गुरुवार, 24 अक्तूबर 2019




अशर्फियाँ लुट रही ,कोयलो पर मोहर लग रही ?
October 24, 2019 • सुनील जैन राना
आज महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए चुनावों के नतीजे आ गए। बीजेपी के अनुमान के मुताबिक नतीजे नहीं आये। फिर भी लगता है दोनों जगह बीजेपी की सरकार बन जानी चाहिये। लेकिन बीजेपी को अब चिंतन करना चाहिए की अनुमानों के मुताबिक नतीजे क्यों नहीं आये ?
आज देश एक अजीब से दौर से गुजर रहा है। एक तरफ मोदी सरकार देश की जरूरत के अनेक क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य कर रही है। दूसरी तरफ देश में एक अजीब सी बेचैनी दिखाई दे रही है। देश में एक ओर देश विरोधी ताकतों पर शिकंजा कसा गया है जिसके कारण आम आदमी राहत महसूस कर रहा है लेकिन दूसरी ओर वही आम आदमी व्यापार -रोजगार के क्षेत्र में अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है।
कांग्रेस के दूसरे कार्यकाल में हुए घोटालों के फलस्वरूप लाखों फर्जी कंपनियों पर ताला तो लगाया गया लेकिन उनसे वसूली नहीं हो सकी जिसके कारण आज अर्थव्यवस्था अनमने से दौर में गुजर रही है। बैंको -कॉर्पोरेट्स -नेताओ की मिलीभगत से सरकारी धन लूट बरामद होने के बजाय बढ़ती दिखाई दे रही है। इसी सरकारी धन की बरामदगी को उठाये कदम आज जनता पर भारी  पड़ रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे अशर्फियाँ तो लुट गई अब कोयलों पर मोहर लगाई जा रही है।
देश में तीन तरह के नागरिक हैं। एक तो वह हैं जिन्हे सिर्फ अपने पेट और अपनी तिजोरी भरने से ही मतलब है बाकि सब जाये भाड़ में। दूसरे नागरिक ऐसे हैं जो देश को बनता नहीं बल्कि बिगड़ता देख खुश होते हैं। ऐसे नागरिकों के संबंध देश विरोधी ताकतों से बहुत अच्छे हैं। तीसरे तरह के नागरिक ऐसे हैं जो अपने लिए भी कार्य करते हैं और देश के लिए भी कार्य करते हैं। लेकिन इनमे भी कुछ ऐसे हैं जो अपनी कमाई में कटौती होने पर देश की अच्छाई में भी कटौती करने से पीछे नहीं हटते। ऐसे में देश को चलाना आसान नहीं होता है। यही अब मोदी सरकार में होने जा रहा है। मोदीजी की नीतियां भले ही देशहित में हों लेकिन जनता अपना अहित होते देख पाला बदलने में देर नहीं करती। ऐसा ही कुछ रुझान इन चुनावों में देखने को मिल रहा है। हरियाणा में कांग्रेस को ३१ सीटे मिलना एवं महाराष्ट्र में कांग्रेस को ४६ और एनसीपी को ५४ सीटे मिलना इसी बात को सार्थक करता है।
देश की जनता को मुफ्त में चाहे जितना भी दे दो उसका अहसान कम होता है ,उनके ऊपर कुछ पाबंदियां लगा दो तो उसके विरोध में अहसान खत्म हो जाता है। ऐसा ही आज की राजनीति में देखने को मिल रहा है। कश्मीर से धारा ३७० हटाना ,पाकिस्तान को बिना मारे -पीटे उसके हाथ में कटोरा थमाकर उसे गिड़गिड़ाने को मजबूर कर देना मोदीजी की ही ताकत की बात है। लेकिन देश की कुछ जनता को सिर्फ अपनी फ़िक्र है देश की नहीं। ऐसे में अब मोदी सरकार को इन सब पहलुओं पर विचार मंथन करना ही होगा।    *सुनील जैन राना *

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