फिर इस नियम का क्या औचित्य ? *सुनील जैन राना *
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