साझा विरासत बनाम बचीखुची विरासत
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मोदीजी के विरोध करने के लिए सम्पूर्ण विपक्ष कोई भी मौका
हाथ से नहीं जाने देता। साथ ही विपक्ष की एकता बनाये रखने
के लिए भी पुरजोर कोशिशें जारी हैं।
विपक्ष के महागठबंधन का फार्मूला नितीश कुमार ने फेल कर
दिया। अब नितीश कुमार से नाराज़ चल रहे शरद यादव ने
विपक्ष को इकट्ठा रखने के लिए नया फार्मूला निकाला साझा
विरासत का। यानि की महागठबंधन फेल साझा विरासत शुरू।
अब जनता यह नहीं समझ पा रही है की कौन सी साझा विरासत
की बात कर रहे हैं ये सब विपक्षी।
हर बार एन मौके पर कोई न कोई धोखा दे ही देता है। हर किसी
की जेब में दूसरे की जन्मपत्री रखी है। पहले के कभी धुरविरोधी
अब कैसे दिल मिला सकते हैं। कौन सी साझा विरासत की बात
कर रहे हैं ये सब मोदी विरोधी। लगता है अपनी बचीखुची विरासत
को बचाने में लगे हैं सभी विपक्षी दल।
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